Friday, December 13, 2024
- Advertisement -

आखिर क्यों रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मौरीन वाड्रा पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: सोनिया गांधी के दामाद और प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मौरीन वाड्रा की मुसीबतें बढ़ने वाली हैं। राजस्थान हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी है। हालांकि, दो हफ्ते तक अपील की इजाजत देकर उनकी गिरफ्तारी में राहत दी गई है। मामला बीकानेर में जमीन की खरीद-फरोख्त में हुई कथित धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है।

राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह की बेंच ने साफ कहा है कि रॉबर्ट और उनकी मां को इस मामले में ईडी की जांच में सहयोग करना होगा। दो हफ्ते में अपील की मोहलत दी गई है।

तब तक गिरफ्तारी पर रोक कायम रहेगी। मामला बीकानेर में सरकारी जमीन की खरीद-फरोख्त में हुई धोखाधड़ी से जुड़ा है। इस मामले में रॉबर्ट और उनकी मां मौरीन की गिरफ्तारी पर पहले भी रोक लगा रखी थी।

बीकानेर के कोलायत में जमीन की खरीद-फरोख्त के मामले में रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मौरीन वाड्रा की कंपनी स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी के खिलाफ फर्जीवाड़ा होने के आरोप होने के चलते ईडी ने कार्यवाही शुरू की थी।

2018 में हाईकोर्ट में वाड्रा ने याचिका लगाकर ईडी की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी। इस मामले में 80 से अधिक सुनवाई के बाद सिंगल बेंच ने ईडी की करवाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। इसके बाद ईडी किसी भी समय रॉबर्ट वाड्रा को पूछताछ के लिए नोटिस जारी कर सकती है।

यह मामला 2018 में बीकानेर के कोलायत में सरकारी जमीन की खरीद-फरोख्त से जुड़ा हुआ है। पुलिस ने कोलायत में सरकारी जमीन फर्जीवाड़े के मामले में एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद सीबीआई ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ली। सरकारी जमीन के फर्जीवाड़े को देखते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक ईसीआर दर्ज की थी।

स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी एलएलपी कंपनी के साझेदारों के खिलाफ ईडी ने साक्ष्य एकत्रित किए हैं। ईडी ने रॉबर्ट और उनकी मां मौरीन की गिरफ्तारी के लिए भी याचिका लगाई थी, जिस पर कोर्ट ने रोक लगा रखी है।

बीकानेर के कोलायत क्षेत्र स्थित जमीन खसरा नंबर 711/499 , 710/499 की 120 बीघा जमीन की अधिकृत प्रतिनिधि के रूप में खरीद कर वर्ष 2010 में रजिस्ट्री करवाई गई।

इसके लिए रॉबर्ट वाड्रा और मां मौरीन वाड्रा ने एक चेक दिया था। इस चेक द्वारा बिचौलिए महेश नागर ने अपने ड्राइवर के नाम जमीन खरीदकर पूरे घोटाले को अंजाम दिया था।

मामले में 2014 में एफआईआर दर्ज हुई थी। इसमें 12.65 हैक्टेयर सरकारी जमीन के लिए सरकारी कर्मचारी व अधिकारी व भू-माफिया से सांठगांठ कर दस्तावेज बनाकर खरीद-फरोख्त कर सरकारी जमीन हड़पने के मामले में कोलायत के तत्कालीन थानाधिकारी बूटा सिंह ने धारा 420, 467, 468, 471, 120B में मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश की हैं।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
2
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

spot_imgspot_img