Friday, May 2, 2025
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एनएच-58 पर किसकी इजाजत से लगे होर्डिंग्स

  • हाइवे पर हॉर्डिंस माफिया खेल कर कमा रहे लाखों

जनवाणी संवाददाता |

कंकरखेड़ा: एनएच-58 पर मोदीपुरम पुलिस चेक पोस्ट से सुभारती और उससे आगे परतापुर तक होर्डिंग्स माफियाओं ने अवैध होर्डिंग्स लगा रखे हैं। जो पूरी तरह से अवैध है। और होर्डिंग्स माफिया अवैध कारोबार से लाखों रुपये महीना की कमाई कर रहे हैं। एनएच-58 और नगर निगम इन होर्डिंग्स माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे।

एनएच-58 के दोनों तरफ बड़े-बड़े पोल खड़े कर अवैध होर्डिंग्स लगाए गए हैं, लेकिन नेशनल हाइवे अथॉरिटी आॅफ इंडिया के अधिकारी इन माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जिससे इस होर्डिंग्स में बड़े खेल का संदेह गहरा जाता है। एनएच-58 के दोनों किनारों पर मोदीपुरम से सुभारती और परतापुर तक अवैध रूप से बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगे हैं।

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लोगों ने लोहे के पोल हाइवे के दोनों किनारे जगह-जगह खड़े कर लिए हैं और इस पर होर्डिंग्स लगा दिए गए हैं। अधिकतर स्कूल और होटल सहित अन्य कारोबार का प्रचार किया गया है। इस अवैध धंधे में नेशनल हाइवे अथॉरिटी आॅफ इंडिया के कर्मचारी भी शिकंजा नहीं कस रहे। इससे अंदेशा लगाया जा रहा है कि यह लाखों रुपये महीना का गोरखधंधा मिलीभगत से ही चल रहा है।

बिना किसी सरकारी कर्मचारी की मिलीभगत के इतना बड़ा अवैध कारोबार होना संभव नही है। इतने भारी भरकम होर्डिंग्स एनएच-58 के किनारे सरकारी भूमि पर लगा दिए गए। जो गैरकानूनी है। हजारों लाखों रुपये की कमाई के पीछे आखिर कौन खेल कर रहा है? यह तो जांच का विषय है, लेकिन यह खेल दशकों से चल रहा है।

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आखिर नेशनल हाइवे अथॉरिटी आॅफ इंडिया के अधिकारी इन होर्डिंग्स माफियाओं पर क्यों मेहरबान दिखाई दे रहे हैं। लोगों की माने तो इसमें बड़ा खेल चल रहा है। जिस पर शिकंजा कसा जाना चाहिए और जांच की जानी चाहिए कि किस की मिलीभगत से यह अवैध कारोबार फल-फूल रहा है।

पेट्रोलिंग कार कर रही वसूली

एनएच-58 पर पेट्रोलिंग कार की जिम्मेदारी होती है मार्ग को क्लीयर रखने की, लेकिन यह पेट्रोलिंग कार वसूली में लगी रहती हैं। होर्डिंग तो रिश्वत लेकर हाइवे पर लगवाये ही जाते हैं, साथ ही खड़ौली के पास तो ठेले व दुकानों के आगे तक ढाबे सज गए हैं। ढाबों को पेट्रोलिंग कार का संरक्षण प्राप्त हैं। पेट्रोलिंग कार पर तैनात युवक ही इन दुकानदारों से वसूली करते रहते हैं।

लाखों रुपये प्रति माह वसूलते है, ऐसा आरोप भी लोग लगा रहे हैं। टोल अधिकारी भी आंख मूंदकर बैठे हैं। आखिर पेट्रोलिंग कार की उगाही पर कौन रोक लगायेगा? हाइवे की सड़कों को आखिर कैसे बेच दिया गया। लोगों को सड़कों पर ढाबे व ठेले लगाने के लिए कैसे इजाजत दे दी गई?

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