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जनवाणी संवाददाता |
सहारनपुर: शहर की प्रमुख महिला रोग विशेषज्ञ डा.नूतन उपाध्याय ने कई घंटे का सफल आपरेशन कर एक मां के गर्भ में दम तोड़ चुके नवजात शिशु के साथ ही करीब दो किलो की रसौली निकालकर न केवल महिला की जान बचाई, बल्कि चिकित्सा के क्षेत्र में नया कीर्तिमान भी बनाया है।
शहर से सटे शेखपुरा निवासी 27 वर्षीय महिला की शादी करीब एक वर्ष पूर्व हुई थी। कुछ समय बाद उसे पेट में दर्द और अत्यधिक रक्तस्राव की समस्या उत्पन्न होने लगी। जिससे महिला में लगातार खून की कमी भी होने लगी। परिजनों ने महिला को डा. नूतन उपाध्याय को दिखाया तो जांच में गर्भाशय में बडी़ रसौली होने का पता चला।
जिसके कारण छह माह के गर्भवस्थ शिशु की भी मृत्यु हो गई और महिला की जान को खतरा उत्पन्न हो गया। डा.नूतन उपाध्याय ने करीब दो घंटे तक चले आपरेशन में पहले मृत शिशु को गर्भाशय से निकाला और इसके बाद करीब दो किलो वजन की बडी रसौली को भी सकुशल निकालकर महिला की जान बचाई।
डा. नूतन उपाध्याय ने बताया कि अमूमन इस तरह के रसौली के आपरेशन में गर्भाशय को भी निकालना पड़ जाता है। जिसके बाद संबंधित महिला भविष्य में बच्चे को जन्म नही दे पाती है, लेकिन इस केस में इस पर पूरा ध्यान दिया गया। न केवल महिला पूरी तरह सुरक्षित है, बल्कि वो भविष्य में बच्चे को भी जन्म दे सकेगी।
डा.नूतन उपाध्याय का कहना है कि भारत में कम उम्र में महिलाओं में रसौली की बढ़ती समस्या खासतौर पर निसंतान होने की परेशानी को बढ़ाती है। कई बार बडी़ रसौली गर्भ धारण करने पर गर्भपात, अधिक रक्तस्राव, समय से पूर्व डिलीवरी जैसी समस्या पैदा करती है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि गर्भाशय में होने वाली हर रसौली का आपरेशन किया जाना जरूरी नही है। ये रसौली के साइज और गर्भाशय में उसकी स्थिति पर निर्भर करता है।
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