- कैसे होगा क्राइम कंट्रोल? महानगर की पांच पुलिस चौकियों में स्टाफ का भारी टोटा
- फिजिकली अनफिट दारोगा संभाल रहे हैं चौकी बिजली बंबा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: लोकसभा चुनाव सिर पर हैं। इससे पहले सीएए लागू किए जाने को लेकर एक वर्ग विशेष की नाराजी। इस सब के बीच शहर की सीमा पर स्थित लोहिया नगर सरीखे बॉर्डर के थाने के पास गश्त के लिए अपनी जीप तक नहीं है। बगैर जीप के बॉर्डर एरिया के थाने की पुलिस क्राइम कंट्रोल के नाम पर क्या कर रही है, इसका आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है।
लोहिया नगर थाना क्षेत्र की यदि बात की जाए तो यह पूरा इलाका जरायम की घटनाओं के अलावा आए दिन वारदातों के लिए बदनाम है। छोटी-छोटी बातों को लेकर मारपीट सरीखी घटनाएं इस थाना क्षेत्र में आम बात है। इसके अलावा लूट व छेड़खानी तथा चोरी चकारी की वारदातों की यदि बात की जाए तो उसके लिए भी लोहिया नगर थाना क्षेत्र जनपद के अपराधों के लिए सबसे ज्यादा चर्चित थानों में शुमार किया जाता है।
लोहिया नगर थाना क्षेत्र में जो इलाके आते हैं इस थाने के बनने से पहले वो तमाम इलाके थाना खरखौदा व लिसाड़ीगेट क्षेत्र में बंटे हुए थे। लोहिया नगर थाना के उद्घाटन को करीब एक साल का वक्त बीत चुका है, लेकिन हैरानी होगी यह जानकारी कि आज तक इस थाने के पास गश्त के लिए जीप तक नहीं है। बगैर जीप के थाना पुलिस कैसी गश्त करती होगी। वारदात की सूचना पर कैसे वहां पहुंचती होगी
या फिर बजाए मौके पर पहुंचने के वारदात का शिकार होने वालों को थाने में बैठकर पुलिस वाले इंतजार करते होंगे। पता चला है कि एक जाइलो गाड़ी जो प्राइवेट बतायी जाती है, उसका कभी कभार लोहिया नगर पुलिस द्वारा इस्तेमाल कर लिया जाता है। थाने के स्टाफ के पास गश्त के लिए केवल गाड़ी ही नहीं है, ऐसा भी नहीं है, गाड़ी तो छोड़िये जनाब लोहिया नगर जैसे बॉर्डर वाले थाने में सहूर का एक कंप्यूटर तक नहीं है। यूं कहने को दावा है कि सूबे के सारे थाने कंप्यूटराइज कर दिए गए हैं
जब थाने के पास सहूर का सा कंप्यूटर तक नहीं है तो फिर वहां लिखा पढ़ी कैसी की जा रही होगी इसका अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है। जीप और सहूर के एक कंप्यूटर की दरकार भर हो, बात यहीं तक होती तो भी ठीक था। जीप व सहूर के कंप्यूटर के अलावा लोहिया नगर थाना की चौकी बिजली बंबा की जिम्मेदारी जिन दारोगाजी के कंधों पर है, बताया जाता है कि निजी कारणों के चलते वह भी फिजिकली अनफिट हैं। शाम के बाद उनके लिए काम करना थोड़ा मुश्किल भरा होना सुनने में आया है।
महिला स्टाफ का टोटा
लोहिया नगर थाना क्रिटिकल होते हुए भी वहां महिला स्टाफ का भारी टोटा है। महिला स्टाफ के नाम पर केवल दो पुलिस कर्मी भर हैं। उनमें से भी अक्सर एक अवकाश पर रहती हैं। कई बार ऐसा भी अवसर या मौका आ जाता है जब इमरजेंसी के चलते दोनों ही अवकाश पर होती हैं। ऐसे में यदि जरूरत पड़ जाए तो वहां थाना चलाने वाले किस प्रकार से मैनेज करते होंगे यह वो ही समझ सकता है जो थाना चलाता होगा।
लोकसभा चुनाव और सीएए की आहट
लोकसभा चुनाव का कभी भी एलान किया जा सकता है। उससे पहले सीएए को लागू किए जाने को लेकर तमाम तरह की आशंकाएं जतायी जा रही हैं। ऐसे में बगैर जीप के थाने का स्टाफ कैसे मैनेज करेंगे। जबकि लोहिया नगर थाना क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा अति संवेदनशील क्षेत्रों की सूची में प्रशासन ने शामिल किया हुआ है।
शीघ्र होगी कमी पूरी
- लोहिया नगर थाना की जो भी जरूरत है उसको शीघ्र पूरा करा दिया जाएगा। थाने के लिए जीप का संभवत: अलाटमेंट तो हो चुका है, केवल आने में देरी भर है। शीघ्र ही आ जाएगी। -आयुष विक्रम सिंह, एसपी सिटी