जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बारिश कहर बनकर बरस रही है। मंगलवार सुबह अल्मोड़ा के भिकियासैंण में एक मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया। इस दौरान दो बच्चे मलबे में दब गए।
जानकारी मिलने पर एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू शुरू कर दिया है। उधर, बाजपुर में लेवड़ा नदी उफान पर आ गई। जिससे मुख्य बाजार और कॉलोनियों में बाढ़ का पानी भर गया। पानी भरने से लोगों के घरों का सामान भी पूरी तरह खराब हो गया है।
खतरे के निशान से ऊपर बह रही कोसी नदी
कोसी नदी में पानी बढ़ने से रामनगर के गर्जिया मंदिर को खतरा पैदा हो गया। पानी मंदिर की सीढ़ियों तक पहुंच गया है। वहीं बैराज के सभी फाटक खोल दिए गए हैं।
कोसी बैराज पर कोसी नदी का जलस्तर 139000 क्यूसेक है। जो खतरे के निशान से काफी ऊपर है। कोसी बैराज में खतरे का निशान 80000 क्यूसेक है।
उधर, हल्द्वानी में गोला नदी उफान पर आने से नदी पर बना अप्रोच पुल टूट गया। जिसके कारण वहां आवाजाही बंद हो गई है। टनकपुर में शारदा नदी के उफान से क्रशर मार्ग ने नाले का रूप ले लिया है।
मंगलवार की सुबह गोला नदी का जलस्तर 90 हजार क्यूसेक पार हो गया। जिससे अप्रोच पुल टूट गया। सूचना पर प्रशासन और एनएचएआई के अधिकारियों ने सड़क का जायजा लिया। नदी का जलस्तर बढ़ने से गोला बैराज को खतरा पैदा हो गया है।
बारिश के कारण नाला भी उफान पर आ गया जिससे नाले के किनारे बना एक मकान बह गया। उधर, नैनीताल में भारी बारिश से कई जगह पानी भर गया है।
हरिद्वार में खतरे के निशान पर पहुंची गंगा
पहाड़ों की बारिश के बाद हरिद्वार में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। सुबह साढ़े आठ बजे से पानी के जलस्तर में बढोतरी हुई है। जिसके बाद से प्रशासन अर्लट मोड पर है। बैराज के खतरे का निशान 294 मीटर पर है।
उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के एसडीओ शिवकुमार कौशिक ने बताया कि रात 12:00 बजे के बाद टिहरी बांध व श्रीगंगानगर से पानी छोड़े जाने से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। जिससे क्षेत्र में अलर्ट जारी किया गया है
ऋषिकेश में त्रिवेणी घाट का आरती स्थल डूबा
ऋषिकेश में गंगा खतरे के निशान से महज 20 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। त्रिवेणी घाट के आरती स्थल समेत विभिन्न गंगा घाट जलमग्न हो गए हैं।
प्रशासन तटीय क्षेत्रों में रह रहे लोगों को आश्रय स्थलों में शिफ्ट कर रहा है। ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर 340.30 मीटर पर पहुंच गया है। गंगा चेतावनी निशान 340.50 मीटर के बिल्कुल करीब पहुंच गई है।
केंद्रीय जल आयोग ने मैदानी जिलों के प्रशासन अलर्ट कर दिया है। पुलिस गंगा के तटीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों लगातार अलर्ट कर रही है।
वहीं चंद्रेश्वर नगर, मायाकुंड, चंद्रभागा के आसपास रहने वाले लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है। त्रिवेणी घाट का आरती स्थल, परमार्थ घाट, नाव घाट, शत्रुघ्न घाट आदि घाट पानी में डूब गए हैं।
केदारघाटी में बर्फबारी
केदारनाथ में बारिश के साथ ऊपरी पहाड़ियों पर बर्फबारी हो रही है। वहीं, यमुनोत्रीधाम सहित यमुना घाटी की पहाडियां कोहरे से ढकी हुई हैं। उधर, राजधानी देहरादून समेत पहाड़ो की रानी मसूरी मे चटक धूप खिली है।
कई ट्रेनें प्रभावित
बारिश के बाद उत्तराखंड आने वाली कई ट्रेनें निरस्त की गई हैं। वहीं, कई ट्रेनों को शार्ट टर्मिनेट किया गया है। सूचना के लिए पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल के मुख्य स्टेशनों पर हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।
- काठगोदाम- 9368702980
- हल्द्वानी – 9368702979
- रुद्रपुर – 9368702984
- लाल कुआं – 9368702978
पीएम मोदी ने सीएम से फोन पर ली नुकसान की जानकारी
वहीं, पीएम मोदी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से फोन पर प्रदेश में अतिवृष्टि से हुए नुकसान और संचालित बचाव व राहत कार्यों के बारे में जानकारी ली।
प्रधानमंत्री ने प्रदेश को हर आवश्यक सहयोग दिए जाने के प्रति आश्वस्त किया है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश में कुछ स्थानों पर नुकसान हुआ है। शासन प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है।
कई जगह हाईवे बंद
प्रदेश में पांच राष्ट्रीय राजमार्ग, सात स्टेट हाईवे सहित सैकड़ों ग्रामीण मोटर मार्ग बाधित हो गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शीघ्र सड़कों को खोलने के निर्देश जारी किए हैं।
चमोली जिले में ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पागलनाला और लामबगढ़ के समीप मलबा आने से अवरुद्ध हो गया है।
इसके अलावा 13 ग्रामीण मोटर मार्ग भी अवरुद्ध हैं। चमोली जनपद में सिमली रोड, थराली-ग्वालदम रोड और बदरीनाथ हाईवे अवरुद्ध है।
बदरीनाथ हाईवे जोशीमठ से बदरीनाथ तक चार जगहों पर भूस्खलन के कारण बंद है। इसके अलावा हनुमानचट्टी से बदरीनाथ के बीच तीन जगहों पर हाईवे बंद है। बदरीनाथ से किसी भी तीर्थयात्री को गंतव्य के लिए नहीं भेजा जा रहा है।
उत्तरकाशी में ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग 108 धरासू और सुखीटॉप के पास भूस्खलन होने के कारण बाधित है।
जबकि ऋषिकेश यमुनोत्री एनएच 94 यातायात के लिए खुला है। जिले में तीन ग्रामीण सड़कें अवरुद्ध हैं।
रुद्रप्रयाग में ऋषिकेश- केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग 107 टिहरी जनपद के अंतर्गत तोताघाटी के पास कुछ समय के लिए अवरुद्ध हुई थी, लेकिन अब इसे सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक यातायात के लिए खोल दिया गया है। टिहरी में एक राज्य मार्ग, दो ग्रामीण मार्ग अवरुद्ध हैं।
इधर, नैनीताल जिले में दो राष्ट्रीय राजमार्ग, तीन राज्य मोटर मार्ग और चार ग्रामीण मार्ग अवरुद्ध हैं। अल्मोडा में एक राज्य मोटर मार्ग सहित दो ग्रामीण सड़कें बंद हैं। चंपावत में टनकपुर-चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग 09 स्वाला व भारतोली के पास भूस्खलन व बड़े बोल्डर आने के कारण यातायात के लिए अवरुद्ध हो गया है।
जिले में चार ग्रामीण मोटर मार्ग भी बंद हैं। पिथौरागढ़ में दो बार्डर रोड, 11 ग्रामीण सड़कें बंद हैं। जबकि टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग गुरना मंदिर के समीप भूस्खलन के कारण बंद है।
कई जिलों में बारिश के आसार
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एवं वरिष्ठ मौसम विज्ञानी विक्रम सिंह के मुताबिक अटलांटिक और भूमध्य सागर चली हवाओं के चलते पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ और हवाएं अफगानिस्तान, पाकिस्तान होते हुए उत्तराखंड पहुंची और अक्तूबर में मौसम का मिजाज दो दिन के लिए पूरी तरह बदल कर रख दिया।
फिलहाल पश्चिमी विक्षोभ और दक्षिणी पूर्वी हवाओं का दबाव खत्म हो चुका है तो अगले 24 घंटे में बारिश की संभावना बहुत कम है।
हालांकि पिथौरागढ़, नैनीताल, चंपावत, पौड़ी जैसे जिलों में कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। राजधानी दून और आसपास की आसमान साफ रहने के साथ नहीं कुछ जगहों पर बादल छाए रहेंगे।
राज्य में रिकाॅर्ड बारिश
सोमवार सुबह से लेकर मंगलवार की सुबह पूरे राज्य में 36.7 मिमी बारिश रिकाॅर्ड की गई। सबसे अधिक बारिश रिकार्ड चंपावत का है। यहां सबसे अधिक 115.6 तो वहीं देहरादून में सबसे कम 19.1 मिमी बारिश रिकार्ड की गई।
मौसम विज्ञानी विक्रम सिंह के मुताबिक इस अवधि में पूरे राज्य में औसतन 2.4 मिमी बारिश होती है, लेकिन मौसम के बदले मिजाज के चलते 36.7 मिमी बारिश हुई। ऐसे में सामान्य से 1428 फीसदी अधिक बारिश रिकार्ड की गई। जो हाल फिलहाल में अक्तूबर में सबसे अधिक बारिश है।