- निजी बैंकों ने थमाएं फार्म, आधार कार्ड मोबाइल नंबर समेत पहचान देना किया अनिवार्य
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: 2000 के नोट को बदलने या अकाउंट में जमा करने को लेकर सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंकों में अलग-अलग पॉलिसी अपनाई है। निजी क्षेत्र के बैंकों ने 2000 के नोट लेकर आने वाले ग्राहकों के लिए रिक्वेस्ट स्लिप ग्राहकों को थमा दी है। जिसमें उनसे न सिर्फ आईडी मांगी जा रही है, बल्कि 2000 के नोटों के सीरियल नंबर तक लिख कर देने को कहा गया है।
मंगलवार का दिन बैंक ग्राहकों और अधिकारियों के बीच उहापोह की स्थिति में गुजरा। भारतीय स्टेट बैंक कैंट क्षेत्र, इंडियन बैंक बेगमपुल रोड, एक्सिस बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक समेत विभिन्न बैंकों में सामान्य दिनों की भांति बैंकों में ग्राहक आते जाते रहे, और 2000 के नोट को लेकर शुरू हुई प्रक्रिया के बारे में अपनी जिज्ञासाओं को शांत करते दिखाई देते रहे।
कुछ लोग अपने खातों में 2000 के नोट जमा कराने के लिए पहुंचे भी, जिन्हें बैंकों में जमा करा दिया गया। हालांकि पहले दिन किसी भी बैंक में बहुत अधिक भीड़ की स्थिति देखने को नहीं मिली। इस बारे में कुछ लोग यह भी कहते दिखे कि 2000 के नोट जिनके पास हैं, उन्हें इसकी चिंता करनी चाहिए। आम लोगों के पास अब दो हजार के नोट रहे ही कब हैं।
इनमें से अधिकांश बहुत पहले प्रचलन से गायब होकर तिजोरियों में कैद होकर रह गए हैं। इसके विपरीत निजी क्षेत्र के बैंकों की ओर से अलग ही रणनीति अपनाई गई। निजी बैंकों की विभिन्न शाखाओं में 2000 का नोट बदलने वाले ग्राहकों के लिए एक स्लिप दी गई है, जिसे भरकर बैंक में जमा करना जरूरी है।
इस स्लिप में नोट बदलने वाले व्यक्ति से उसका अपना पता, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड या कोई भी सरकारी आईडी देने के लिए कहा गया है। उस आईडी का नंबर भी मांगा गया है, जो फार्म पर दर्ज करना है। इसके अलावा 2000 के नोट जो अधिकतम 10 की संख्या में लिए जाएंगे, उन सभी नोटों के सीरियल नंबर लिख कर देने को भी कहा गया। एक्सिस बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक के फॉर्म में यह डिटेल मांगी गई है।
वहीं यूको बैंक में भी इसी प्रकार का एक फार्म ग्राहकों को भरने के लिए दिया गया है। जिसमें नाम, आइडेंटी प्रूफ, मोबाइल नंबर, बैंक को दिए जाने वाले 2000 के नोटों की डिटेल लिख कर देने को कहा गया है। हालांकि इस डिटेल में क्या नोटों के सीरियल नंबर भी देने होंगे, इसका कोई उल्लेख यूको बैंक के फार्म पर दर्ज नहीं है।
बैंक अपनी पॉलिसी लागू करने के लिए आजाद
जिला अग्रणी बैंक अधिकारी एसके मजूमदार का कहना है कि 2000 के नोट बदले जाने के संबंध में किसी प्रकार के पैनिक की जरूरत नहीं है। आरबीआई ने चार माह सात दिन का समय 2000 के नोट जमा कराने के लिए दिया है।
आरबीआई की ओर से नोट जमा करने के संबंध में जो गाइडलाइन जारी की गई है, बैंक उसके अनुसार कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा हर बैंक को अपनी पॉलिसी लागू करने का भी अधिकार प्राप्त है।
निजी बैंकों में 2000 के नोट वापस किए जाने के संबंध में आईडी और सीरियल नंबर लिख कर दिए जाने के बारे में उनका कहना था कि यह बैंकों की अपनी पॉलिसी हो सकती है। जिसे वह अपने नीति निर्धारकों की मर्जी और दिशा निर्देश के अनुसार लागू कर सकते हैं।