Saturday, April 20, 2024
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साफ-सफाई के टेंडर में भ्रष्टाचार की ‘बू’

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  • प्रांतीय नौचंदी मेला संपन्न होने में 20 दिन शेष, जीएसटी सहित टेंडर की निविदा 7,43,896,00 रुपये रखी
  • 25 मई 2023 तक शाम चार बजे तक प्रभारी नगर स्वास्थ्य के कार्यालय में खोली जायेंगी निविदा

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: प्रांतीय नौचंदी मेले में इस बार अधिकतर टेंडर जो छोडेÞे गये हैं, वो नौचंदी मेले के शुभारंभ होने के बाद छोडेÞ गये हैं। कुछ ऐसे भी टेंडर हैं, जोकि अभी तक सेटिंग नहीं होने या अन्य किसी कारण के चलते नहीं छोड़े जा सके। उनमें से एक महत्वपूर्ण टेंडर साफ-सफाई का भी शामिल है। मेले में सबसे पहले साफ-सफाई का कार्य ही शुरू होता है और इसका टेंडर छोड़ा जाना चाहिए था, लेकिन अभी तक नहीं छोड़ा गया।

शायद मेला संपूर्ण होने के बाद ही टेंडर निकाला जा सकेगा। दो माह पूर्व मेले का उद्घाटन हुआ था, लेकिन अभी तक साफ-सफाई का महत्व पूर्ण टेंडर नहीं छोड़ा जा सका है। देरी से टेंडर छोड़े जाने वजह कुछ भी हो, लेकिन ये मामला चर्चा का विषय बना हुआ हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ है, तब ऐसा घालमेल हो रहा हैं। मुख्यमंत्री जीरो टोलरेंस की बात करते हैं और अधिकारी भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं।

अफसरों पर चाबुक भी नहीं चल रही हैं, जिसके चलते अफसर बैखोफ हैं। चर्चाएं चल रही है कि अभी टेंडर को लेकर ठेकेदार व मेला समिति के बीच सामंजस्य नहीं बन पाने के कारण टेंडर प्रक्रिया में देरी हो रही है। इस टेंडर की निविदा 25 मई को प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम के कार्यालय में शाम 3 बजे तक जमा कराई जा सकती है और उसी दिन शाम 4 बजे टेंडर खोला जायेगा।

दूसरे प्रांतीय नौचंदी मेले के सफल आयोजन को लेकर बजट तो अच्छा खासा खर्च किया जा रहा है, लेकिन धरातल पर व्यवस्था पूरी तरह से बेपटरी दिखाई दे रही है। मेले में रंगाई-पुताई या फिर दीवार एवं भवन की मरम्मत के कार्य का टेंडर हो या फिर विद्युत लाइट व्यवस्था का उन सब में भारी भरकम बजट पास किया। मेला उद्घाटन के काफी दिन बाद टेंडर छोड़ा गया और ठेकेदार के द्वारा अधिकतर दीवारों पर बिना मरम्मत एवं प्लास्टर के ही दीवारों पर रंगाई-पुताई की खानापूर्ति करा दी गई।

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वहीं, निर्माण के दौरान जो र्इंटे लगाई गई वह भी घटिया स्तर की र्इंटे निर्माण में लगाई जाने की शिकायत जब अधिकारियों तक पहुंची तो जांच के नाम पर नोटिस जारी कर मामले में खानापूर्ति कर दी गई। बावजूद उसके ठेकेदार ने घटिया स्तर की र्इंटों से ही निर्माण करते हुये आनन-फानन में दीवारों पर प्लास्टर करा दिया ताकि घटिया स्तर की र्इंट किसी को दिखाई न दें। वहीं जिस समय तक झूलों का टेंडर नहीं हो सका था, उस समय झूले भी मेले में पहुंच गये और उनके बाद उसी ठेकेदार का टेंडर हुआ जिसके झूले मेले में पहुंच गये थे

आखिर उसे यह कैसे मालूम था कि टेंडर उसका पास होगा। यदि उसका टेंडर पास न होता तो क्या वह झूले वापस ले जाता, कई ऐसे सवाल हैं,जिसमें टेंडर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की बू आती दिखाई दी। यहां तक की दुकानदारों को अपने जेब खर्च पर मेला नौचंदी परिसर में दुकान लगाने की जगह पर मिट्टी डलवाई और मजदूरों से उस जगह को समतल कराया। मेले में सबसे महत्वपूर्ण कार्य साफ सफाई का होना चाहिए।

जिसके लिये टेंडर भी मेले के शुभारंभ के दौरान से ही हो जाना चाहिए था, लेकिन वह ठेका 23 मई तक भी नहीं हो सका है। 22 मई को इस संबंध में निविदा मांगी गई और 25 मई को दोपहर 3 बजे तक टेंडर मांगे गये और 25 मई को ही शाम 4 बजे प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. हरपाल सिंह के कार्यालय में टेंडर खोले जायेंगे, उसके बाद ही ठेकेदार को ठेका छोड़ा जायेगा। सफाई के इस टेंडर पर सात लाख 43 हजार रुपये से अधिक का बजट रखा गया है।

मेला संपन्न होने में 20 दिन शेष हैं और सफाई पर इतना बड़ा बजट खर्च किया जा रहा है। यदि जिस ठेकेदार से बिना टेंडर के ही साफ-सफाई कराई जा रही है और उसे टेंडर छोड़ा जायेगा तो इसे मजबूत सेटिंग नहीं कहा जायेगा तो क्या कहा जायेगा। वहीं यदि टेंडर छोड़े जाने में कोई गड़बड़ी नहीं की जाती तो 20 दिन के भीतर साफ-सफाई व्यवस्था पर इतना भारी भरकम बजट कैसे खर्च किया जायेगा। तमाम ऐसे सवाल है जिसमें मजबूत सेटिंग या भ्रष्टाचार की बू का आना स्वभाविक है।

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