Tuesday, March 19, 2024
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भूगोल: अपार संभावनाओं से भरा कॅरियर डोमेन

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भूगोल शब्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा के ‘जियोग्राफिया’ से हुई है, जिसका अर्थ पृथ्वी का विवरण अर्थात डिस्क्रिप्शन होता है। इस शब्द का पहली बार प्रयोग आज से प्राय: 2300 वर्ष पूर्व ग्रीक विद्वान इराटॉसथनेस ने किया था। इसीलिए उन्हें भूगोल का जनक कहा जाता है। भूगोल का विज्ञान भूमि, इसकी विशेषताओं, इस पर रहनेवाले निवासियों और इस पर घटित होनेवाली घटनाओं के अध्ययन का विषय कहलाता है।

जियोग्राफी की दो शाखाएं होती हैं-ह्यूमन जियोग्राफी और फिजिकल जियोग्राफी। लोगों और उनके विभिन्न समुदायों के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन का अध्ययन ह्यूमन जियोग्राफी का विषय होता है जबकि फिजिकल जियोग्राफी में नेचुरल एनवायरनमेंट के प्रोसेस और पैटर्न्स के बारे में स्टडी किया जाता है।

परम्परागत रूप से जियोग्राफी को कार्टोग्राफी का सब्जेक्ट माना है जिसके अंतर्गत मैप की ड्राइंग की जाती है। किन्तु समय के साथ यह विषय इंटरडिसिप्लिनरी सब्जेक्ट के रूप में स्थापित हो गया है और इसके कारण इस सब्जेक्ट का डोमेन भी काफी विस्तृत हो चुका है।

शुरुआत कहां से करें

भूगोल में करियर बारहवीं परीक्षा पास करने के साथ शुरू होती है। मानविकी में एक मुख्य पेपर के रूप में जियोग्राफी के साथ बारहवीं कक्षा पास करने के बाद जियोग्राफी में तीन वर्ष का बीए होनर्स का कोर्स किया जा सकता है। इसके बाद इस विषय में दो वर्ष के मास्टर डिग्री का रास्ता खुल जाता है।

वैसे जियोग्राफी के एक पेपर के साथ किसी भी स्ट्रीम में बारहवीं पास करने के बाद तीन वर्ष का बीएससी होनर्स कोर्स भी किया जा सकता है। जियोग्राफी में पोस्टग्रेजुएशन के बाद पीएचडी की डिग्री भी हासिल की जा सकती है।

अनिवार्य कौशल

भूगोल में करियर बनाने के इच्छुक कैंडिडेट्स में निम्न स्किल्स का होना अनिवार्य माना जाता है-

  • क्रिएटिविटी और इमेजिनेशन की उच्च क्षमता
  • सीखने की जिज्ञासा
  • एनालिटिकल और इंवेस्टिगेटिंग माइंड
  • मजबूत सांगठनिक क्षमता
  • टीम स्पिरिट और शुद्ध कम्युनिकेशन

जॉब्स कहां उपलब्ध हैं
साइंस और टेक्नोलॉजी में तेजी से डेवलपमेंट के साथ जियोग्राफी का स्कोप और जॉब प्रॉस्पेक्ट्स काफी विस्तृत हो चुका है। एनवायरनमेंट मैनेजमेंट से लेकर जियोग्राफिक इनफार्मेशन सिस्टम (जीआईएस) और जियोइन्फार्मेटिक्स एंड रिमोट सेंसिंग से लेकर मेटेरोलॉजी (मौसम विज्ञान) तक जियोग्राफी के प्रोफेशनल्स के लिए कई प्रकार के जॉब्स और करियर ऑप्शन के रास्ते आसान हो गए हैं। शहरी योजना, शिक्षण और रिसर्च के डोमेन्स में भी जियोग्राफी के डिग्री होल्डर्स के लिए जॉब्स की अपार संभावनाएं हैं।

जियोग्राफी में ग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट डिग्रीयों के साथ अन्य स्किल-बेस्ड कोर्स हासिल करने के बाद कैंडिडेट डाटा कलेक्शन, डाटा एनालिसिस, नेचुरल डिजास्टर, क्लाइमेट चेंज, डाटा प्रेजेंटेशन, प्रॉब्लम आइडेंटिफिकेशन और अन्य प्रकार के स्किल्स में प्रशिक्षित हो जाते हैं जो भविष्य में लुक्रेटिव जॉब्स के अवसर के आधार बन जाते हैं।

कार्टोग्राफी

नक़्शे बनाने, उसके अध्ययन और साइंस को कार्टोग्राफी कहा जाता है। जियोग्राफी के इस स्पेशलाइजेशन के प्रोफेशनल्स के द्वारा नक़्शे, चार्ट, ग्लोब, स्प्रेडशीट्स, डायग्राम्स ट्रेवल गाइड बुक्स तैयार किये जाते हैं। कार्टोग्राफर के रूप में पब्लिशिंग और सर्वेयिंग के क्षेत्र में करियर शुरू किया जा सकता है।

वैसे गवर्नमेंट के डिफेन्स सेक्टर में कार्टोग्राफर के लिए जॉब्स की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। इस क्षेत्र में रोजगार के लिए जियोग्राफिक इनफार्मेशन सिस्टम (जीआईएस) और डिजिटल मैपिंग तकनीक में स्पेशलाइजेशन आवश्यक होता है।

सर्वे

भूगोल में करियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवार के लिए सर्वेइंग का क्षेत्र भी काफी प्रोमिजिंग है। सर्वेइंग में मुख्य कार्य फील्ड वर्क का होता है। इस क्षेत्र में स्पेशलाइजेशन के साथ कैंडिडेट्स केंद्र सरकार या राज्य सरकारों के सर्वे डिपार्टमेंट्स ज्वाइन कर सकते हैं और अपने करियर का आगाज कर सकते हैं। वैसे प्राइवेट सेक्टर में सर्वेयर के लिए रोजगार के बहुत सारे अवसर खुले हुए हैं।

रिमोट सेंसिंग

सामान्य रूप से रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट अथवा रिमोट टेक्नोलॉजी के द्वारा पृथ्वी पर घटित होनेवाली विभिन्न घटनाओं, वायुमंडल और महासागरों इत्यादि के बारे में अध्ययन करना होता है। रिमोट सेंसिंग में स्पेशलाइज्ड प्रोफेशनल्स सरकारी, निजी दोनों क्षेत्रों में रिमोट सेंसिंग एनालिस्ट, जीआईएस तकनीशियन, कार्टोग्राफिक तकनीशियन, लैंड सर्वे तकनीशियन और अन्य प्रकार के पोस्ट्स के रूप में करियर का प्रारंभ कर सकते हैं।

ज्योग्राफिकल इनफार्मेशन सिस्टम अफसर के रूप में जीआईएस से प्राप्त डाटा के कलेक्शन, स्टोरेज, एनालिसिस, मैनेजमेंट और प्रेजेंटेशन का कार्य किया जाता है। इस प्रकार के प्रोफेशनल्स के लिए डिफेन्स, मेटेरोलॉजी, आयल और प्राकृतिक गैस, टेलेकम्युनिकशन्स और ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर्स में रोजगार के अपार अवसर उपलब्ध हैं।

टाउन प्लेनर

एक टाउन प्लानर की जिम्मेदारियों में शहर की सुरक्षा योजना, आर्थिक योजना, पर्यावरण योजना, इंफ्रास्ट्रक्चर योजनाओं को शामिल किया जाता जाता है। साथ ही ये प्रोफेशनल्स इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं को सुधारने से लेकर पर्यावरण से संबंधित समस्याओं के समाधान निकालते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि नए डेवलपमेंट प्रॉजेक्ट्स गवर्नमेंट के रूल्स और रेगुलेशन के मुताबिक हैं। जियोग्राफी में पोस्टग्रेजुएट की डिग्री के साथ एक कैंडिडेट सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में टाउन प्लानर के रूप में अपने करियर को नए आयाम दे सकते हैं।

पर्यावरण कंसलटेंट के रूप में करियर

एक पर्यावरण कंसलटेंट का मुख्य कार्य अपने क्लाइंट्स के लिए गवर्नमेंट के द्वारा फिक्स किये गए पर्यावरण से संबंधित रूल्स और रेगुलेशन को फॉलो कराना होता है। विभिन्न प्रकार के केमिकल्स, कुड़े -कचड़े और धुंए और ध्वनि से पर्यावरण पर प्रभाव का स्टडी करना, रिपोर्ट तैयार करना और अपने क्लाइंट्स को इन विषयों के बारे में गाइड करना एक पर्यावरण कंसलटेंट की रेस्पॉन्सिबिलिटीज में गिने जाते हैं। जियोग्राफी के प्रोफेशनल्स सरकारी और निजी क्षेत्रों में इस प्रकार की जिम्मेदारियों के साथ अपने करियर का आगाज कर सकते हैं।

शिक्षा में करियर

जियोग्राफी का विषय एजुकेशन सेक्टर में करियर का एक लुक्रेटिव डोमेन माना जाता है। इस डोमेन में करियर स्कूल के साथ-साथ कॉलेज और यूनिवर्सिटी लेवल पर टीचिंग फैकल्टी के रूप में किया जा सकता है। इसके लिए अनिवार्य प्रोफेशनल डिग्री के रूप में बीएड, सीटेट और अन्य परीक्षाएं पास करनी होती है। कॉलेज और यूनिवर्सिटी लेवल पर एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के लिए जियोग्राफी में मास्टर और पीएचडी की डिग्रियां प्राप्त करने के साथ यूजीसी नेट (नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट) की परीक्षा पास करनी होती है।

पत्रकारिता और मीडिया

अच्छी राइटिंग कैपेसिटी के साथ यदि आपके पास भूगोल में स्पेशलाइजेशन है तो आप प्रिंट और टेलीविजन में ट्रेवल राइटर, न्यूज रीडर और एनवायर्नमेंटल जर्नालिस्ट के रूप में भी करियर का आगाज कर सकते हैं।

एनवायरनमेंट लॉयर

भूगोल में ग्रेजुएशन की डिग्री के साथ एलएलबी की डिग्री हासिल कर लेने से प्रदूषण के रोकथाम के साथ क्लाइमेट कण्ट्रोल और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के डोमेन में भी करियर प्रारंभ किया जा सकता है।

मौसम भविष्यवक्ता

मौसम का पूवार्नुमान लगाना आज एक करियर ऑप्शन के डोमेन के रूप में स्थापित हो चुका है। जियोग्राफी में स्पेशलाइजेशन और अन्य प्रोफेशनल डिग्रियों के साथ मेटेरोलॉजी (मौसम विज्ञान ) के क्षेत्र में रोजगार की तलाश की जा सकती है।

लैंडस्केप आर्किटेक्ट

नए स्थानों पर आबादी के बसावट, नेचर रिजर्व और इंडस्ट्रियल सेट-अप की रुपरेखा तैयार करने इत्यादि क्षेत्रों में भी जियोग्राफी के प्रोफेशनल रोजगार पा सकते हैं।

भूगोल की स्टडी के लिए प्रमुख संस्थान

  • दिल्ली विश्वविद्यालय
  • जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
  • इंदिरा गाँधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, दिल्ली
  • जादवपुर यूनिवर्सिटी, कोलकाता
  • बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी, वाराणसी
  • सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी, पुणे
  • जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
  • अमिटी यूनिवर्सिटी, नॉएडा
  • इंस्टीट्यूट ऑफ जियोइन्फार्मेटिक्स एंड रिमोट सेंसिंग, कोलकाता

-एसपी सिंह


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