- आंदोलन के दौरान अधूरी मांगों को पूरा नहीं होने पर संयुक्त किसान मोर्चा करेगा विचार विमर्श
- किसानों का भुगतान डिजिटल क्यों नही का रही है सरकार
जनवाणी संवाददाता |
बड़ौत: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को मुफ्त बिजली देने का घोषणा पत्र में वादा किया था। लेकिन अब नलकूपों पर मीटर लगाने की घोषणा कर रही है। इसका विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि नलकूप पर मीटर लगाकर किस तरह के बिल लिए जाएंगे। पहले बातचीत होनी चाहिए। फैक्ट्री का बिल लिया जाएगा या किसानों की तरह दिया जाएगा। गन्ना किसानों का भुगतान नहीं हो रहा है। सरकार ने सब भुगतान डिजिटल कर दिए।गन्ना किसानों के भुगतान क्यों नहीं डिजिटल किए। किसानों को बर्बाद करने की साजिश है।
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भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत मंगलवार को बड़ौत में शहीद पार्क के पास शिव होंडा शोरूम पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। बातचीत के दौरान राकेश टिकैत ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा शीघ्र ही आंदोलन के दौरान मांगे पूरी नहीं होने पर विचार-विमर्श करेगा।
बिजली एमेंडमेंट बिल, दुग्ध आयात से किसान बर्बाद हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब आंदोलन ही होंगे।सरकार की नीतियों से देश का किसान बर्बाद हो जाएगा। गेहूं निर्यात पर रोक लगाकर किसानों को चोट पहुंचाई। अबकी बार गेहूं किसानों को सही दाम मिलना था। उन्होंने भाकियू अराजनैतिक ने गठन पर कहा कि साढ़े पांच सौ लोग हैं, जो कहीं दूसरी जगह चले गए।
भाकियू व वह अपना काम करती रहेगी। इस मौके पर श्रवण तोमर पिंटू, हरेन्द्र दांगी, नरेश ठेकेदार, सोमपाल, अशोक, एडवोकेट पंकज मलिक, जुल्ला चौधरी प्रधान आदि मौजूद थे।