Wednesday, June 18, 2025
- Advertisement -

​आज विजयदशमी महापर्व, जानिए- दशहरा पूजन और नीलकंठ दर्शन के रहस्य

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक अभिनंदन और स्वागत है। आज मंगलवार को विजयदशमी के साथ दशहरा है। हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2023 में आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि की शुरुआत 23 अक्तूबर 2023 को शाम 5 बजकर 44 मिनट से 24 अक्तूबर 2023 को दोपहर 3 बजकर 14 मिनट तक रहेगी। इसलिए उदया तिथि के अनुसार इस साल 24 अक्तूबर को विजयदशमी मनाई जाएगी। विजयादशमी पर शस्त्र पूजा की जाती है। इस दिन शस्त्र पूजा विजय मुहूर्त में की जा जाएगी। 24 अक्तूबर को विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 02 बजकर 31 मिनट तक है। इसके अलावा इस दिन अभिजीत मुहूर्त या उस दिन का शुभ समय 11 बजकर 30 मिनट से दोपहर 12 बजकर 15 मिनट तक है।

02 17

अश्विन मास की दशमी तिथि को पूरे देश में दशहरा या विजयादशमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। दुर्गा पूजा की दशमी तिथि को मनाया जाने वाले दशहरा बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। दशहरा या विजयादशमी के दिन बिना शुभ मुहूर्त भी शुभ कार्यों को किया जा सकता है।

ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक आज के दिन किए गए नए कार्यों में सफलता हासिल होती है। विजयादशमी या दशहरा के दिन श्रीराम, मां दुर्गा, श्री गणेश और हनुमान जी की आराधना करके परिवार के मंगल की कामना की जाती है। मान्यता है कि दशहरा के दिन रामायण पाठ, सुंदरकांड, श्रीराम रक्षा स्त्रोत करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

दशहरा या विजयादशमी सर्वसिद्धिदायक तिथि मानी जाती है। इसलिए इस दिन सभी शुभ कार्य फलकारी माने जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दशहरा के दिन बच्चों का अक्षर लेखन, घर या दुकान का निर्माण, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण, अन्नप्राशन, कर्ण छेदन, यज्ञोपवीत संस्कार और भूमि पूजन आदि कार्य शुभ माने गए हैं। विजयादशमी के दिन विवाह संस्कार को निषेध बताया गया है।

दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने लंकापति रावण का वध किया था। रावण के बढ़ते अत्याचार और अंहकार के कारण भगवान विष्णु ने राम के रूप में अवतार लिया और रावण का वध कर पृथ्वी को रावण के अत्याचारों से मुक्त कराया। रावण पर विजय प्राप्त करने के उपलक्ष्य में दशहरा का पर्व मनाया जाता है इस पर्व को विजय दशमी भी कहा जाता है। इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार भी किया था।

दशहरा पूजा का महत्व

03 16

दशहरा के दिन मां दुर्गा और भगवान राम की पूजा की जाती है। मां दुर्गा जहां शक्ति की प्रतीक हैं वहीं भगवान राम मर्यादा, धर्म और आदर्श व्यक्तित्व के प्रतीक हैं। जीवन में शक्ति, मर्यादा, धर्म और आदर्श का विशेष महत्व है, जिस व्यक्ति के भीतर ये गुण हैं वह सफलता को प्राप्त करता है।

विजय का प्रतीक है पान

दशहरा के दिन रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद दहन के पश्चात पान का बीणा खाना सत्य की जीत की ख़ुशी को व्यक्त करता है। इस दिन हनुमानजी को मीठी बूंदी का भोग लगाने बाद उन्हें पान अर्पित करके उनका आशीर्वाद लेने का महत्त्व है। विजयादशमी पर पान खाना, खिलाना मान-सम्मान, प्रेम एवं विजय का सूचक माना जाता है।

शुभ होता है नीलकंठ का दर्शन

01 20

लंकापति रावण पर विजय पाने की कामना से मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने पहले नीलकंठ पक्षी के दर्शन किए थे। नीलकंठ पक्षी को भगवान शिव का प्रतिनिधि माना गया है। दशहरा के दिन नीलकंठ के दर्शन और भगवान शिव से शुभफल की कामना करने से जीवन में भाग्योदय,धन-धान्य एवं सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Delhi-NCR में मौसम ने ली राहत भरी करवट, बारिश और ठंडी हवाओं से भीषण गर्मी से राहत

नमस्कार,दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और...

Saharanpur News: अहमदाबाद विमान हादसे में मारे गए लोगों को व्यापारियों ने दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि

जनवाणी ब्यूरो |सहारनपुर: पश्चिमी व्यापारी एकता व्यापार मंडल के...

Saharanpur News: इब्राहिम सैफी खानदान को मिला नया रहनुमा, हाजी इस्लाम सैफी बने मुखिया

जनवाणी ब्यूरो |सहारनपुर: सैफी समाज की बैठक में सर्वसम्मति...
spot_imgspot_img