- यूजीसी ने बिना मान्यता डिग्री देने वालों पर नकेल कसने की शुरू की तैयारी
- गत वर्ष यूजीसी की ओर से फर्जी संस्थानों की जारी की गई थी सूची
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: देशभर में छात्रों को ऐसे शिक्षा संस्थानों के प्रति सचेत रहने को कहा गया है। जिनकी डिग्री को आवश्यक मान्यता हासिल नहीं है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की मान्यता के बिना डिग्री प्रदान करने वाले उच्च शिक्षण संस्थानों की डिग्री नौकरी के लिए भी मान्य नहीं होगी। यूजीसी ने इस संबंध में देशभर के छात्रों को सचेत करने के लिए ऐसी सूचना जारी की है।
बता दें कि यूजीसी हर साल छात्रों को फर्जी संस्थानोंं में दाखिला न लेने की सलाह देता है। यूजीसी के अनुसार बिना यूजीसी की मान्यता के अगर कोई संस्थान डिग्री पाठ्यक्रम संचालित कर रहा है तो ऐसे में उस संस्थान से पास होने के उपरांत छात्रों को दी जाने वाली डिग्री पूरी तरह से अमान्य होगी साथ ही यह यूजीसी के नियमों के विरुद्ध भी है। इसके साथ ही यूजीसी ने देशभर के छात्रों को सचेत करते हुए कहा है कि यूजीसी देशभर में उन संस्थानों पर नजर रखने के साथ ही कार्रवाई करती है जो फर्जी तरीके से डिग्री कोर्स संचालित कर रहे हैं।
पूर्व में भी यूजीसी ने इस प्रकार के विषयों को संज्ञान में लिया था। बीते वर्ष ही यूजीसी ने लगभग 24 ऐसे उच्च शिक्षण संस्थानों की पहचान करते हुए उनके द्वारा दी जा रही डिग्री को अमान्य एवं फर्जी घोषित किया था। साथ ही इस विषय में देशभर के छात्रों को भी सूचित किया गया था। यूजीसी का कहना है कि गलत जानकारी देकर गुमराह करने वाले ऐसे शिक्षण संस्थानों में दाखिला लेने से बचना चाहिए।
यूजीसी के मुताबिक छात्रों को उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिला लेने से पहले उसकी जांच कर लेनी चाहिए। छात्रों एवं अभिभावकों को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि संबंधित शिक्षण संस्थान यूजीसी से मान्यता प्राप्त है या नहीं। इन शिक्षण संस्थानों की पहचान यूजीसी की बेवसाइट पर जाकर की जा सकती है। हाल ही में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी और भारत में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने वाले एआईसीटीई ने पाकिस्तान के शिक्षण संस्थानों को लेकर भी चेतावनी जारी की थी।
भारतीय छात्रों के लिए जारी किए गए इस संयुक्त परामर्श में कहा गया था कि भारतीय छात्र पाकिस्तान के किसी भी कालेज या शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश न लें। यूजीसी के मुताबिक पाकिस्तान से पढ़ कर आने वाले छात्र भारत में नौकरी व उच्च शिक्षा प्राप्त करने के पात्र नहीं होंगे
उत्तर प्रदेश में है सबसे अधिक फर्जी विवि
यूजीसी ने गत वर्ष 24 फर्जी विवि के नाम जारी किए थे, जिसमें यूपी में सबसे ज्यादा फर्जी विवि के नाम सामने आए थे। जिसमें वाराणसी संस्कृत विवि, महिला ग्राम विद्यापीठ इलाहाबाद, गांधी विद्यापीठ इलाहाबाद, नेशनल यूनिवर्सिटी आॅफ इलेक्ट्रो कॉम्पलेक्स होम्योपैथी कानपुर, नेताजी सुभाष चंद बोस मुक्त विवि अलीगढ़, उत्तर प्रदेश विवि मथुरा, महाराणा प्रताप शिक्षा निकेतन विवि प्रतापगढ़, इंद्रप्रस्थ शिक्षा परिषद नोएडा। वहीं दिल्ली की बात करे तो वहां सात फर्जी विवि संचालित किए जा रहे हैं, जो यूजीसी मानकों का उल्लंघन कर रही है।