जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र महासभा में आज भारत ने पाकिस्तान द्वारा लगाए गए झूठे आरोप का करारा जवाब दिया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत मिशन के प्रथम सचिव मिजिटो विनिटो ने कहा कि यह खेदजनक है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इस सभा में भारत पर झूठे आरोप लगाए। अपने देश में चल रहे कुकर्मों को छिपाने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इस मंच का खुले रूप से दुरुपयोग किया है।
उन्होंने कहा कि एक देश जो दावा करता है कि वह अपने पड़ोसियों के साथ शांति चाहता है, वह कभी भी सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित नहीं करेगा और न ही मुंबई आतंकवादी हमले के योजनाकारों को आश्रय देगा। बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस मंच से कहा था कि मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि भारत इस संदेश को समझे कि दोनों देश एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। युद्ध कोई समाधान नहीं है, केवल शांतिपूर्ण संवाद ही कश्मीर के मुद्दों को हल कर सकता है ताकि आने वाले समय में दुनिया और अधिक शांतिपूर्ण हो जाए।
#WATCH | "…Desire for peace, security in Indian subcontinent real, can be realized. That'll happen when cross-border terrorism ceases, govts come clean with int'l community&their people, minorities aren't persecuted", Mijito Vinito, First Secy, India Mission to UN #UNGA pic.twitter.com/NZWKjrjiwh
— ANI (@ANI) September 24, 2022
कश्मीर पर दावा करने के बजाय सीमा पर आतंकवाद को रोके पाक: भारत
भारतीय राजनयिक मिजिटो विनिटो ने कहा कि पाकिस्तान को भारत के खिलाफ झूठे आरोप लगाने से पहले खुद की काली करतूत के बारे में बताना चाहिए। विंटो ने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर पर दावा करने के बजाय इस्लामाबाद को सीमा पार आतंकवाद को रोकना चाहिए।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किसी से छिपा नहीं: भारत
विनीटो ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार लगातार जारी है। अल्पसंख्यक समुदाय की हजारों युवा महिलाओं को अपहरण किया जा रहा है। तो हम इस अंतर्निहित मानसिकता के बारे में क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं? उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में हिंदू, सिख और ईसाई परिवारों की लड़कियों का जबरन अपहरण फिर शादी उसके बाद धर्मांतरण किया जा रहा है। दुनिया के अन्य देशों को इसका संज्ञान लेना चाहिए। यह मानवाधिकारों के बारे में, अल्पसंख्यक अधिकारों के बारे में और बुनियादी शालीनता के बारे में चिंता का विषय है।
शांति तब ही संभव जब सीमा पार आतंकवाद समाप्त हो जाएगा: भारत
भारतीय उपमहाद्वीप में शांति, सुरक्षा और प्रगति की इच्छा वास्तविक है। लेकिन यह तब संभव है जब सीमा पार आतंकवाद समाप्त हो जाएगा। जब सरकारें अंतरराष्ट्रीय समुदाय का साथ देंगी और अल्पसंख्यकों को सताया नहीं जाएगा। इसके अलावा हमें इस मंच की वास्तविकता को पहचानना होगा।