Friday, March 29, 2024
HomeUttar Pradesh NewsMeerutपरिसीमन क्या बदला, बदलने लगे दक्षिण के नतीजे

परिसीमन क्या बदला, बदलने लगे दक्षिण के नतीजे

- Advertisement -
  • पिछले दो बार से विधानसभा चुनाव में भाजपा का परचम लहराया

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: परिसीमन बदलने के बाद पहली बार दक्षिण विधानसभा सीट बनी हो यहां भाजपा ने जीत हासिल की। वर्ष 2012 में भाजपा ने यहां से रविन्द्र भड़ाना को खड़ा किया। जिन्होंने यहां से जीत हासिल की। इसके बाद लगातार दूसरी बार भी यहां पर भाजपा का ही प्रत्याशी जीता। परिसीमन बदलने के बाद हापुड़ रोड स्थित कई गांव जो पहले खरखौदा विधानसभा में आते थे।

वह सभी दक्षिण विधानसभा में आ गये और खरखौदा क्षेत्र किठौर विधानसभा में चला गया। परिसीमन बदलने के बाद यह सीट काफी दिलचस्प रही है। अब देखना यह है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा हैट्रिक लगा पाती है, या उसका विजय रथ यही पर थम जायेगा।

बता दें कि वर्ष 2012 से पहले ही मेरठ दक्षिण विधानसभा बनी। इससे पहले यह क्षेत्र खरखौदा विधानसभा में आता था। यहां एल ब्लॉक का एक क्षेत्र खरखौदा और एक क्षेत्र शहर विधानसभा में आता था। परिसीमन बदलने के बाद हापुड़ रोड का घोसीपुर, जलालपुर, फफूंडा, गंगोल, बजौट, काजीपुर समेत कई गांव यहां नगर निगम मे शामिल हुए। इनके नगर निगम में शामिल होने के बाद ही यहां खरखौदा विधानसभा क्षेत्र किठौर विधानसभा मे गया और यहां ये सभी गांव और शहर का एल ब्लॉक समेत पूरा क्षेत्र ही दक्षिण विधानसभा में आया।

शहर विधानसभा में आने वाला शास्त्रीनगर भी दक्षिण विधानसभा में परिवर्तित हो गया। जिसके बाद यहां चुनावी नतीजे बदलने शुरू हो गये। पहले जहां इस सीट पर बसपा काबिज थी, फिर यहां भाजपा का कब्जा हो गया।

रविन्द्र भड़ाना ने 2012 में दर्ज की थी जीत

काजीपुर, गगोल, गूमी समेत तमाम क्षेत्रों में गुर्जर बिरादरी के लोग हैं। भाजपा की ओर से वर्ष 2012 में यहां से रविन्द्र भड़ाना को टिकट दिया गया। दक्षिण विधानसभा बनने के बाद रविन्द्र भड़ाना यहां से चुनाव लड़े और 71,584 वोट पाकर विजयी रहे। उनके सामने बसपा के हाजी राशिद अखलाक चुनाव लड़ रहे थे। उन्हें यहां से 61,800 वोट मिले। तीसरे नंबर पर आदिल चौधरी रहे।

आदिल सपा से चुनाव लड़े और उन्हें यहां से 49,103 वोट मिले। इसके बाद वर्ष 2017 की बात की जाये तो यहां भाजपा ने इस बार प्रत्याशी को बदल दिया। भाजपा ने यहां से गुर्जर बिरादरी के डा. सोमेन्द्र तोमर को चुनाव लड़ाया और उन्होंने यहां से जीत दर्ज की। सोमेन्द्र को यहां 1,13,225 वोट मिले। उन्होंने यहां बसपा के याकूब कुरैशी को 35,395 वोटों से हराया। याकूब कुरैशी को यहां 77,830 वोट मिले। तीसरे नंबर पर यहां कांग्रेस के आजाद सैफी रहे। उन्होंने 69,117 वोट मिले।

क्या 2022 में रुक पाएगी भाजपा की हैट्रिक?

यहां 2022 के चुनावों की बात करें तो भाजपा ने इस बार भी यहां से डा. सोमेन्द्र पर ही दांव खेला है और बसपा ने यहां से कुंवर दिलशाद अली को मैदान में उतारा है। उधर, सपा ने एक बार फिर वर्ष 2012 की तरह से यहां से आदिल चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है।

वर्ष 2012 में बसपा और सपा ने मिलाकर यहां से 1,10,903 वोट प्राप्त किये थे और भाजपा के अकेले प्रत्याशी को यहां 71,584 वोट मिले थे और जीत हासिल की थी। अब देखना यह है कि यहां इस बार क्या 2012 की तरह समीकरण बनेंगे या फिर भाजपा का रथ यहीं रुकेगा।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
2
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

Recent Comments