जनवाणी ब्यूरो |
लखनऊ: अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा राज में उत्तर प्रदेश विकास से पूर्णतया वंचित एवं उपेक्षित है। भाजपा नेतृत्व के पास विकास का कोई विजन नहीं है। भाजपा सरकार कुछ भी बदलाव करने की स्थिति में नहीं है। भाजपा सरकार बड़े उद्योगपतियों के हितों के लिए काम कर रही है। सन् 2024 में जनविरोधी भाजपा सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए जनता को मिलकर तैयार रहना है।
समाजवादी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय लखनऊ में अखिलेश यादव आज एकत्र जनसमुदाय को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपाई प्रगति और नए भारत के बारे में बड़े-बड़े लम्बे प्रवचन करते हैं पर सब कुछ बेचकर अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने में लगे हैं। बाजार अडानी को बेच दिया गया। आटा, मैदा, तेल, बिस्कुट, ब्रेड सब पर उनका ही अधिकार है। एयरपोर्ट, रेलवे सब पर अडानी का वर्चस्व है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने सभी को धोखा देने का काम किया है। किसान त्रस्त है। किसानों का शोषण करना भाजपा का एजेण्डा है। सूखे से परेशान किसान से सम्माननिधि की वसूली हो रही है। किसानों को सूखे का मुआवजा देने की जगह सर्वे का बहाना किया जा रहा है। नौजवानों का भविष्य अंधेरे में है। रोजी-रोजगार का संकट है। नौकरी देने की जगह युवाओं को लाठियों से पीटा जा रहा है। भाजपा सरकार किसानों-नौजवानों के साथ किए गए वादे नहीं निभा रही हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि शिक्षा-स्वास्थ्य के क्षेत्र में बदहाली है।
विद्यालयों के जर्जर भवनों में बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं, उनसे शौचालयों की सफाई तक कराई जा रही है। बच्चों को अब तक न पाठ्य पुस्तके मिली और न ही यूनीफार्म मिल पाई हैं। अस्पतालों में इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। दवाओं का अभाव है। डाक्टरों के स्थानांतरण में घोटाला हो गया।
यादव ने कहा कि महंगाई की मार ने जनसामान्य की कमर तोड़ दी है। रोजमर्रा की चीजों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। खाद-बीज कीटनाशक, कृषियंत्र सभी महंगे हो गये हैं। यूरिया खाद की बोरी से 5 किलो खाद कम कर दी गई पर दाम कम नहीं हुए।
अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा के खिलाफ जनता में भारी आक्रोश पनप रहा है। लोग भाजपा की वादाखिलाफी और धोखे की राजनीति से वाकिफ हो चुकें हैं। भ्रष्टाचार थम नहीं रहा है। कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती जा रही है। भाजपा सरकार के खिलाफ राष्ट्रव्यापी असंतोष पनप रहा है। जनता ने अब भाजपा को सबक सिखाने का पक्का इरादा कर लिया है।