- मारपीट प्रकरण: घटना की निष्पक्ष जांच की मांग, पुलिस पर दबाव में काम करने का लगाया आरोप
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: नगर निगम मेंं मारपीट प्रकरण में पुलिस की निष्पक्ष जांच व कार्रवाई की मांग को लेकर सोमवार को सपा विधायक अतुल प्रधान व निगम के पीड़ित पार्षद कुलदीप घोपला ऊर्फ कीर्ति आईजी जोन से मिलने पहुंचे। उनके साथ कांग्रेस, सपा व रालोद के तमाम नेता भी मौजूद रहे। अतुल प्रधान ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि थाना देहलीगेट पुलिस निष्पक्ष कार्रवाई नहीं कर रही है। इस मामले में पुलिस भाजपाइयों के दबाव में हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने दबाव डालकर एक तहरीर को बदलवा दिया है। उस तहरीर में सरेआम मारपीट करने वालों के नाम दिए गए थे। पुलिस पीड़त को घर से उठा लायी। जो तहरीर पहले दी गयी थी, उसको बदलवा दिया गया, लेकिन सपा पार्षद अपनी तहरीर नहीं बदलेंगे। वह खुद और संगठन सपा पार्षद के साथ है। इस मौके पर कांग्रेस के रंजशन शर्मा, सपा के महानगर अध्यक्ष आदिल चौधरी के अलावा इंडिया गठबंधन में शामिल तमाम बड़े दलों के नेता मौजूद रहे।
अचानक पहुंचे एसएसपी और दूसरे अफसर
सपा विधायक जिस वक्त आईजी जोन से मिलने के बाद मीडिया से रूबरू थे, उसी दौरान अचानक एसएसपी रोहित सजवाण, एसपी देहात कमेलश बहादुर सिंह, एसपी ट्रैफिक राघवेन्द्र मिश्रा व कई सीओ आईजी आफिस आ गए। दरअसल, ये सभी आईजी जोन को नए साल की मुबारक बाद देने को बुके लेकर पहुंचे थे। जब ये अफसर पहुंचे तो अतुल प्रधान ने उनसे मारपीट प्रकरण में निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की। उन्होंने एसएसपी से कहा कि तमाम साक्ष्य मौजूद हैं, उसके बाद भी पुलिस जांच को पूरी तरह से भटकाने में लगी है।
कहां है बसपा के आशीष चौधरी?
आईजी जोन के आवास पर पहुंचे पुलिस के आला अफसरों से वहां मौजूद विपक्षी दलों के तमाम नेताओं से सवाल किया कि बसपा के आशीष चौधरी कहां हैं? उन्होंने आरोप लगाया कि नामजद तहरीर देने के बाद मामले को रफादफा करने के लिए ही पुलिस आशीष चौधरी को उठाकर ले गयी।
उन्हें डरा धमका दूसरी तहरीर लिखा गयी, जिसमें से मारपीट के आरोपियों के नाम निकलवा दिए गए और मारपीट करने वालों के नाम की जगह अज्ञात में तहरीर लिख ली गयी। विपक्ष दलों के नेताओं के इन आरोपों पर बजाए प्रतिक्रिया देने के तमाम अफसर वहां से तेजी से निकल गए।
अब तक यह हुआ
दो दिन पहले हुए मारपीट प्रकरण में दोनों ओर से तहरीर दी गयी। बसपा के आशीष चौधरी व सपा के कीर्ति घोपला ने नामजद करते हुए तहरीर दी, लेकिन आरोप है कि पुलिस ने तहरीर ही पलट दी है। जिस तहरीर में नामजदगी की गयी थी उसको बदलवा दिया गया है। इस मामले को लेकर अब तक विपक्षी दलों के नेता आईजी जोन व एसएसपी से भी मिल चुके हैं। इनमें नेताओं में सपा विधायक अतुल प्रधान, आजाद समाज पार्टी कें चंद्रशेखर, रालोद के पं. सुरेन्द्र शर्मा राजेन्द्र शर्मा, पूर्व विधायक योगेश वर्मा, कांग्रेस के रंजन शर्मा आदि भी शामिल हैं।
मुकदमा दर्ज कराने को एडीजी से मिले भाजपाई
सोमवार को भाजपा जिलाध्यक्ष शिवकुमार राणा, महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन ऋतुराज के नेतृत्व में पार्षद एवं अन्य भाजपाई एडीजी से मिलने के लिए जेल चुंगी स्थित कार्यालय पहुंचे। इस दौरान उन्होंने टाउन हाल स्थित सभागार में 30 दिसंबर को नगर निगम की बोर्ड बैठक में पुनरिक्षित बजट 2023-2024 के लिए बैठक में बवाल की जानकारी दी। जिसमें बताया कि पार्षद फजल करीम, आसिफ सैफी एवं रिजवान अंसारी ने महिला पार्षदों के प्रति अभद्र टिप्पणी की और अनुसूचित वर्ग के पार्षदों पर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए सार्वजनिक रूप से अपमानित किया।
इसी समय कुलदीप कुमार उर्फ कीर्ति घोपला एवं आशीष चौधरी पार्षदों द्वारा महिलाओं से दुर्व्यवहार एवं अभद्रता की गयी। पार्षद पवन चौधरी द्वारा इसकी तहरीर थाना देहली गेट पर दी गई, लेकिन अभी तक प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं की गयी है और न ही इस सम्बन्ध में कोई कानूनी कार्रवाई की गयी है। अनुसूचित वर्ग तथा महिला पार्षदगण इस समय अपने आपको अपमानित महसूस कर रहे हैं। वहीं, आरोप लगाया कि आरोपी आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति है।
इनका पूर्व का इतिहास जांच कर कार्रवाई करने की मांग की। इस दौरान एडीजी राजीव सभरवाल ने मामले की जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस मौके पर महिला पार्षद बबीता खन्ना, सुनीता प्रजापति, डा. अनुराधा एवं निरंजन सिंह, अरुण मचल वाल्मीकि, आनंद जाटव, अशोक कनौजिया, रेशमा सोनकर, कुलदीप बाल्मीकि, विमला देवी, रविंद्र सिंह, मीडिया प्रभारी अमित शर्मा आदि मौजूद रहे।
नगर निगम संग्राम पर राजनीति जारी
दो दिन पहले कुश्ती का अखाड़ा बनी नगर निगम बोर्ड बैठक प्रकरण में राजनीति जारी है। विपक्षी पार्षदों की हिमायत का दौर सोमवार को भी जारी रहा। विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का आना जाना इन विपक्षी पार्षदों के घर पर लगा रहा। सोमवार को कांग्रेस के स्थानीय पदाधिकारी पार्षद आशीष चौधरी के जाहिदपुर स्थित घर पर पहुंचे और उनकी लड़ाई को अपना समर्थन देने की घोषणा की।
पार्टी के जिलाध्यक्ष अवनीश काजला ने पार्षद आशीष चौधरी को आश्वासन दिया कि पार्टी उनकी लड़ाई में उनके साथ है। अवनीश ने कहा कि भाजपा सभी पार्टियों के नेताओं की आवाज को दबाना चाहती है लेकिन कांग्रस पार्टी उनकी आवाज को किसी भी स्तर पर दबने नहीं देगी। कांग्रेस के इस डेलिगेशन में तरुण शर्मा, नवीन कुमार, सुमित विकल, यामीन खरदौनी, सलीम खान, महेन्द्र शर्मा व अल्तमश त्यागी मुख्य रूप से मौजूद थे।
दलित पार्षद को पीटने वालों पर हो कड़ी कार्रवाई
लोकदल पीड़ित दलित पार्षदों की लड़ाई लड़ने के लिए आगे आ गया है। किसी भी कीमत पर पार्षदों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सोमवार को पार्षद कीर्ति घोपला के आवास पर आयोजित प्रेसवार्ता में विजेंद्र सिंह ने कहा कि पार्षद जनता हित में नगर निगम की बोर्ड बैठक में प्रस्तावों पर चर्चा कर रहे थे। उन पार्षदों पर इसलिए हमला किया गया कि वह जनता के मुद्दे और विकास की बात न कर सकें।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से नगर निगम की बोर्ड बैठक के अंदर हुई मारपीट और सड़कों पर दौड़ा-दौड़ा कर दलित पार्षदों को पीटा गया, ये दुर्भाग्य पूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि इस मारपीट की घटना से पूरे आम जनमानस का अपमान हुआ है, जिसको समाज किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन को चाहिए कि वायरल वीडियो के आधार पर मुकदमा दर्ज करें और आरोपियों की गिरफ्तारी करें।