Wednesday, July 3, 2024
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अवैध ई-रिक्शाओं के खिलाफ हाईकोर्ट में रिट

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  • मुख्य सचिव, कमिश्नर, डीएम, एसपी ट्रैफिक और आरटीओ को बनाया गया पार्टी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: महानगर में अवैध रूप से संचालित की जा रही ई-रिक्शाओं पर अंकुश लगाने के लिए आरटीआई एक्टिविस्ट मनोज चौधरी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में सूबे के मुख्य सचिव, कमिश्नर, डीएम, एसपी ट्रैफिक व आरटीओ को पार्टी बनाया गया है। आरटीआई एक्टिविस्ट का कहना है कि अफसरों के स्तर से समुचित कार्रवाई न किए जाने के कारण ही अवैध ई-रिक्शाओं का संचालन किया जा रहा है। इन पर अंकुश जरूरी है।

पूरा महानगर जाम की चपेट में

आरटीआई एक्टिविस्ट का कहना है कि अवैध ई-रिक्शाओं के संचालन की वजह से पूरा महानगर जाम की चपेट में है। जिन अफसरों को इसके लिए काम करना चाहिए, वो नहीं कर रहे हैं। लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। शहर में अवैध तरीके से चल रही बैटरी ई-रिक्शाओं शहर की सड़कों को जाम कर दिया गया है। शहर की किसी भी सड़क पर चलना दुभर हो गया है। इसी कारण मेरे द्वारा इन बैट्री ई-रिक्शाओं पर लगाम लगाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर दी गई है।

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जिसकी सुनवाई अगले वीक में या 10 दिनों में हो सकती है। इसमें डीएम, कमिश्नर, आरटीओ, एसपी ट्रैफिक, चीफ सेक्रेटरी उत्तर प्रदेश सरकार और परिवहन सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ को पार्टी बनाया गया है और इस जनहित याचिका में उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में भी अवैध तरीके से चल रहीं बैटरी ई-रिक्शाओं की वजह से लग रहे जाम को भी मुद्दा बनाया गया है सड़कों पर इनकी वजह से निकलना दुभर हो गया है।

60 हजार में से 50 हजार अवैध ई-रिक्शा

महानगर में करीब 60 हजार ई-रिक्शाओं संचालन किया जा रहा है। जानकारों की मानें तो इनमें से करीब 50 हजार ई-रिक्शाएं अवैध हैं। शहर के अलग-अलग हिस्सों में लगने वाले जाम के यूं तो अनेक कारण हैं, लेकिन बड़ा कारण बे तरकीब इधर से उधर तमाम कायदे कानून ताक पर रखकर दौड़ रहीं ई-रिक्शाओं को माना जा रहा है।

चौंकाने वाला खुलासा

आरटीओ के यहां से मिली जानकारी के मुताबिक केवल 12 हजार ई-रिक्शाएं ही पंजीकृत हैं और पूरे महानगर में करीब साठ हजार ई-रिक्शाएं संचालित की जा रही हैं। इससे केवल जाम की समस्या ही नहीं है, बल्कि अवैध रूप से संचालित की जा रही ई-रिक्शाओं से राजस्व की भी हानि हो रही है।

जाम के लिए बदनाम इलाके

जाम के लिए बदनाम इलाकों और जाम के कारणों की जब बात आती है तो ई-रिक्शाओं के अलावा कई अन्य कारण भी चिन्हित किए गए हैं जिनकी वजह से जाम लगता है। इनमें बड़ा कारण शहर के प्रमुख बाजारों में पैसे लेकर लगवाए जाने वाले ठेले तथा वो दुकानदार जो बजाए दुकान में सामान रखकर व्यापार करने के सड़क पर दुकान का सामान रखकर व्यापार करते हैं।

वहीं, दूसरी ओर जो इलाके जाम के लिए सबसे ज्यादा बदनामा हैं उनकी भी फेरिस्त तैयार की गयी है। इनमें हापुड़ रोड व आसपास का इलाका, लालकुर्ती पैंठ एरिया, बेगमपुल के आसपास का इलाका, गढ़ रोड पर विवाह मंडपों वाला इलाका, शहर घंटाघर व जलीकोठी इलाका, केसरगंज से लेकर मेट्रो प्लाजा वाला इलाका, भूमिया का पुल व लिसाड़ी रोड समेत कई इलाके शामिल किए गए हैं।

  • हालात सुधारने के प्रयास

ट्रैफिक पुलिस ने शहर का सबसे ज्यादा जाम रहने वाला हापुड़ स्टैंड चौराहा ई-रिक्शा मुक्त कराया है। इस चौराहे के 400 मीटर दायरे में किसी भी ई-रिक्शा के आने पर रोक लगायी गयी है। इसी प्रकार के प्रयोग जाम के लिए बदनाम शहर के दूसरे चौराहों पर भी किए जाएंगे। -राघवेन्द्र मिश्रा, एसपी ट्रैफिक

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