जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: देश में 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी पर जमीनी कार्य शुरू हो चुका है। इस साल इसकी सेवा शुरू की जा सकती है। दूरसंचार के मामले में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। बड़ी संख्या में रोजगार भी इसके जरिये
पैदा होंगे।
2025 कर 2.2 करोड़ सक्षम कामगारों की 5जी केंद्रित तकनीक के लिए जरूरत होगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस सेवा से देश में स्टार्टअप के इकोसिस्टम में तेजी गवर्नेंस में सुधार और जीवन को आसान बनाने के साथ कारोबार में भी मदद मिलेगी।
भारत 2022 तक 25 लाख किलोमीटर तक ऑप्टिकल फाइबर को पहुंचान की योजना बना रहा है। इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन के अनुसार, भारत में 2026 तक 5जी के 35 करोड़ ग्राहक हो सकते हैं जो कुल मोबाइल फोन ग्राहकों का 27 फीसदी होगा।
इन क्षेत्रों में भी नौकरियां
दूरसंचार सचिव के राजारमन ने कुछ दिन पहले कहा था कि भारत में नेट से लेकर अंतरिक्ष कम्युनिकेशन और 5जी से लेकर फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड सेवाओं जैसे क्षेत्र में बड़ी संख्या में रोजगार पैदा होंगे। उन क्षेत्राों में ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी, जहां पर अभी काफी कम हैं। जल्द ही हम नीतिगत बाधाओं को दूर करने की उम्मीद करते हैं।
एक लाख लोगों को प्रशिक्षण देगी परिषद
दूरसंचार क्षेत्र कौशल परिषद ने कहा कि 5जी, क्लाउड कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, बिग डाटा एनालिसिस जैसी नई प्रौद्योगिकी भूमिकाओं में 1.5 लाख से अधिक पेशेवरों की मांग है। इस क्षेत्र में मांग व आपूर्ति में 28 फीसदी का अंतर है, जो लगातार बढ़ता जाएगा। परिषद 5जी सेवाओं के लिए 3 वर्षों में एक लाख लोगों को प्रशिक्षित करेगी।