- कोरोना चेन को तोड़ने के लिये प्रशासन की व्यवस्था बेअसर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिये जिस उद्देश्य से लॉकडाउन लागू किया गया है उसे प्रशासनिक व्यवस्था ही ध्वस्त करने में लगी हुई है। लॉकडाउन के दौरान जहां शराब के ठेके गुलजार हो रहे हैं और मुस्लिम बहुल इलाकों में लोग सड़कों और गलियों में बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने में लगे हुए है। ऐसा लग रहा है कि लॉकडाउन शराब के ठेकों और मतगणना को लेकर उमड़ रही भीड़ को छोड़कर सभी पर सख्ती से लागू कर दिया गया है।
प्रशासन ने कोरोना से निपटने के लिये 83 घंटे का कर्फ्यू लगा रखा है। शासन के निर्देश पर शराब के ठेके खोले गए हैं। दिन भर लोग पुलिस से सेटिंग करके ठेकों से पव्वे खरीदने आ रहे हैं। कई ठेकों पर तो लाइनें भी लगती देखी गई। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में जहां-जहां मतगणना का कार्य चल रहा है। वहां पर इस कदर भीड़ उमड़ रही है वो कोरोना को आमंत्रित करने के लिये काफी है।
जबकि पूरे शहर में पुलिस सड़कों पर जिसको देख रही है उसके साथ सख्ती कर रही है, लेकिन ब्रह्मपुरी, लिसाड़ीगेट, हापुड़ अड्डे के आसपास के मोहल्ले कर्फ्यू से पूरी तरह मुक्त लग रहे हैं। पुलिस की निगाहें इस तरफ नहीं जा रही है। शहर में लोगों ने कोरोना गाइडलाइन की खुलकर धज्जियां उड़ाई है। इसको लेकर न तो पुलिस ही गंभीर थी और न ही प्रशासन।