- कफ सिरपों को लेकर शासन सख्त, सर्दियों में होती है ज्यादा खपत
- ड्रग विभाग को होने जा रही एडवाइजरी जारी
- दवा विक्रेताओं का कहना फैक्ट्री स्तर पर हो जांच
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सर्दियों का मौसम आते ही आम तौर पर लोगों में खांसी-नजले की शिकायते सामनें आने लगती है। ठंड के साथ इस तरह की बीमारियों के मरीजों की संख्या भी बढ़ जाती है। इसी वजह से बाजार में बिकनें वाले कफ सिरप की खपत भी कई गुना बढ़ जाती है। लेकिन इन कफ सिरपों में से कुछ के साल्ट मानकों के अनुरूप नहीं पाए गए है। जिसको लेकर शासन ने पूरे प्रदेश में ड्रग कंट्रोलर विभाग के लिए एडवाइजरी जारी करने की तैयारी की है।
वहीं दवा व्यापारियों का कहना है जिन फैक्ट्रीयों में कफ सिरप तैयार होते है वहां से माल बाजार में आनें से पहले ही उसकी जांच होनी चाहिए। बाजार में आने के बाद इनपर सवाल उठाना ठीक नहीं है। खांसी से निजात दिलानें के लिए बाजार में उपलब्ध कफ सिरपों को लेकर शासन स्तर पर सख्त कदम उठानें की तैयारी है।
फिलहाल शासन से जारी कुछ सिरपों को सेहत के लिए खतरनाक बताया गया है। इनमें कोफोक्समालिन, प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्युशन, मैग्रीप एन कोल्ड सिरप व मकॉफ बेबी कफ सिरप शामिल है। बताया जा रहा है इन चारों सिरपों के साल्ट में एथिलीन ग्लाइकॉन व डायथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा मानकों के अनुरूप नहीं है।
खांसी के सिरप कर रहे बीमार
जिन सिरपों को लेकर शासन ने सख्ती करने की बात कही है वह सेहत के लिए काफी घातक बताए जा रहे हैं। इनके सेवन से न सिर्फ मानसिक रोगी होने का खतरा बढ़ रहा है बल्कि पेट दर्द व यूरिन समेत किडनी की समस्या पैदा होना भी बताया जा रहा है। खांसी से निजात पानें के लिए अमूमन डाक्टर इन्हीं में से कोई एक सिरप लिखते है जो मारीजों के लिए खतरनाक है।
दवा व्यापारी का तर्क
मेरठ कैमिस्ट एंड ड्रजिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री रजनीश कौशल का कहना है जिन सिरपों के साल्ट को खतरनाक बताया जा रहा है वह जहां तैयार हो रहे है उस फैक्ट्री की ही जांच होनी चाहिए। दवा व्यापारी तो बिल का पेमेंट कर सिरप मंगाते है,
अब बाजार में आनें के बाद इन सिरपों पर प्रतिबंध लगाया जाए यह ठीक नहीं है। जिन फैक्ट्रीयों में इस तरह के सिरप तैयार हो रहे है जिनमें मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है उन फैक्ट्रियों पर ही जांच की कार्रवाई होनी चाहिए। यदि ड्रग विभाग इन फैक्ट्रियों से माल बाहर आनें से पहले ही उसे रोक देगा तो यह बाजार में उपलब्ध ही नहीं होगे।
ड्रग विभाग का कहना
दवा निरीक्षक पियुष शर्मा का कहना है जिस साल्ट का जिक्र किया गया है उस साल्ट के कफ सिरप बाजार में उपलब्ध नहीं है। यह कंपनियों ने एक्सपोर्ट करने के लिए ही तैयार किए थे। लेकिन एहतियात के तौर पर उनके द्वारा सर्दियों के मौसम में बाजार में बिक रहे कफ सिरपों की सैंपलिंग की जा रही है। इसके साथ ही उन सभी दवाओं की भी जांच की जा रही है जिनका प्रयोग खांसी से निजात पाने के लिए होता है।
शासन स्तर से कफ सिरपों को लेकर नई गाइडलाइने आनें जा रही है। जैसे ही यह हमे मिल जाएंगी तो उसका पालन करते हुए कार्रवाई की जाएगी। -प्रियंका चौधरी, ड्रग इंस्पैक्टर, मेरठ।