Thursday, April 25, 2024
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हटेगी बस्ती, बनेगा रैपिड का स्टेशन

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  • एनसीआरटीसी के सामने सबसे बड़ी चुनौती: मकानों और दुकानों को हटाएं कैसे ?

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: बेगमपुल स्थित जो दुकानें व मकान तस्वीर में दिखाई दे रहे हैं, वहां पर भविष्य में रैपिड रेल का चमकता हुआ स्टेशन दिखाई देगा। स्टेशन बनाने के लिए एनसीआरटीसी कवायद में जुटी हुई है। अब एनसीआरटीसी की सामने सबसे बड़ी चुनौती है मकानों और दुकानों को कैसे हटाया जाए।

इसी को लेकर हर रोज मीटिंग दर मीटिंग हो रही है, मगर फिलहाल बेगमपुल के व्यापारी एनसीआरटीसी की शर्तों को लेकर सहमत नहीं है। व्यापारियों और एनसीआरटीसी के बीच संवाद स्थापित तो हो रहे हैं, मगर व्यापारी स्थाई ढंग से व्यापार करने के लिए प्रतिष्ठान मांग रहे हैं।

क्योंकि व्यापारिक प्रतिष्ठान हर रोज तो बदला नहीं जा सकता, यहीं पक्ष व्यापारी एनसीआरटीसी के सामने रख रहे हैं। समय लंबा लग सकता है, लेकिन बेगमपुल पर भविष्य में आपकों चमकता हुआ स्टेशन दिखाई देगा। लंबे समय से लोग इसका सपना भी देख रहे थे।

क्योंकि पहली रीजनल रेल चलाई जाएगी, जिसका लाभ मेरठ शहर की जनता को मिलेगा। क्योंकि अब तक मेरठ से दिल्ली दूर थी। जाम के झाम से भी यहां की जनता परेशान थी। क्योंकि, दिल्ली जाने तक लोगों को तीन-तीन घंटे लग जाते थे। भविष्य में जाम से छुटकारा मिलेगा तथा जनता को मात्र 60 मिनट में ही दिल्ली रैपिड रेल पहुंचा देगी।

बड़ी तेजी के साथ रैपिड रेल का कार्य शहर में चालू हो गया है। परतापुर में रैपिड रेल के पिलर्स बनाये जा रहे हैं। अगले एक माह के भीतर आपको बड़ा काम रैपिड रेल का शहर में दिखाई देगा। इसी तैयारी को लेकर एनसीआरटीसी अब अगले चरण के काम को तेज करने के लिए व्यापारियों से दुकान और मकान खाली कराने की कवायद में जुट गए हैं।

इस बात को एनसीआरटीसी के अधिकारी भी जानते है कि व्यापारियों से उनके प्रतिष्ठान खाली कराना आसान बात नहीं है, इसलिए शांति से ही व्यापारियों से इसको लेकर संवाद स्थापित किये जा रहे हैं। बेगमपुल पर कोठी नंबर-80 और करीब 60 दुकानें तोड़कर रैपिड रेल का स्टेशन बनेगा।

यह करीब फाइनल हो चुका है। यहां शानदार रेलवे का स्टेशन बनेगा, जिस पर रैपिड रेल का सफर करने वाले यात्री आ-जा सकेंगे। इससे पहले एनसीआरटीसी को मकान और दुकान खाली कराने की बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल व्यापारियों ने दो टूक कह दिया है कि वो दुकानों को खाली नहीं करेंगे।

क्योंकि एनसीआरटीसी स्थाई रूप से दुकानें देने पर सहमत नहीं है। एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने कहा है कि मथुरा पैलेस में दुकान दो वर्ष के लिए किराए पर दी जाएगी, जिसके बाद स्थाई दुकान व्यापारियों को दी जाएगी। इसमें यह भी कहा जा रहा है कि दो वर्ष तक एनसीआरटीसी दुकानों का किराया देगा।

इस पर दुकानदार सहमत नहीं है। अब एनसीईआरटी के अधिकारी इसी कवायद में जुट गए हैं कि किस तरह से दुकान और मकान बेगमपुल के व्यापारियों से खाली कराए जाएं। अब इसमें व्यापारी नेता भी इनवोल हो गए हैं। व्यापारी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल भाजपा नेताओं से भी मिला और स्थाई दुकाने दिलाने की मांग की।

कहा यह भी जा रहा है कि स्टेशन के पास में यदि दुकान मिल जाए तो बेहतर होगा, लेकिन इस पर एनसीआरटीसी के अधिकारी सहमत नहीं है। फिलहाल दुकान खाली कराने को लेकर एनसीआरटीसी के अधिकारी खासे परेशान हैं।

पिछड़ गया खिर्वा और सकौती के अंडरपास का निर्माण

जो समय खिर्वा और सकौती अंडर पास निर्माण के लिए निर्धारित किया गया था, उसमें एनएचएआई पिछड़ गया है। निर्धारित समय से लगातार निर्माण कार्य पीछे खिसकता जा रहा है। इसमें जो तेजी आनी चाहिए थी, वह नहीं आ पा रही है। पहले यह बहाना बनाया गया कि लॉकडाउन चल रहा है।

अनलॉक होने के बाद भी स्थिति में किसी तरह का सुधार नहीं हुआ। लगातार काम पीछे खिसक रहा है। इसको लेकर भाजपा सांसद राजेन्द्र अग्र्रवाल भी नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं, लेकिन फिर भी काम पिछड़ता जा रहा है। खिर्वा बाइपास शहर का हिस्सा है तथा सकौती में चल रहे अंडर पास का निर्माण मुजफ्फरनगर संसदीय क्षेत्र में आता है।

ये दोनों महत्वपूर्ण काम चल रहे हैं, जिनको लेकर एनएचएआई लगता है गंभीर नहीं है। सिर्फ अपरोच रोड का निर्माण होना बाकी है। अंडरपास तो बन चुका हैं, मगर एप्रोच रोड के निर्माण में तेजी दिखाई नहीं दे रही है। बता दें, मोदीपुरम में फ्लाईओवर, अंडरपास फ्लाईओवर, सर्विस रोड, नाला आदि तरह के निर्माण कार्य शामिल है।

इन्हीं में मेरठ की सीमा के अंदर तीन फ्लाईओवर का कार्य चल रहा है, इसमें कंकरखेड़ा के खिर्वा कट, मोदीपुरम में पल्हेड़ा कट और दौराला की सकौती के पास दादरी कट पर फ्लाईओवर का निर्माण कार्य चल रहा है। इनमें पल्हेड़ा में भी अंडरपास बन रहा है। ये सभी कार्य पीछे खिसकते जा रहे हैं।

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