Saturday, April 20, 2024
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ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीन के लिए नहीं है केंद्र

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  • सिर्फ शहरी क्षेत्रों तक ही सिमटकर रह गया वैक्सीनेशन

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: वर्तमान समय में जिस प्रकार कोविड-19 संक्रमण ने पैर पसारे है, उससे देश भर में चिकित्सा सिस्टम बेहाल हो चुका है। आमजन को चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। हर रोज कहीं न कहीं से ऐसी घटना सुनने को मिलती है, जिससे हर किसी को पीड़ा होती है।

इन्हीं सही बातों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संक्रमण की चेन को ब्रेक करने के लिए एक मई से वैक्सीनेशन अभियान चलाने के लिए ऐलान किया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि 18 वर्ष से ऊपर की आयु के सभी लोगों के वैक्सीन लगाई जाएगी। ताकि इस संक्रमण की स्थिति से निपटने के लिए सभी में प्रतिरोधक क्षमता का विस्तार हो सके। प्रधानमंत्री के ऐलान के पश्चात विभिन्न राज्यों में यह प्रक्रिया शुरु हो गई।

जिसमें जनपद में भी हर रोज शहरी क्षेत्रों में वैक्सीन लगायी जा रही है। वहीं, दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक वैक्सीनेशन के लिए केंद्र निर्धारित नहीं किए गए हैं। जिससे ग्रामीण युवाओं में रोष देख जा रहा है। ग्रामीणों की माने तो अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी संक्रमण तीव्र गति से फैल रहा है। संक्रमण की स्थिति को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में भी सीएचसी केन्द्र पर विशेष अभियान चलाकर युवाओं के वैक्सीन लगानी चाहिए।

शहर में वैक्सीन लगवाने के लिए आ रहे ग्रामीण

ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार द्वारा विशेष रूप से कोई भी वैक्सीनेशन के लिए व्यवस्था उपलब्ध नहीं कराई है। इसी वजह से अब आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन कराते हुए युवा शहर की तरफ बढ़ने लगे। ताकि वह संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार हो सके। युवाओं की माने शहर में आने के लिए काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है।

क्योंकि लॉकडाउन के कारण उनको गांव से शहर तक आने में कोई वाहन नहीं मिल पाता। वहीं, खुद के वाहन से आएं तो गाड़ी में कोई दिक्कत हो जाए तो उसको सही करने के लिए भी मकैनिक नहीं मिल पाते। जिसके बाद कई किमी तक पैदल चलना पड़ता है। इसलिए जल्द से जल्द ग्रामीण क्षेत्रों में भी वैक्सीनेशन से संबंधित सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए।

18 पार वालों को वैक्सीनेशन के लिए करना होगा इंतजार लंबा

कोरोना से निपटने के सरकार के द्वारा चलाई जा रहे वैक्सीनशन के 18 पार वाले चरण में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आठ दिन में मिले 21 हजार के लक्ष्य में 17874 लोगों ने टीका लगवाया है। लोगों में टीका को लेकर बेहद उत्साह है, लेकिन पंजीकरण न होने से परेशान है। 13 मई तक स्लॉट फूल होने के कारण लोगो को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

कोरोना की वैक्सीन लगवाने के लिए पहले दिन से मारामारी चल रही है। मार्च से शुरू हुई वैक्सीनशन में ज्यादा जोर अप्रैल माह में हुआ जो आज तक बरकरार है। मार्च से अप्रैल तक 300680 लोगों को वैक्सीन लगनी थी। इसमें 60 पार वाले 119655 और 45 पार वाले 141710 को लग चुकी है। अब तक 261375 लोगो को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। इस तरह 87 प्रतिशत लोगो को वैक्सीन लग चुकी है। जबकि 46715 लोगो को बूस्टर डोज लग चुकी है। यहां तक सही चल रहा था।

जैसे ही सरकार के पास वैक्सीन खत्म हुई इसे आॅनलाइन कर दिया गया। इससे अफरातफरी मच गई। अब हालात यह है कि 18 पार वालो के लिए रोज 3000 लोगो को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन अब तक 17831 लोगो को ही वैक्सीन लग पाई है। हैरानी की बात यह है अब 45 पार वालो को भी आॅनलाइन पंजीकरण कराना होगा। ऐसे लोग जिनके पास एंड्रॉइड फोन नही वो पंजीकरण नही करा पा रहे है।

18 पार के ऐसे बहुत डॉक्टर है जो जान जोखिम में डालकर अस्पतालों में ड्यूटी दे रहे हैं, लेकिन उनका वैक्सीनशन नही हो पा रहा क्योंकि बुकिंग का स्लॉट खाली नही है। शासन को चाहिये कि ऐसे लोगों के प्राथमिकता पर व्यवस्था कराए। अफसोस स्वास्थ्य विभाग की ऐसे लोगों पर कड़ी नजर नहीं है।

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मोहित सिंह का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं की काफी आबादी रहती है। वहीं अब कॉलेज बंद होने के कारण अधिकतर युवा अपने गांव की तरफ चले गए हैं। क्योंकि बड़ी संख्या में सुविधाओं के अभाव में बेहतर शिक्षा के लिए युवा शहर में पढ़ने आते हैं। ऐसे में सरकार को सीचएसी केन्द्र पर भी वैक्सीन का कार्य शुरु कराना चाहिए। ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते संक्रमण पर काबू पाया जा सकें।

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अरुण कुमार का कहना है कि वैक्सीनेशन का रजिस्ट्रशन होने के बावजूद डोज लगने का स्थान और तारीख नहीं मिल पा रही है। कई युवा इसको लेकर असमंजस में हैं। सरकार इन बातों का ध्यान करते हुए जल्दी से जल्दी वैक्सीन लगाने का काम करे ताकि देश को इस महामारी से निजात मिल सके और किसी का घर न उजड़े।

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आकाश कुमार का कहना है कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप में सरकार द्वारा लगाई जा रही कोविड वैक्सीन के परिणाम बेहद सुखदायक हैं। युवाओं के लिए भी फ्री में वैक्सीनेशन की घोषणा हो चुकी है, लेकिन कई जगह देहात क्षेत्र में युवा वर्ग अभी तक इसकी पहुंच से वंचित है। सरकार इसको ध्यान में रखकर सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर युवाओं के लिए वैक्सिनेशन शुरू कराए तो बेहतर होगा।

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अंकित अधाना का कहना है कि कोविड के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार द्वारा युवाओं को टीकाकरण के लिए केंद्र निर्धारित हुए है, लेकिन सभी केंद्रों को शहरी क्षेत्रों में ही निर्धारित किया। जबकि युवाओं की बड़ी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में भी निवास करती है। ग्रामीण क्षेत्रों में बने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी टीकाकरण के लिए केंद्र निर्धारित हो।

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प्रदीप कसाना का कहना है कि कोरोना गाइड लाइन को फॉलो करने मे शहर के मुकाबले गांवो मे लोग कम जागरूक होते हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण तीव्र गति से पैर पसार रहा है। इसलिए एक युवा होने के नाते मेरा सरकार से अनुरोध है कि कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यधिक मात्रा में की जाए। क्योंकि 40 प्रतिशत युवा आबादी गांवों में वास करती है। इन सभी का वैक्सीनेशन होना अति आवश्यक है।

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हिमांशु माथुर ने कहा कि सरकार को ग्रामीण क्षेत्र में विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में अगर संक्रमण गति पकडेÞगा तो स्थिति गंभीर हो जाएगी। इसलिए सभी सीएचसी केन्द्र पर व्यापक सुविधा करते हुए 18 वर्ष से वाले लोगों के वैक्सीनेशन कार्य शुरू करा देना चाहिए। क्योंकि अब गांव में भी केस में वृद्धि देखने को मिल रही है।

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