Thursday, April 18, 2024
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कमाल की औषधीय है भिंडी, इसके सेवन से बढ़ती है इम्यूनिटी

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जनवाणी संवाददाता |

मोदीपुरम: सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि के वैज्ञानिक डा. आर एस सेंगर का कहना है कि उंगलियों की तरह दिखने वाली फौजियों की वजह से इसे अंग्रेजी भाषा में लेडीस फिगर भी कहा जाता है। हालांकि इसका वनस्पतिक नाम एवेल्मोस्कस एस्कुलेट्स है।

मधुमेह के रोगियों को भिंडी के बीजों का चूर्ण पांच ग्राम इलायची पांच ग्राम दालचीनी की छाल का चूर्ण तीन ग्राम और काली मिर्च पांच दाने लेकर अच्छी तरह से कूटकर मिश्रण तैयार कर लेना चाहिए और प्रतिदिन दिन में तीन बार गुनगुने पानी में मिलाकर सेवन करना चाहिए तेजी से मधुमेह रोगियों को मधुमेह नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी। भिंडी अत्यधिक प्रचलित सब्जियों में से एक है जो घरों के बगीचों से लेकर खेतों में विस्तार से उगाई जाती है।

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समानता लोग इसे सिर्फ एक सब्जी के तौर पर देखते हैं लेकिन आदिवासी इलाकों में ऐसे अनेक रोगों के उपचार के लिए उपयोग में लाया जाता है कोरोना महामारी के दौरान देखा गया है कि भिंडी एक अच्छा इम्युनिटी बढ़ाने में सहयोग करता है क्योंकि भिंडी खाने से पाचन ठीक रहता है जिससे खाए जाने वाले अन्य पदार्थों का अब्जॉर्प्शन ठीक से होता है और शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाने में यह काफी हद तक मददगार साबित होती है।

भिंडी का काढ़ा तैयार कर सिफलिस के रोगी को देते हैं करीब 50 ग्राम भिंडी को बारीक काटकर 200 मिलीलीटर पानी में उबाल आ जाता है और जब यह आधा शेष रहता है तो इसे रोगी को दिया जाता है 1 माह तक लगातार इस कार्य को लेने से आराम मिलता है।

भिंडी के बीजों को एकत्र कर सुखाया जाता है और बच्चों को इसका चूर्ण खिलाया जाता है माना जाता है कि यह बीज प्रोटोन युक्त होते हैं और उत्तम स्वास्थ्य के लिए बेहतर है यह बीज टॉनिक की तरह कार्य करते हैं। पीलिया बुखार और सर्दी खांसी में बीच से कटी हुई भिंडी की फलियां लगभग पांच नींबू रस आधा चम्मच अनार और आंवला की पत्तियां पांच-पांच ग्राम आदि को एक गिलास पानी में डुबोकर रात भर रख देते हैं।

अगली सुबह सारे मिश्रण को अच्छी तरह से पीसकर प्रतिदिन दो बार लगातार सात दिन तक दिया जाता है पीलिया जैसा घातक रोग एक सप्ताह में ही नियंत्रण में आ जाता है। मधुमेह के रोगियों को अक्षर भिंडी की पद कच्ची सब्जियों का सेवन करते रहना चाहिए हर्बल जानकारों के अनुसार ताजी हरी भिंडी ज्यादा असर करती है।

कुछ इलाकों में भिंडी के कटे हुए शरीर को पीने के पानी में डुबोकर सारी रात रखा जाता है और सवेरे खाली पेट इस पानी का सेवन किया जाता है चलने के बाद बचे भिंडी के हिस्सों को फेंक दिया जाता है माना जाता है कि जो मधुमेह नियंत्रण के लिए यह कारगर उपाय है। आदिवासियों के अनुसार कच्ची भिंडी चबाने से स्पर्म की मात्रा में खासी बढ़ोतरी होती है और यह स्वभाव से टॉनिक भी होता है इसलिए शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए भी भिंडी को बेहतर माना गया है।

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