जनवाणी ब्यूरो |
लखनऊ: जागरूकता के अभाव में किसानों द्वारा अपनी फसलों का बीमा नहीं कराया जाता जिस कारण आपदा के समय में उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है, इसलिए प्रत्येक किसान को चाहिए कि वह अपने नुकसान की क्षतिपूर्ति प्राप्त करने के लिए अपनी फसलों का बीमा अवश्य करवाएं। यह बात आज प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कृषि निदेशालय में आयोजित राज्य स्तरीय फसल बीमा जागरूकता कार्यक्रम के दौरान उपस्थित किसानों से कही। उन्होंने फसल बीमा के अंतर्गत सर्वाधिक क्षतिपूर्ति प्राप्त करने वाले किसानों को भी सम्मानित किया। कार्यक्रम का उद्घाटन कृषि मंत्री ने किया गया।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि भारत सरकार द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर किसानों को फसल बीमा के प्रति जागरूक कराने के लिए 1 से 7 दिसम्बर तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सप्ताह मनाया गया है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में भी किसानों को जागरूक करने का कार्यक्रम व्यापक स्तर पर चलाया जा रहा है। यह कार्यक्रम प्रदेश में पूरे दिसंबर माह चलेगा। शाही ने कहा कि कृषक द्वारा खरीफ मौसम के लिए 31 जुलाई तथा रबी मौसम के लिए 31 दिसंबर तक अपनी फसलों का बीमा कराया जा सकता है।
सूर्य कुमार शाही ने कहा कि कृषकों द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर खरीफ में धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, उर्द, मूंग, अरहर, मूँगफली, सोयाबीन व तिल तथा रबी में गेहूं, जौ, चना, मटर, मसूर, लाही-सरसों, अलसी व आलू का बीमा कराया जा सकता है। सभी फसलों हेतु कृषक द्वारा वहन किये जाने वाले प्रीमियम दर को खरीफ में बीमित राशि के 2 प्रतिशत, रबी में बीमित राशि के 15 प्रतिशत तथा खरीफ रबी की वार्षिक नगदी फसल के लिए बीमित राशि के 5 प्रतिशत की अधिकतम दर तक सीमित रखा गया है। कृषक अंश के अतिरिक्त प्रीमियम की धनराशि को केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा बराबर-बराबर वहन किया जायेगा। परन्तु प्रीमियम दर सिंचित क्षेत्र के लिए 25 प्रतिशत तथा असिंचित क्षेत्र के लिए 30 प्रतिशत से अधिक निर्धारित होने की दशा में अन्तर की बढ़ी हुई सम्पूर्ण धनराशि को राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा।