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जनवाणी ब्यूरो
नई दिल्ली: अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले का खतरे जानकारी के बाद सुरक्षा एजेंसिंयां अलर्ट मोड पर आ गई हैं। एक जुलाई से अमरनाथ यात्रा शुरू होने वाली है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीमा पार बैठे आतंकी संगठन अमरनाथ यात्रा के काफिले पर पुलवामा जैसा आतंकी हमला करने की साजिश रच रहे हैं। इसके लिए पीओके में कुछ दिनों से लगातार बैठकें हो रही हैं। सीमा पार पीओके में बने आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप में पुलवामा जैसा वाकया को अंजाम देने के लिए ट्रेनिंग भी दी जा रही है।
कई आतंकी संगठनों के आतंकी ले रहे हैं ट्रेनिंग
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आतंकियों को पाकिस्तानी सेना के कमांडो विशेष ट्रेनिंग दे रहे हैं और पाकिस्तानी सेना के कर्नल-ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी इस ट्रेनिंग कैंप को खुद मॉनिटर कर रहे हैं। जिसमें अलग-अलग आतंकी संगठनों के आतंकी ट्रेनिंग कैंप में ट्रेनिंग ले रहे हैं।
अन्य गाड़ियां की आवाजाही पर लगेगी रोक
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियों की हुई इंटरनल मीटिंग में यह फैसला किया गया है कि इस बार अमरनाथ यात्रियों का काफिला जब जम्मू श्रीनगर हाईवे से गुजरेगा तो हाईवे पर किसी भी दूसरे वाहन को चलने की इजाजत नहीं दी जाएगी। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा का ख्याल रखते हुए तैयारियां पूरी जोर-शोर से चल रही हैं।
एनडीआरएफ की टीम ने सुरक्षा तैयारियां की शुरू
अमरनाथ यात्रा के तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर पवित्र गुफा के ऊपरी इलाकों में नियमित उड़ानें और आपदा से बचाव के लिए श्वान दस्तों की तैनाती के साथ एनडीआरएफ ने सुरक्षा तैयारियां शुरू कर दी है।
अधिकारियों के मुताबिक एक जुलाई से यात्रा होने वाली यात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक दर्जन टीमों को तैनात किया जाएगा। आकस्मिक बाढ़ और ‘‘ग्लेशियल’’ झील के फटने से होने वाली बाढ़ (जीएलओएफ) से बचने के लिए एनडीआरएफ ने तीर्थयात्री शिविरों के निर्माण के लिए स्थानों की पहचान शुरू कर दी है।
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