- मुजफ्फरनगर में 31 अगस्त 2013 को हुई थी पंचायत, पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद भी है आरोपी
जनवाणी संवाददाता |
मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर में 2013 में हुए दंगे के मामले में केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ संजीव बालियान और पूर्व विधायक उमेश मलिक शुक्रवार को कोर्ट में पेश हुए। इस मामले में बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने आरोप उनमोचन ( डिस्चार्ज) किए जाने के लिए प्रार्थना पत्र कोर्ट में लगाया हुआ है। केंद्रीय राज्य मंत्री सहित मामले में 14 आरोपी हैं। अब इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई के लिए 14 मार्च की तिथि निर्धारित की है।
मुजफ्फरनगर में जानसठ थाना क्षेत्र के कवाल गांव में 27 अगस्त 2013 को 3 हत्याओं के बाद नगला मंदौड़ के इंटर कॉलेज में शोक सभा आयोजन के लिए पंचायत बुलाई गई थी। इसके बाद थाना सिखेड़ा पुलिस ने केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ संजीव बालियान सहित 14 लोगों के विरुद्ध भड़काऊ भाषण, निषेधाज्ञा उल्लंघन 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी। आरोपियों में कई पूर्व मंत्री व पूर्व सांसद तथा पूर्व विधायक शामिल हैं।
अभियोजन अधिकारी अरविंद सिंह ने बताया कि घटना के मुकदमे की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रेक मयंक जायसवाल की कोर्ट में चल रही है। उन्होंने बताया कि इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से आरोप उनमोचन के लिए प्रार्थना पत्र लगाया गया है। जबकि फाइल आरोप तय करने में चल रही है। उन्होंने बताया कि बचाव पक्ष की ओर प्रस्तुत किए गए प्रार्थना पत्र पर कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 14 मार्च निर्धारित की है।