Monday, June 30, 2025
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गंगा के जलस्तर में कमी, बाढ़ बरकरार

  • बिजनौर बैराज से डिस्चार्ज घटकर हुआ 1 लाख 32 हजार क्यूसेक, गांवों में पैर पसारने लगी बीमारियां
  • नाजुक है खादर क्षेत्र के हालत संपर्क मार्गों पर पानी ही पानी

जनवाणी संवाददाता |

हस्तिनापुर: पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में बारिश में कमी के बाद बिजनौर बैराज से डिस्चार्ज में लगातार हो रही कमी के कारण गढ़ गंगा खादर क्षेत्र के ग्रामीणों को कुछ राहत मिली है। मंगलवार सुबह स्थिर रहने के बाद शाम तक जलस्तर में लगभग एक फीट की कमी दर्ज की गई है। इसके बावजूद ग्रामीणों को बाढ़ की आशंका सता रही है। मंगलवार को बिजनौर बैराज से डिस्चार्ज घटकर 1 लाख 38 हजार क्यूसेक तो हरिद्वार से डिस्चार्ज घटकर 1 लाख 2 हजार क्यूसेक रह गया है।

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गत दो सप्ताह से बिजनौर बैराज से लगातार बढ़ रहे डिस्चार्ज के चलते गंगा नदी ने रौद्र रूप धारण किया था। सोमवार से डिस्चार्ज में लगातार हो रही कमी के बाद भी खादर क्षेत्र की स्थिति नाजुक बनी है। बिजनौर बैराज पर तैनात जेई पीयूष कुमार के अनुसार हरिद्वार बैराज से चल रहा डिस्चार्ज घटकर 1 लाख 2 हजार क्यूसेक और बिजनौर बैराज से डिस्चार्ज 1 लाख 38 हजार क्यूसेक ही रह गया।

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कई दिनों तक गंगा जलस्तर में लगातार हुई वृद्धि के चलते गंगा किनारे बसे गांव फतेहपुर प्रेम, भीकुंड, खेड़ीकलां, मनोहरपुर, पटेल नगर, हादीपुर गांवड़ी, मखदूमपुर, बंगाली बस्ती मखदूमपुर आदि के मुख्य मार्गों पर पानी होने के कारण आवागमन लगभग ठप हो गया था। जलस्तर में भयभीत ग्रामीणों ने पलायन कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचना शुरू कर दिया है। मंगलवार को गंगा जलस्तर में कमी के बाद भी कई के पानी से घिरे होने के बाद गांवों के संपर्क मार्ग के साथ हस्तिनापुर-रामराज मार्ग पर भी पानी भरा है।

बाढ़ के कारण सड़कें हो रही तहस-नहस

बाढ़ का पानी उतरने के बाद हस्तिनापुर-रामराज मार्ग पर वाहन को संचालन प्रारम्भ हो गया है, लेकिन बाढ़ से कई स्थान से सड़कें क्षतिगस्त हो गई है। बाढ़ प्रभावित गांवों के सम्पर्क मार्गों के हालात और भी खस्ता है। तेज बहाव ने सम्पर्क मार्गों पर जगह-जगह गहरे गड्ढे बना दिये हैं। जिसे ग्रामीणों को आवागमन में दिक्कतें आ रही है।

गांवों में पैर पसारने लगी बीमारियां

गंगा का गुस्सा शांत होने के साथ ही खादर क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांवों में जलभराव होने से गांवों में बीमारियां पैर पसारने लगी है। गांवों के लोगों आई फ्लू फोडेÞ-फुंसी, खाज खुजली आदि का प्रकोप बढ़ने लगा है। स्वास्थय विभाग की टीम दूधली सहित कई गांव में बनाई गई बाढ़ चौकियों पर दवाइयां उपलब्ध है और वहां टीम लगाई गई है। ग्रामीण यहां से स्वास्थ्य की जांच कराकर दवाई ले सकते हैं।

ये गांव है भयंकर बाढ़ की चपेट में

गंगा के जलस्तर में दो से तीन फीट की कमी होने के बाद भी भीकुंड, लतीफपुर, हंसावाला, कुन्हैडा, भागोंवाला, चमारोज, छोटी चमारोज, दुधली, रठौराकलां, जलालपुर जोरा, बंगाली बस्ती मखदूमपुर, मनोहरपुर, खेड़ीकलां, बधुवा, बधुवी, शेरपुर, फतेहपुर प्रेम, मखदूमपुर, गांवड़ी आदि लगभग छह दर्जन से भी अधिक गांवों बाढ़ की चपेट में है। सम्पर्क मार्गों पर चार से छह फीट तक पानी भरा होने के कारण एक-दूसरे से संपर्क नहीं हो पा रहा है।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में एसडीएम ने किया राशन वितरण

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प्रशासन की ओर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीणों को राशन का वितरण किया जा रहा है। मंगलवार को एसडीएम मवाना अखिलेश यादव और सरधना एसडीएम जागृति अवस्थी ने बाढ़ प्रभावित खादर क्षेत्र का दौरा किया। जिसके बाद उन्होंने बाढ़ प्रभावित गांव के लोगों को राशन का वितरण किया।

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