- कहा, देश में रोजगार खेती में निवेश के आधार पर बढ़ेंगे
जनवाणी ब्यूरो |
शामली: एक ओर देश के सर्वोच्च न्यायालय ने जहां केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीनों कानूनों के अमल पर रोक लगाते हुए मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई में कमेटी का गठन कर दिया, वहीं उप्र के पंचायती राज विभाग के कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कृषि कानूनों की वकालत करते हुए कहा कि खेती के व्यवसायीकरण से देश के किसानों की दशा सुधरेगी। साथ ही, देश में रोजगार खेती में निवेश के आधार पर बढ़ेंगे।
प्रदेश के पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी मंगलवार को जनपद में आए। पंचायती राज मंत्री प्रात: करीब 10:45 बजे सबसे पहले गांव लिसाढ़ में गठवाला खाप के चौधरी बाबा हरिकिशन मलिक के आवास पर पहुंचें। स्वास्थ्य और कुशलक्षेम पूछने के बहाने मंत्री ने तीनों कृषि कानूनों पर खाप चौधरी का मन टटोला। साथ ही, नए कृषि कानूनों को किसानों के हित में बताया।
उन्होंने खाप चौधरी के ज्येष्ठ पुत्र राजेंद्र मलिक से भी बातचीत की। इसके बाद नए विकास भवन के समीप जिला पंचायत भवन के शिलान्यास अवसर पर कार्यक्रम में पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि नए कृषि कानूनों के विरोध में हमारे परिवार के लोग या यू कहिए कि हम लोग ही धरने पर बैठे हैं।
मंत्री ने कहा कि बिल की मूल भावना कृषि के क्षेत्र की व्यापकता को देखते हुए उसमें निवेश लाना है। सरकार पैसे के माध्यम से उसका व्यवसायीकरण करना चाहती है। दरअसल, व्यवसायीकरण के कारण बाजार में बिकने वाले कृषि उत्पाद और हमारे उत्पाद में बहुत अंतर है।
उदाहरण देते हुए कहा कि गांव से दुधिया 25 रुपये लीटर दूध लेकर शहर में 50 रुपये लीटर बेचते हैं। इसलिए सरकार की इस गेप को दूर करने की मंशा है। सरकार कृषि में निवेश लाना चाहती है जिससे छोटे-छोटे उद्योग धंधे लगे और उनमें रोजगार सृजन हो सके। लेकिन लोग अनावश्यक रूप से टकराव की स्थिति पैदा कर रहे हैं।
केंद्र सरकार का स्पष्ट कहना है कि हम संशोधनों के साथ बीच में आए हैं, चाहे तो संशोधन कर सकते हैं। लोग कहते हैं कि हमारी जमीन का कांटेक्ट होगा। कांटेक्ट तो हम अब भी करते ही हैं, ठेके पर बटाई पर चौथाई पर जमीन देते हैं। चीनी मिल के लिए उस क्षेत्र का गन्ना आरक्षित नहीं होता क्या?
गन्ना फसल का भी तो एग्रीमेंट होता है। ये ही सब व्यवस्था तो कानून में है। लेकिन लोग एक विचारधारा के तहत देश के विकास की गति को रोकने का काम कर रहे हैं। इसलिए हमें किसी के भड़काव में नहीं आना है। देश की गति को आगे बढ़ाना है। देश में रोजगार खेती में निवेश के आधार पर बढ़ेंगे।
पंचायत चुनाव में आरक्षण का निर्धारण 15 फरवरी तक
उप्र के पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण के सवाल पर कहा कि आगामी 24 जनवरी से 15 फरवरी तक आरक्षण का निर्धारण हो जाएगा। आरक्षण शून्य क्रम में होगा या फिर चक्रानुक्रम में, इसका निर्णय उच्च स्तर पर लिया जाएगा।