Tuesday, March 21, 2023
- Advertisement -
- Advertisement -
HomeUttar Pradesh NewsMeerutशहर की नवीन मंडी तबेले में तब्दील

शहर की नवीन मंडी तबेले में तब्दील

- Advertisement -
  • मंडी परिसर में आवारा गोवंशों की भरमार, साफ-सफाई व्यवस्था बेपटरी, गंदगी का लगा अंबार
  • महानगर की मंडी में बदहाली चरम पर, मुख्य गेट के साथ कई गेट क्षतिग्रस्त
  • मंडी सचिव ने जीर्णोंद्धार के लिये निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर डीडीसी विभाग को भेजी
  • इन निर्माणों पर करीब 50 लाख रुपये से अधिक के खर्च का अनुमान

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: महानगर की मंडी रखरखाव के अभाव में तमाम बदहाली के बीच तबेले में तब्दील दिखाई दे रही है। मंडी के मुख्य गेट से लेकर अंदर परिसर में बने कई गेट एवं चारदीवारी की रेलिंग टूटी हुई पड़ी है। वहीं, मंडी में पसरी गंदगी एवं उगी झाड़-फूस से देखकर नहीं लगता कि यह महानगर की सबसे बड़ी मंडी है। बदहाली को देखने से लगता है कि यह मंडी रखरखाव के अभाव में तबेले में तब्दील हो चुकी है।

मंडी सचिव की माने तो करीब पांच वर्ष से कई बार प्रस्ताव भेजने के बाद भी मंडी का जीर्णोद्धार नहीं हो सका है। इस बार भी करीब सात आठ माह पूर्व करीब 50 लाख रुपये से अधिक के निर्माण के लिये प्रस्ताव बनाकर डीडीसी को भेजा गया है। अब देखना है कि इस बार भी उनके प्रस्ताव पर बदहाल मंडी की हालत के सुधार को कोई महत्व दिया जाता है या फिर गत वर्षों की अपेक्षा उनके द्वारा भेजे प्रस्ताव को रद्दी की टोकरी में डाल दिया जाता है।

महानगर की मंडी जनपद की सबसे बड़ी मंडी है, जोकि वर्तमान में अनदेखी के चलते मंडी में बदहाली चरम पर है। जोकि इतनी बदहाल हो चुकी है कि वह तबेले में तब्दील दिखाई देने लगी है। जैसे-जैसे मंडी का रेवेन्यू घटता गया, ठीक वैसे ही वैसे उच्चाधिकारियों (शासन) के द्वारा मंडी के रखरखाव पर ध्यान देना मानों बंद सा ही कर दिया। मंडी का रेवेन्यू करीब पांच वर्ष पूर्व सात करोड़ रुपये से अधिक का था और वह घटकर गत वर्षों में ढाई करोड़ रुपये से कम का रह गया था,

जोकि इस वर्ष के रेवेन्यू में कुछ बढ़ोतरी तो हुई है, लेकिन वह तीन करोड़ रुपये के लक्ष्य को भी नहीं छू सका, जोकि पांच वर्ष के लक्ष्य से आधे के अंतर से भी काफी पीछे हैं। लगातार घटते मंडी के रेवेन्यू का असर मंडी में समय-समय पर होने वाले भवनों के जीर्णोद्धार को लेकर भी देखा जा सकता है। मंडी के सचिव एवं अन्य अधिकारियों के द्वारा करीब पांच वर्षों से लगातार मंडी के रखरखाव एवं भवन, चारदीवारी, शौचालय निर्माण, सब्जी मंडी के लिये एक अन्य प्लेट फार्म, टूटे गेट एवं र्इंटों की टूटी रेलिंग की मरम्मत कराने के लिये जो प्रस्ताव बनाकर डीडीसी के माध्यम से शासन को भेजे गये।

उन पर अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया जा सका। मंडी समिति मानों रखरखाव के अभाव में तबेले में तब्दील हो गई हो। जैसे ही मंडी के मुख्य गेट से अंदर की तरफ प्रवेश करते हैं तो मुख्य गेट के दोनों तरफ लगे लोहे के गेट आपको उखड़े दिखाई देंगे, जोकि फिलहाल वहां पर मौजूद नहीं है। जिन्हे मंडी समिति के सचिव द्वारा गेट के उखड़ने पर स्टोर में जमा कराना बताया गया। वहीं मंडी परिसर के अंदर भी चार से पांच जगहों के लोहे के गेट इसी तरह से उखडेÞ हैं, जोकि मौके पर मौजूद नहीं हैं। वह वास्तव में स्टोर में जमा हैं या फिर उन्हे कोई उखाड़कर ले गया।

फिलहाल अधिकारी उन्हे स्टोर के अंदर होना बता रहे हैं। इसमें मंडी में कई सरकारी नल खराब पडेÞ हैं। मंडी में आवारा पशुओं की भरमार देखी जा सकती है। मंडी परिसर में बना किसान विश्राम गृह एवं कैंटीन का भवन रखरखाव के अभाव में जर्जर हो चुका है। टूटी खिड़कियां एवं शीशे, मुख्य गेट पर उगे झाड़-फूंस बदहाली की दास्तां बयां कर रहे हैं कि मंडी किस तरह से तबेले में तब्दील होती जा रही है। एक गेट की रेलिंग तो इस तरह से टूटी है। वह किसी भी समय बडेÞ हादसे का सबब बन सकती है।

वहीं साफ-सफाई के अभाव में चोक हुई नाली एवं परिसर में जगह-जगह लगे कूडे के ढेरों को देखने से नहीं लगता की महानगर की सबसे बड़ी मंडी में आये हैं। लगता है कि हम मंडी की जगह किसी पशुओं के तबेले में आये हुये हैं। यदि इस मंडी के रखरखाव पर सरकार ने जल्द ही ध्यान नहीं दिया तो एक या दो वर्ष में वह खंडहर में तब्दील हो जायेगी और कोई नहीं कर सकेगा कि यह महानगर की सबसे बड़ी मंडी है।

चार दीवारी की मरम्मत, टूटे डिवाइडर की मरम्मत, सब्जी मंडी के लिये एक प्लेटफार्म बना है। जरूरत के हिसाब से दूसरा प्लेट फार्म निर्माण, 4 वाटर कूलर, एक अत्याधुनिक शौचालय निर्माण, पूर्व में बने 4 शौचालयों का जीर्णोद्धार, खराब नल एवं उखड़े गेट की मरम्मत के लिये करीब सात आठ माह पूर्व प्रस्ताव बनाकर डीडीसी को भेजा है। इन निर्माण कार्यों पर करीब 50 लाख रुपये से अधिक का खर्च होने का अनुमान है। मंडी में करीब पांच वर्ष से कोई निर्माण पूर्व के प्रस्तावों पर नहीं हो सका। अब उमीद है कि इस वर्ष महानगर की मंडी के जीर्णोद्धार के लिये भेजा गया प्रस्तव मंजूर हो जाये और मंडी में सुधार हो सके।
-विजन कुमार, मंडी समिति सचिव, मेरठ

What’s your Reaction?
+1
0
+1
2
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
- Advertisment -
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -

Recent Comments