जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने आज गुरुवार को गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। गुजरात विधानसभा चुनाव 2 फेज में होगा। 182 सीटों के लिए हो रहे इस चुनाव में 1 दिसंबर को 89 सीटों पर और 5 दिसंबर को 93 सीटों पर वोटिंग होगी। नतीजे 8 दिसंबर को यानी हिमाचल विधानसभा चुनाव के साथ ही आएंगे।
चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने गुजरात में मोरबी पुल हादसे पर दुख जाहिर किया। उन्होंने कहा कि गुजरात में इस बार 4.6 लाख लोग पहली बार वोट करेंगे।
निष्पक्षता पर बोले- क्रिकेट मैच पर अंपायर सवालों में घिरता है
CEC राजीव कुमार ने कहा- कोई EVM पर सवाल उठाता है और वो चुनाव जीत जाता है तो सवाल बंद हो जाते हैं। हमारा मकसद निष्पक्ष चुनाव है और चुनाव आयोग आज नहीं बना। हमेशा से ही हमारी निष्पक्षता जगजाहिर रही है। जब क्रिकेट का मैच होता है तो दोनों पार्टियां अंपायर को ब्लेम करते हैं। यहां कोई थर्ड अंपायर तो है नहीं। चुनाव आयोग आज तो बना नहीं है ये एक विरासत है। हमारी ड्यूटी यह है कि निष्पक्षता जो पहले से बनी है, उसे हम आगे बढ़ाएं।
एक वोटर के लिए पोलिंग बूथ, 15 लोगों की टीम
CEC राजीव कुमार ने बताया कि गिर फॉरेस्ट के बनेज गांव में रहने वाले भरतदास दर्शनदास के लिए पोलिंग बूथ बनाया जाएगा। इस इकलौते मतदाता से वोटिंग करवाने के लिए 15 लोगों की टीम जाएगी। उन्होंने कहा- भरतदास अपने गांव से बाहर आकर वोटिंग करना नहीं चाहते हैं, इसलिए उनके लिए पोलिंग बूथ और पोलिंग टीम भेजी जाएगी।
—————————सबसे जरूरी और बड़ी बातें————————-
कौन बनेगा गुजरात का मुख्यमंत्री ?
अभी भाजपा से भूपेन्द्र पटेल गुजरात के मुख्यमंत्री हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल पहले ही संकेत दे चुके हैं कि राज्य में कोई बदलाव नहीं होगा। भाजपा के अलावा कांग्रेस और ‘आप’ भी मैदान में हैं। हालांकि, दोनों पार्टियों ने अब तक मुख्यमंत्री कैंडिडेट की घोषणा नहीं की है। बात कांग्रेस की करें तो पार्टी में भरत सोलंकी, अर्जुन मोढवाडिया, शक्तिसिंह गोहिल मुख्यमंत्री पद के लिए रेस में सबसे आगे हैं। ‘आप’ में अभी तक गोपाल इटालिया ओर इशुदान गढवी मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं।
इस बार का चुनाव कितना अलग ?
पिछली बार से इस बार का चुनाव बिलकुल अलग है। इसकी सबसे बड़ी वजह है- गुजरात में 2017 में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला था, लेकिन ‘आप’ भी इस बार लड़ाई में शामिल है। वहीं पाटीदार आंदोलन की आग भी इस बार शांत है। आंदोलन के सबसे बड़े चेहरे हार्दिक पटेल भी भाजपा में शामिल हो गए हैं।
एंटी इनकंबेंसी का मतदाताओं पर कितना असर ?
गुजरात में इस बार 4 मुद्दे चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। इनमें मोरबी पुल हादसा, कर्मचारियों की समस्या, महंगाई और पोर्ट पर पकड़े जाने वाला ड्रग्स है। मोरबी पुल हादसे के बाद चुनाव इसी मुद्दे के इर्द-गिर्द सिमट गई है। भाजपा पिछले 24 साल से सत्ता में है, ऐसे में पार्टी के खिलाफ एंटा इनकंबेंसी का भी असर है।
ये चेहरे जो चुनाव करेंगे प्रभावित !
गुजरात चुनाव में इस बार 2 ऐसे साइलेंट चेहरे चर्चा में हैं, जो चुनाव प्रभावित कर सकते हैं। इनमें एक नाम पाटीदार आगेवान नरेश पटेल का है, तो दूसरा कोली समाज के सोमाभाई गांडाभाई। नरेश पटेल ने अब तक राजनीति में सीधी एंट्री नहीं ली है, लेकिन गुजरात के 85 लाख लेउवा पटेल समाज के वे सर्वमान्य नेता माने जाते हैं।
पटेल कांग्रेस में शामिल होने की कई बार कोशिश कर चुके हैं पर पार्टी हाईकमान से बात नहीं बन पाई थी। वहीं सोमाभाई गांडाभाई भी इस बार गेम चेंजर साबित हो सकते हैं। पाटीदार के बाद कोली समाज की आबादी गुजरात में सबसे ज्यादा है।
भाजपा ने 160 सीटें जीतने का टारगेट बनाया
भाजपा ने इस बार 182 सीटों में से 160 से ज्यादा सीटें जीतने का टारगेट बनाया है। गृहमंत्री अमित शाह गुरुवार को उम्मीदवारों के नामों को तय करने के लिए गांधीनगर पहुंच रहे हैं। भाजपा को अब तक 4,340 लोगों के नाम मिले हैं। सबसे ज्यादा 1,490 उत्तर गुजरात से हैं। सौराष्ट्र से 1,163, मध्य गुजरात से 962 और दक्षिण गुजरात से सबसे कम बायोडाटा 725 मिले हैं।
चुनाव की तारीखों में देरी का लगा बड़ा आरोप
चुनाव आयोग ने राज्य में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान में देरी की ठोस वजह अब तक नहीं बताई है। पहले हिमाचल चुनाव की तारीखों के साथ ऐलान होना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पिछली बार (2017) बनासकांठा में बाढ़ देरी की वजह बनी थी। लेकिन, फिर भी चुनाव की तारीखों का ऐलान 25 अक्टूबर को कर दिया गया था। चुनाव दो फेज में हुए थे।