- डीएम के निर्देशों को हल्के में ले रहे मेला आयोजक
- न तो अभी महिला स्नान घाट तैयार है और न ही पथ प्रकाश की व्यवस्था
जनवाणी संवाददाता |
हस्तिनापुर: कछुआ गति से चल रहे मखदूमपुर कार्तिक पूर्णिमा मेला तैयारियों के चलते ऐतिहासिक गंगा मेले पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है। पांच दिन तक आयोजित होने वाले इस मेले में दुकानें तो सजनी शुरू हो गई है, लेकिन जिला पंचायत अधिकारियों की लापरवाही के चलते उद्घाटन को तीन दिन शेष रहने के बाद अभी तक महिला स्नान घाट सहित अन्य तैयारियोें का कही अता-पता नहीं है।
दो दिन पूर्व मेला तैयारियों को लेकर मेले स्थल के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कार्य में तेजी लाने के आदेशों के बाद भी अभी तक कार्य कछुआ चाल अपनाये हुए हैं। हिन्दू धर्म की आस्था का प्रतीक कार्तिक पूर्णिमा पर मखदूमपुर गंगा घाट पर आयोजित होने वाले मेले को ऐतिहासिक बनाने के लिए जिला पंचायत के वादे धराशाई होते नजर आ रहे हैं। लगभग 80 सालों में पहली बार पांच दिन तक चलने वाले मेले के उद्घाटन को तीन दिन शेष रहने के बाद भी मेले की तैयारी और व्यवस्थाओं की बाट जोहता नजर आ रही है।
मेले में दुकानदारों ने दुकानें सजाने की तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते मेले की तैयारी उद्घाटन से पूर्व पूरी नजर नहीं होती आ रही है। मेले में पशु के स्नान के लिए अलग से बनाये जाने वाले स्नान घाट के साथ महिला स्नान घाट भी अभी तक कही नजर नहीं आ रहा है।
अस्थाई सड़कों पर फंस रहे श्रद्धालुओं के वाहन
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा घाट पर आयोजित होने वाले ऐतिहासिक मेले की तैयारियों का बोलबाला यही समाप्त नहीं हो जाता है। मेले में आने जाने के लिए बने अस्थाई मार्ग भी अभी तक बनकर तैयार नहीं है। तीन दिन पूर्व निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी दीपक मीणा ने कार्य में तेजी लाने के आदेश भी हवाई होते नजर आ रहे हैं।
साथ ही मेले में आने वाले श्रद्धालुुओं और दुकानदारों के वाहन भी सड़कों में फंसते नजर आ रहे हैं। जिलाधिकारी में मेले स्थल के निरीक्षण के दौरान सड़कों पर रोड रोलर चलने के आदेशों को भी जिला पंचायत अधिकारियों ने हवा हवाई कर दिया।
दुकानदारों की पीड़ा
मेले में दुकान लगाने आये सुधीर, बिजेन्द्र, राजबीर, शिवचरण आदि का कहना है कि जिला पंचायत मेले का आयोजन तो पांच दिन के लिए कर रही है, लेकिन अभी तक मेले में पीने के पानी की व्यवस्था के लिए नल तक नहीं लगाये गये। मेले की अस्थाई सड़कें भी ठीक से तैयार नहीं है। जिसके चलते उन्हे काफी दिक्कतें झेलनी पड़ रही है।