डॉ श्रीगोपाल नारसन एडवोकेट
हरिद्वार जनपद के खानपुर से पूर्व विधायक रहे कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन हमेशा से सुर्खियों में बने रहते हैं। कभी ‘तमंचे पर डिस्को’ तो कभी मगरमच्छ पर गोली चलाना उनके लिए कोई बड़ी बात नहीं है। एक बार फिर कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन उस समय चर्चा में आ गए ,जब बीते गणतंत्र दिवस पर अपने रुड़की आवास के निकट रह रहे खानपुर विधायक उमेश कुमार की गैर मौजूदगी में वे हथियारों व समर्थकों के साथ विधायक आवास में गाली गलौच करते हुए व सरे आम फायरिंग करते हुए घुस आए और वहां मौजूद लोगों से मारपीट करने लगे। इस घटना ने पूरे उत्तराखंड को हिलाकर रख दिया है।
तत्कालीन विधायक कुवंर प्रणव सिंह चैंपियन द्वारा सन 2006 में कई मगरमच्छों पर गोलियां दागी गई थी,इसी के साथ सन 2006 में ही हरिद्वार जिले के बहादराबाद में एक रोडवेज बस को साइड न देने पर बस चालक पर फायर झोंक दिया था.ल। वहीं सन 2010 में कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने मंगलौर कस्बे में एक कार्यक्रम के दौरान आवेश में आकर फायर झोंक दिया गया था, हालांकि इस फायरिंग में किसी को जान-माल का नुकसान नहीं पहुंचा था।
सन2013 में तत्कालीन मंत्री हरक सिंह के आवास पर डिनर पार्टी के दौरान उन्होंने डांस करते समय अचानक गोली चला दी थी, जिससे राज्य आंदोलनकारी विवेकानंद खंडूड़ी जख्मी हो गए थे।वहीं सन 2015 में भी विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन गोली चलाने को लेकर चर्चाओं में रहे हैं।सन 2015 में हरिद्वार के पथरी में खनन को लेकर विधायक चैंपियन पर स्थानीय ग्रामीणों पर गोली चलाने का आरोप लगा था. बाद में मामला सुलझा लिया गया था। सन 2018 में उन्होंने अपनी ही पार्टी के विधायक देशराज कर्णवाल से विवाद को लेकर भी खूब सुर्खियां बंटोरी।उन्होंने महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता का दर्जा न दिए जाने को लेकर बयान दिया तो भारतीय जनता पार्टी असहज हो गई थी।
सन 2019 में भी विधायक चैंपियन दिल्ली के उत्तराखंड सदन में भी टीवी चैनल के पत्रकार को थप्पड़ मारने के आरोप को लेकर चर्चाओं में रहे,लेकिन उन्होंने इस आरोप को गलत बताया था। सन 2021 में कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन का सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें चैंपियन एक पत्रकार को हड्डी तोड़ने की धमकी देते हुए सुनाई दिए ।फिलहाल,कुवंर प्रणव सिंह चैंपियन,विधायक आवास पर हमले को लेकर गिरफ्तार हैं और जेल में है।इस घटना के बाद दोनों ही नेताओं पर कई धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए हैं।दोनों नेताओं के गनर भी वापस लेने की कार्यवाही हो रही है,साथ ही उनके शस्त्र लाइसेंस भी निरस्त किये गए है।
चैंपियन-उमेश विवाद के बाद चैम्पियन की पार्टी बीजेपी ने उनसे किनारा कर लिया है।बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने तो उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने और इस मामले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात करने को कहा है। उन्होंने इस घटना को शर्मिंदा करने वाला बताया है। हालांकि, इस मामले में अब विधायक उमेश कुमार को भी अरेस्ट किया गया था,लेकिन उन्हें न्यायालय से जमानत मिल गई है।घटना के बाद दोनों ही पक्षों को हरिद्वार पुलिस द्वारा रात भर अलग-अलग कोतवालियों में बिठाए रखा गया ।दोनों ही को पूरी रात कोतवालियों में काटनी पड़ी है।रुड़की शहर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।दोनों के घरों पर पुलिस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दोनों पक्षों के समर्थक एक दूसरे पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे थे,जिसपर पुलिस नजर रख रही है।शहर में किसी अनहोनी की आशंका के मद्देनजर बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है।जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने पुलिस विभाग की आख्या के आधार पर तत्काल कार्यवाही करते हुए चैंपियन परिवार के तीन व्यक्तियों के शस्त्र लाईसेन्स निलम्बित कर दिये हैं।
जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने शस्त्र लाईसेन्स अनुज्ञाओं की शर्तों का उल्लंघन किये जाने तथा कानून एवं शान्ति व्यवस्था बनाये रखने हेतु तीन व्यक्ति के शस्त्र लाईसेंन्स निरस्त किये हैं। जिलाधिकारी ने दिव्य प्रताप सिंह पुत्र कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन निवासी रंगमहल कस्बा लंढौरा थाना कोतवाली मंगलौर, तहसील रुड़की जिला हरिद्वार के शस्त्र लाईसेंस सं० 2108/13 रिवाल्वर नं0 3107638-32, शस्त्र लाईसेंस सं० 2109/13 रिवाल्वर नं0 75931-32 बोर व शस्त्र लाईसैंस नं0 2104/13 बन्दूक नं0 148042 तथा श्रीमती सुभद्रा देवी (कुंवर देवरानी) पत्नी कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन निवासी रंगमहल कस्बा लंढौरा, थाना कोतवाली मंगलौर, तहसील रुड़की जिला हरिद्वार के शस्त्र लाईसेंस सं० 1237/99 बंदूक डीबीबीएल, शस्त्र लाईसेंस सं० 1492/03 पिस्टल नं0 0041 व शस्त्र लाईसेंस सं० 1669/07 पिस्टल नं० 623745ए, कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन पुत्र श्री नरेन्द्र सिंह निवासी रंगमहल कस्बा लंढौरा थाना कोतवाली मंगलौर, तहसील रूड़की जिला हरिद्वार के शस्त्र लाईसेंस नं0 1038/93 रायफल नं0 2576544 डीबीएल, शस्त्र लाईसेंस नं0 1039/1993 पिस्टल नं०-ए-1707 व शस्त्र लाईसेंस नं0 2256/14 रिवाल्वर-ए-1905-32 बोर को निलम्बित करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
इस पूरी हिंसक घटना की गवाही विधायक उमेश कुमार के कार्यालय के अंदर गोलियों के निशान दे रहे हैं,एक नहीं बल्कि दर्जनों गोलियों के निशान कार्यालय के अंदर हैं। पूर्व विधायक कुवंर प्रणव सिंह चैंपियन और विधायक उमेश कुमार दोनों के बीच सन 2022 से रंजिश चल रही है।उमेश कुमार ने भाजपा के तत्कालीन विधायक चैम्पियन की पत्नी रानी देवयानी को हराकर उनसे खानपुर सीट छीन ली थी, खानपुर क्षेत्र का चैंपियन ने चार बार प्रतिनिधित्व किया था। उमेश के विधायक बनने के बाद से ही दोनों के बीच तनातनी थी।उत्तराखंड के खानपुर से विधायक उमेश शर्मा तीन सैटेलाइट चैनलों के मालिक व वरिष्ठ पत्रकार है,स्टिंग ऑपरेशनो को लेकर वे चर्चाओं में रहे है।
उन्होंने सन 2022 में खानपुर से विधायकी का पर्चा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भरा था,वे पूर्व विधायक प्रणव सिंह चैंपियन की पत्नी कुंवरानी देवयानी के खिलाफ चुनाव लड़े और उन्हें हराकर विधायक बन गए।उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान वोटरों को लुभाने के उनके कई तरीकों से काम किया और खानपुर सीट से विधायक बन गए। तभी से उनका चैंपियन के साथ छत्तीस का आंकड़ा बन गया।उमेश शर्मा और प्रणव सिंह चैंपियन की जुबानी जंग सोशल मीडिया के जरिए सामने आने लगी।चुनाव आयोग के पास दायर चुनावी हलफनामे के अनुसार, उमेश कुमार का पेशा कृषि और मीडिया है। उमेश कुमार ग्रेजुएट हैं।उनकी कुल घोषित संपत्ति 54.9 करोड़ रुपये है, जिसमें 9 करोड़ रुपये चल संपत्ति और 45.8 करोड़ रुपये अचल संपत्ति के रूप में शामिल हैं। उनकी कुल घोषित आय 67.1 लाख रुपये है, जिसमें से 52.7 लाख रुपये खुद की आय है।
उमेश कुमार की कुल देनदारियां 2.9 करोड़ रुपये हैं।वही जब सन 2000 में उत्तराखंड बना और नारायण दत्त तिवारी की अगुवाई में पहली नई सरकार बनी तब कुवंर प्रणव सिंह चैंपियन निर्दलीय विधायक बन गए थे और कांग्रेस को अपना समर्थन देकर मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में पूरी साज-सज्जा के साथ गए थे। चैंपियन विधायक बनते ही मंत्री पद भी चाहते थे, लेकिन उनका सपना पूरा नहीं हुआ। उन्होंने खुलकर अपनी नाराजगी तत्कालीन तिवारी सरकार से जताई थी, जिसका काफी हो-हल्ला भी मचा था।मगर, तब उन्हें शांत करा दिया गया था। विधायक होने के साथ ही चैंपियन को हथियारों का भी बड़ा शौक रहा है और उनकी कई तस्वीरें हथियार लहराते हुए सोशल मीडिया में नजर आती रहती है, उन्होंने विपक्षी नेताओं ने भी तंज कसे ।
सन 2003 में प्रणव सिंह चैंपियन पर लक्सर वन विभाग ने मगरमच्छ का शिकार करने का आरोप लगाकर उनके खिलाफ मामला भी दर्ज करवाया था।सन 2009 में मंगलौर में चैंपियन के खिलाफ हवाई फायरिंग करने का आरोप लगा था और तब उनके खिलाफ मामला दर्ज होने के बावजूद कार्रवाई नहीं होने के आरोप लगे थे।सन 2011 में उनके खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल के समर्थकों के साथ मारपीट के आरोप लगे थे और उनकी शिकायत पर मामला दर्ज हुआ था.साल 2011 में ही रुड़की के एक होटल स्वामी पर फायरिंग करने के आरोप में मामला दर्ज हुआ था।
सन 2015 में कांग्रेस नेताओं की पार्टी में उन पर हवाई फायरिंग करने के आरोप लगे थे, जिसमें 2 लोग घायल हो गए थे और इसमें भी मामला दर्ज हुआ था।उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार के विधायकों की 2016 में तनातनी चल रही थी, तब भी चैंपियन ने बागियों के साथ खड़े रहकर अपनी भूमिका निभाई थी।सन 2017 में भाजपा ने उन्हें अपने टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए खड़ा किया तो नामांकन में भी खुलेआम हथियारबंद समर्थकों के साथ पहुंचने पर सवाल उठाए गए थे।
भाजपा से चुने गए विधायक प्रणव सिंह चैंपियन का 2019 में एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें वो हथियार लहराकर नाचते नजर आए थे,इस वीडियो को लेकर चैंपियन की भाजपा से छुट्टी कर दी गई थी क्योंकि उनके हथियार की प्रदर्शनी के साथ ही जुबान भी उत्तराखंड के खिलाफ थी। इससे नाराज होकर भाजपा नेतृत्व ने उनके खिलाफ 6 साल की पाबंदी लगा दी थी,लेकिन बाद में फिर वे भाजपा में आकर दबंगई करने लगे।(लेखक वरिष्ठ पत्रकार है)