Sunday, July 20, 2025
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…तो क्या हालात बिगड़ने का इंतजार?

  • रात को है कर्फ्यू, दिन में बाजारों में खुली छूट

जनवाणी संवाददाता  |

मेरठ: कोरोना के मामले में मेरठ में भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। दिब-पर-दिन इनके मामलों में वृद्धि होती जा रही है, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से कोई खास कदम नहीं उठाये जा रहे हैं। प्रशासन की ओर से रात्रि कर्फ्यू लगाया गया है, लेकिन दिन में बाजरों में जिस कदर भीड़ घूम रही है। उससे नहीं लगता कि रात्रि कर्फ्यू से कुछ होने वाला है। प्रशासन को यहां दिन में भी बाजार में कोई न कोई व्यवस्था करनी होगी। बाजार में बेकाबू होती भीड़ को रोकने लिये प्रशासन को सख्ती से कदम उठाने होंगे। कहीं ऐसा न हो जाये कि पहले की तरह स्थिति बेकाबू हो जाये और प्रशासन कुंभकर्णी नींद में सोता रहे।

बता दें कि मेरठ में सोमवार को कोरोना के 48 मामले सामने आये थे। यहां अब एक्टिव केसों की संख्या 200 के आसपास पहुंच चुकी है। ऐसे में जिला प्रशासन को कुछ और सख्ती करने के आवश्यकता है। बाजारों की भीड़ को देखकर ऐसा नहीं लगता कि लोगों को कोई असर पड़ रहा है।

जो चाहे वहां बिना मास्क के घूम रहा है, लेकिन लोगों के चालान नहीं काटे जा रहे हैं। बाजारों में भी बिना मास्क के ग्राहकों को एंट्री दी जा रही है। शहर के मुख्य बाजार लालकुर्ती बाजार, भगत सिंह मार्केट के हाल तो सबसे अधिक खतरनाक है। यहां पर पैर रखने की तक की जगह नहीं है। जिस कारण कोरोना के मामले तेजी से फैलने की आशंका बनी हुई है।

साप्ताहिक पैंठों पर लगे रोक

शहर में कई जगहों पर साप्ताहिक पैंठ लग रही है। जिसमें लोहियानगर में बुधवार को, जागृति विहार में गुरुवार को और इसके अलावा अलग-अलग जगहों पर पैंठ लग रही है। जहां रोजाना भीड़ रहती है। इन पैंठ बजारों में न तो दुकानदार ही और न ही ग्राहक नियमों का पालन करते हैं। जिस कारण कोरोना के मामले इस समय बढ़ रहे हैं। उनमें और भी तेजी से वृद्धि होने की संभावना है।

बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को लेकर कमिश्नर ने की समीक्षा

लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों को लेकर कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने मंगलवार को मंडल भर के जिलाधिकारी और सीएमओ की बैठक ली तथा कोरोना संक्रमण रोकथाम के लिए प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनपदों में एंटीजन और टेस्टिंग लक्ष्य कम हो रही है, जिसे तत्काल बढ़ाया जाना चाहिए। कहा की कांटेक्ट रेसिंग की कार्रवाई समय से की जाए, ताकि संक्रमण की चैन को न्यूनतम किया जा सके साथी गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर तथा मेरठ में एक्टिव केस की संख्या प्रतिदिन बढ़ने पर चिंता व्यक्त की हापुड,Þ बुलंदशहर में कॉमेडी वैक्सीनेशन में सुधार के जाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

उन्होंने कहा कि बुलंदशहर 23वें एवं मेरठ भी एक तीसरे स्थान पर है। दूसरी डोज में भी जनपद हापुड़ व बुलंदशहर में स्थिति संतोषजनक नहीं है। बुलंदशहर में रैपिड रिस्पांस टीम आरआरटीएस गठित है, जो मंडल में सबसे कम है।

अब कोरोना प्रोटोकॉल में होगा पठन-पाठन

कोरोना और ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे को देखते हुए जहां दिल्ली में स्कूल और कॉलेजों को बंद कर दिया गया हैं वहीं अब यूपी में भी शासन की ओर से स्कूलों के संचालन के लिए गाइडलाइन जारी कर दी गई है। गाइडलाइन में स्पष्ट कर दिया गया है कि स्कूलों को अब छात्र-छात्राओं को बुलाना के लिए फिर से अभिभावकों की अनुमति लेनी होगी। आदेशों में कहा गया है सभी स्कूल अपने यहां सैनिटाइजेशन की व्यवस्था के साथ-साथ थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था करे और स्कूल की छुट्टी के समय सोशल डिस्टेंसिंंग का पालन करे ताकि भीड़ एक साथ एकत्रित न हो सके। विद्यालय में एक से अधिक द्वार है तो उनका उपयोग भी सुनिश्चित किया जाए। कक्षाओं में भी छात्र-छात्राओं को दो गज की दूरी का पालन अवश्य कराया जाए।

वहीं स्कूल के दौरान यदि कसी छात्र-छात्राएं की तबीयत खराब होती है तो उसका उपचार करा उसे घर भेजा जाए। वहीं शिक्षकों व स्कूल के समस्त स्टाफ को मास्क पहनकर रहना होगा। इसका पालन छात्र-छात्राओं से भी कराया जाए। स्कूलों में प्रार्थना सभा, सांस्कृतिक कार्यक्रम और खेल गतिविधियों का आयोजन कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत किया जाए।

यदि विद्यार्थी बस से आते जाते हैं तो बसों का दिनभर में वाह्य एवं आंतरिक रूप से सोडियम हाइपोक्लोराइड विलयन से स्प्रे किया जाए। जिला विद्यालय निरीक्षक गिरजेश कुमार चौधरी का कहना है कि स्कूलों को आदेशों का पालन करने के निर्देश जारी किए जा रहे हैं। सभी स्कूलों को यह भी कहा गया है कि बच्चों पर स्कूल आने का दवाब नहीं बनाया जाए।

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