जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: बहुजन क्रांति मोर्चा एवं राष्ट्रीय किसान मोर्चा के तत्वावधान में महामहिम राष्ट्रपति महोदय के नाम एक ज्ञापन जिलाधिकारी मेरठ को दी जिसमें बहुजन मुक्ति पार्टी के पदाधिकारियों ने मांग की है कि इस काले कानून को तुरंत रद्द किया जाए।
बहुजन मुक्ति पार्टी के पश्चिमांचल महासचिव एवं मेरठ मंडल अध्यक्ष आरडी गादरे ने कहा कि मोदी सरकार के खिलाफ किसान आंदोलन पूरे देश में चल रहा है, क्योंकि किसान विरोधी काले कानून को जनहित में लागू नहीं किया जा रहा है। इसलिए इस आंदोलन को दबाने के लिए केंद्र सरकार ने पुलिस द्वारा किसानों पर ठंडे पानी के फव्वारे और आंसू गैस के गोले दागे जिससे बुजुर्ग आंदोलनकारी किसान शहीद हो गए।
शहीद किसान को एक करोड रुपए मुआवजा केंद्र सरकार से देने की मांग की और पूरे देश में किसानों द्वारा उत्पादित उपज का उसके लागत मूल्य से डेढ़ गुना ज्यादा मूल्य को न्यूनतम निर्धारित मूल्य पर अनिवार्य रूप से खरीदारी कराई जाए। केंद्र सरकार ने कामगार और किसान विरोधी कानून बनाए हैं।
इससे यह सिद्ध होता है कि उनको जनता के आक्रोश का डर नहीं है। उनके पास ईवीएम है और ईवीएम में गड़बड़ी कर चुनाव जीत सकते हैं। इसलिए हम लोग मांग करते हैं कि केंद्र सरकार का यह काला कानून तत्काल रद्द करे। आने वाले वक्त में ईवीएम से चुनाव ना कराकर बैलेट पेपर से कराए जाएं। अपनी मांगों सम्बन्धी ज्ञापन डीएम को भेजा गया।
ज्ञापन देने वालों में पश्चिमांचल प्रदेश महासचिव एवं मेरठ मंडल अध्यक्ष आरडी गादरे, जिलाध्यक्ष ओमवीर सिंह, राष्ट्रीय किसान मोर्चा पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी राम सिंगार, जिलाध्यक्ष चौधरी इस्तयाक, मेरठ मंडल महासचिव कारी इरफान, उत्तर प्रदेश महासचिव ज्ञानेंद्र पटेल, डॉक्टर फारूक, इरशाद अली, एडवोकेट जावेद, एडवोकेट कृष्ण पाल गुर्जर, बहुजन क्रांति मोर्चा से डॉ एसपी सिंह, राष्ट्रीय किसान मोर्चा के कश्मीर सिंह, प्रीतम सिंह, खजान सिंह, गुरदेव सिंह, मोहन सिंह, जगसीर सिंह और बहुजन मुक्ति पार्टी के जिला उपाध्यक्ष डॉ खुर्शीद, मेरठ मंडल के सचिव सुखबीर यादव, मेरठ दक्षिण विधानसभा सचिव मोहम्मद सलमानी, संगठन मंत्री अमजदद अली आदि मौजूद रहे।