Tuesday, April 16, 2024
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बिल्डर और मेडा अफसरों पर कसा जा रहा शिकंजा

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  • डाकघर में दरार का मामला सांसद भी लिख चुके पत्र

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: अप्सरा सिनेमा तोड़कर जिस कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जा रहा हैं, उसको लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। भाजपा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे गए पत्र से हड़कंप मच गया हैं। मेडा के अधिकारी भी सकते में हैं।

आखिर नियम विरुद्ध कॉम्प्लेक्स का मानचित्र कैसे स्वीकृत कर दिया। इसकी भी फाइल मेडा के अधिकारियों ने ओपन कर दी हैं। अब इसकी जांच पड़ताल आरंभ कर दी गई हैं। इस मामले में कॉम्प्लेक्स के मालिक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हो चुकी हैं, जिसकी विवेचना पुलिस कर रही हैं।

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कुछ समय पहले घंटाघर के समीप अप्सरा सिनेमा को तोड़कर एक कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया गया हैं। कॉम्प्लेक्स में बेसमेंट भी बनाया गया हैं, जिसके बाद कई मंजिली इमारत खड़ी कर दी गई हैं। इमारत निर्माण के दौरान पास में ही डाकघर आॅफिस हैं, जिसकी दीवारों में दरार आ गई हैं तथा पूरी बिल्डिंग जर्जर हो गई हैं। बिल्डिंग कभी भी गिर सकती हैं, जिसके चलते बिल्डिंग को खाली करा दिया गया हैं।

इसके बाद से ही कॉम्प्लेक्स के निर्माण को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इसमें डाकघर की तरफ से एक एफआईआर कॉम्प्लेक्स मालिक और नगर निगम के खिलाफ दर्ज करायी गयी हैं। इसके बाद ही भाजपा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने यहां का दौरा भी किया था, जिसके बाद एक पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी लिखकर मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) के अफसरों की भूमिका को लेकर भी जांच कराने की मांग की हैं।

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कहा है कि तमाम अवैध बिल्डिंग पुराने शहर में बनकर खड़ी हो गई हैं, जिनको रोका नहीं जा रहा हैं। इसमें मेडा इंजीनियर सख्ती नहीं कर रहे हैं, जिसके चलते निर्माण दर निर्माण होते जा रहे हैं। इसी के बाद भाजपा सांसद आक्रोशित हो गए तथा मेडा अफसरों की जांच कराने के लिए मुख्यमंत्री को एक पत्र लिख दिया। यह पत्र ठीक उसी तरह से लिखा गया है, जिस तरह से सांसद ने सोतीगंज के स्याह कारोबार के खिलाफ मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

अब देखना ये है कि मुख्यमंत्री इस पत्र के बाद मेडा के इंजीनियरों पर शिकंजा कस पाते हैं या फिर नहीं। मेरठ विकास प्राधिकरण में फिलहाल कॉम्प्लेक्स की फाइल खुल गई हैं। उसका मानचित्र स्वीकृत हैं, क्या उसके अनुसार ही कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जा रहा हैं? यदि नहीं किया जा रहा हैं, तो उसको लेकर मेडा इंजीनियरों की टीम ने मौका मुआयना भी किया तथा इसमें कॉम्प्लेक्स मालिक के खिलाफ शिकंजा कसा जा रहा हैं। कॉम्प्लेक्स का मानचित्र निरस्त भी किया जा सकता हैं।

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