- मृतक आश्रित को निर्विरोध सभासद बनाने में वादा खिलाफी
जनवाणी संवाददाता |
फलावदा: नगर पंचायत के सभासद की मृत्यु होने के बाद उप चुनाव में मृतक के आश्रितों को निर्विरोध निर्वाचित करने की वादा खिलाफी होने से कस्बे में बीजेपी दो फाड़ नजर आई। उपचुनाव में सियासी सूरमाओं ने अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगा दी है।
गौरतलब है कि स्थानीय नगर पंचायत के वार्ड संख्या 2 में सभासद शहजाद कुरैशी की मृत्यु हो गई थी। इस वार्ड में रिक्त पद को भरने के लिए कस्बे के सभासदों तथा राजनेताओं ने मृतक के आश्रितों से निर्विरोध सभासद निर्वाचित कराने पर सहमति जताई लेकिन कुछ दिन बाद ही वादाखिलाफी शुरू हो गई। उपचुनाव में निर्विरोध सभासद बनवाने के बजाय अपने अपने प्रत्याशी खड़े कर दिए गए।
मृतक सभासद शहजाद की पत्नी राशिदा के सामने सैनी समाज की ममता को प्रत्याशी बना दिया गया।प्रत्याशी खड़े किए जाने को लेकर भाजपा के स्थानीय संगठन में दो फाड़ हो गए। भाजपा का एक गुट मृतक सभासद के परिजनों के प्रति संवेदना रखते हुए राशिदा को समर्थन कर रहा है। जबकि दूसरे गुट ने ममता को चुनाव लड़ाया है।चुनाव स्थानीय नेताओं द्वारा अपनी प्रतिष्ठा से जोड़कर देखा जा रहा।
कई नेताओं की प्रतिष्ठा इस चुनाव में दांव पर लगी हुई है। मृतक सभासद की पत्नी के साथ पूर्व चेयरपर्सन आयशा खातून, सपा नेता शाही अब्बास, सांसद संजीव बालियान के प्रतिनिधि हर्ष बिश्नोई, अशोक सैनी वगैरह का समर्थन है जबकि ममता के साथ भाजपा से जुड़े अनुज सैनी व कुछ सियासी लोग साइलेंट खड़े है। बहरहाल नगर के वार्ड का उप चुनाव दिलचस्प होकर रह गया है। इस उपचुनाव में किसकी साख को बट्टा लगेगा यह 6 मई को मतगणना के बाद ही साफ होगा। फिलहाल इस उप चुनाव को लेकर बीजेपी दो फाड़ होकर रह गई है।