Saturday, April 19, 2025
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उद्योग बंधुओं की समस्याएं प्राथमिकता से निस्तारित: एडीएम

  • एडीएम की अध्यक्षता में उद्योग बंधुओं की बैठक आयोजित

जनवाणी ब्यूरो |

शामली: अपर जिलाधिकारी अरविंद कुमार सिंह ने सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि उद्योग बंधुओं की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करें।

अपर जिलाधिकारी अरविंद कुमार सिंह सोमवार को कलक्ट्रेट सभागार में उद्योग बंधुओं की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उद्यमियों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बैठक में विद्युत विभाग के एक्सईएन प्रथम ना आने पर स्पष्टीकरण मांगा।

आईआईए द्वारा बताया गया कि उद्योगिक संस्थान का नाला 08 वर्ष पूर्ण सिंचाई विभाग द्वारा बनवाया गया था जो चोक होकर बन्द हो गया है। इस नाले की सफाई व रिपेयर कराने की मांग की गई। अपर जिलाधिकारी ने पीडब्ल्यूडी जल निगम आईआईए की संयुक्त टीम बनाकर 15 दिन के अन्दर आख्या दें ताकि जल्द से जल्द समस्या का समाधान हो।

उन्होंने सिंचाई विभाग को निर्देश दिये कि राजवाहे के किनारे जमा मलबा 31 दिसम्बर तक हटवाना सुनिश्चित करें। किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी। उन्होंने उद्यमियों ने अवगत कराया कि प्रदूषण विभाग से उद्यमियों को कोई भी सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पूर्व में भी प्रदूषण विभाग द्वारा एक कैम्प का आयोजन कराया गया था परन्तु किसी भी उद्यमियों को कोई लाभ नहीं मिला।

अपर जिलाधिकारी ने प्रदूषण विभाग के अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद शामली के उद्यमी के लिये सप्ताह में दो दिन चिन्हित करें ताकि उद्यमियों की समस्या का समाधान किया जा सकें।

इस अवसर पर संयुक्त उपायुक्त उद्योग सहारनपुर सिद्धांत कुमार यादव, उपायुक्त उद्योग परम हंसमौर्य, अंकित गोयल, निखिल, अरूण, अमित जैन, राहुल, आशीष जैन, अमित जैन, अनुज गर्ग, विशाल गुप्ता आदि सम्बन्धित उपस्थित रहे।

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विकसित क्षेत्र को सरकारी नक्शें में जुड़वाने की मांग

इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष अंकित गोयल ने बैठक में कहा कि औद्योगिक आस्थान की स्थापना सन 1983 में हुई थी और उसमें जिला उद्योग केन्द्र द्वारा उद्यमियों को प्लाट व शेड आवंटित हुए थे। जिनकी संख्या बहुत कम थी, और जितने एरिया में ये प्लाट व शेड बने हुये थे उतना ही एरिया जिला उद्योग केन्द्र के नक्शे में औद्योगिक आस्थान दशार्या गया है। परन्तु अब औद्योगिक आस्थान का क्षेत्र काफी बढ़ गया है।

सरकार को जीएसटी, इन्कमटैक्स व अन्य सभी करों के रूप में करोडों रुपये प्रति माह टैक्स दिया जा रहा है। जिला पंचायत को लगातार लाइसेंस शुल्क व टैक्स दिया जा रहा है। औद्योगिक इकाईओं में लगभग 4 हजार कर्मचारियों को रोजगार दिया गया है। उन्होंने जिला उद्योग केन्द्र को आदेशित कर औद्योगिक आस्थान के इस भाग को भी सरकारी नक्शे में जुड़वाने की मांग की।

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