- परिजनों और ग्रामीणों ने डीएम कार्यालय पर शव रखकर किया प्रदर्शन
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: रोहटा थाना क्षेत्र के गांव बाडम में कुछ लोगों की दबंगई के कारण एक युवक की जान चली गई। मृतक के परिजनों और ग्रामीणों ने डीएम कार्यालय के बाहर शव रखकर हंगामा किया। उन्होंने बताया कि गांव के ही कुछ दबंगों ने मृतक के मकान के जेसीबी के माध्यम से ढहा दिया। जिसका युवक को सदमा हुआ और शनिवार सुबह हार्ट अटैक आने से उसकी मौत हो गई।
परिजनों कहना है कि आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। उल्टी उन्हीं पर दबाव बनाकर लिखित में फैसला भी करा दिया गया। अब भी आरोपी मृतक के चचेरे भाई को जान से मारने की धमकी दे रहे है। हंगामे की सूचना पर जिला और पुलिस प्रशासन ने समझा-बुझाकर परिजनों को शांत किया। घंटों की मशक्कत के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया।
बाड़म गांव निवासी राहुल गिरी (30) पुत्र स्व. महेंद्र गिरी मां विद्या देवी और दो बच्चों वंश (10) व आरांश (8) के साथ अपने पुस्तैनी मकान में रहता था। उसकी पत्नी कृष्णा देवी की कोरोना काल मौत हो गई थी। राहुल प्राइवेट कंपनी में कार चालक का काम करके अपने परिवार की गुजर बसर करता था। पुस्तैनी मकान की जमीन में ही उनके बुजुर्गों ने मंदिर का निर्माण भी कराया हुआ था। आरोप है कि 12 अक्टूबर को गांव के ही सोनू पुत्र श्यामसुंदर, संजय चनरबोर, अश्वनी, कृष्ण, बिल्लू, सोनू रघुराज, संजय पुत्र राजू, सौरभ, अमित, पप्पू, सोनू पुत्र सुरेश, नीरज समेत कुछ अज्ञात लोगों ने जेसेबी के माध्यम से उनके घर की दीवार को ढहा दिया।
जिसका राहुल की मां ने विरोध किया तो आरोपियों ने उनके साथ गाली-गलौज की। पुलिस ने मुकदमा तो लिखा पर पीड़ितोें पर ही दबाव बनाकर फैसलानामा लिखवा दिया। इस पूरे प्रकरण से राहुल डिप्रेशन में आ गया। परिजनों का कहना है कि इसी सदमे के कारण शनिवार सुबह करीब आठ बजे हार्ट अटैक आने से उसकी मौत हो गई। इसके बाद वह करीब साढ़े बजे बड़ी संख्या में इकट्ठे होकर कलेक्ट्रेट आए और युवक के शव को डीएम कार्यालय के बाहर रखकर जमकर हंगामा किया। पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया।
सूचना मिलते ही एडीएम नगर बृजेश कुमार सिंह, एसपी देहात राकेश मिश्रा, नगर मजिस्ट्रेट अनिल कुमार, एसडीएम सदर कमल किशोर और सीओ सिविल लाइन अभिषेक तिवारी रोहटा व सिविल लाइन थाने की पुलिस बल के साथ पहुंचे। सभी अफसरों ने परिजनों और ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत किया। घंटों तक परिजनों एक ही जिद पर अड़े रहे कि वह शव ले जाकर कहां रखें, क्योंकि उनके मकान को पूरी तरह से दबंगों ने ध्वस्त कर दिया है। इसपर सीओ सिविल लाइन अभिषेक तिवारी ने भरोसा दिलाया कि वह पीड़ित परिवार के साथ है, आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राजनीतिक रोटी मत सेकिए ‘प्रधान जी’
प्रदर्शन के दौरान सीओ सिविल लाइन अभिषेक तिवारी और गांव बाड़म के पूर्व प्रधान अमरदीप के बीच तीखी बहस हुई। पूर्व प्रधान ने कहा कि पहले पुलिस कार्रवाई करें, उसके बाद शव को उठाया जाएगा। इस पर सीओ भड़क गए। उन्होंने कहा कि प्रधान जी राजनीति की रोटी मत सेकिए…पुलिस परिवार के साथ है। आरोपियों के खिलाफ मुकदमा लिखा जाएगा। बहस में दोनों एक-दूसरे पर चिल्लाए तो सीओ ने यह तक कह दिया कि अगर जरूरत पड़ी तो आपके खिलाफ भी मुकदमा लिखा जाएगा।
…पहले मां छोड़कर चली गई, अब पिता का साया भी सिर से उठा
रोहटा थाना क्षेत्र के गांव बाडम निवासी राहुल की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। पूरा परिवार बर्बाद हो गया। अब सिर्फ दोनों बच्चों को दादी का सहारा है, लेकिन फिलहाल वह भी अपने होश में नहीं है। राहुल के दोनों बेटे वंश (10) और आरांश (8) एमडी ग्लोबल स्कूल नंगलाताशी में पढ़ते हैं। वंश कक्षा सातवीं और आरांश कक्षा चार का छात्र है।
उनका कहना है कि पहले मां छोड़कर चली गई और अब पिता का साया भी उनके सिर से उठ चुका है। मम्मी पापा उन्हें बिना बताए ही भगवान के पास चले गए। कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करने पहुंचे लोगों में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं था, जिसकी आंखों में आंसू ना हो। सभी का कहना था कि परिवार बर्बाद हो गया है। गरीब परिवार था…अब इन दोनों बच्चों का कौन सहारा बनेगा। वंश और आरांश भी पिता के शव के पास बैठकर फूट-फूटकर रो रहे थे।
प्रधानमंत्री स्वामित्व सर्वे में नहीं चढ़ा था मकान
राहुल के परिजनों का कहना है कि गांव में करीब दो साल पहले प्रधानमंत्री स्वामित्व सर्वे हुआ था। उस दौरान में गांव के कुछ लोगों ने पटवारी से साजिश करके उनके पुस्तैनी मकान का रिकॉर्ड नहीं दर्ज कराने दिया था। जबकि मकान में कई सालों से यही परिवार रह रहा है। अब दबंग लोग कब्जे करने की नीयत से इस मकान को ढहाया गया है।