- वित्तमंत्री से की अव्यवहारिक वृद्धि वापस लेने की मांग
- शामली ईंट निर्माता समिति ने एउीएम को सौंपा ज्ञापन
जनवाणी ब्यूरो |
शामली: शनिवार को शामली ईंट निर्माता समिति के जिलाध्यक्ष भूपेंद्र मलिक व महामंत्री सुनील गोयल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर वित्त मंत्री भारत सरकार को संबोधित एक ज्ञापन एडीएम वित्त एवं राजस्व अरविंद कुमार सिंह को सौंपा। जिसमें बताया गया कि जीएसटी काउंसिल की 19 सितम्बर 2021 को लखनऊ में संपन्न हुई 46वीं बैठक में भट्ठों में निर्मित लाल ईंटों पर जीएसटी की दर में अत्यधिक वृद्धि की गई है, जो नितान्त अन्यायपूर्ण एवं अव्यवहारिक है।
ज्ञापन में कहा गया सरकार भली प्रकार से अवगत है कि विगत 2 वर्षों से कोरोना महामारी के कारण ईट व्यवसाय पूरी तरह चौपट और घाटे में है। ऐसे में ईंटों पर कर दर बढ़ाने का प्रस्ताव जनविरोधी है। प्रधानमंत्री का सपना 2022 में सबका घर हो अपना ऐसेी परिस्थिति में सपना ही रह जाएगा। मैन्यूफैक्चर्स सैक्टर 40 लाख तक सालाना टर्नओवर पर जीएसटी में कर मुक्त है। इसके बावजूद उपरोक्त बैठक में ईंट निमार्ताओं के लिए 20 लाख रुपये सालाना टर्नओवर तक फेरमुक्त का प्रस्ताव किया गया है, जो कि ईंट भट्ठोंं के साथ घोर अन्याय है।
ईट निमार्ताओं के लिए जीएसटी में वर्तमान में 1.50 करोड टर्नओवर तक कम्पोजीशन सीमा है, जिसमें 01 प्रतिशत की कर दर है। भारत वर्ष में लगभग 03 करोड़ बेरोजगार भूमिहीन निर्बल वर्ग के श्रमिकों को रोजगार देने वाले भटठा उद्योग तथा आम जनहित में ईंटों पर कर दर में वृद्धि प्रस्ताव को तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए आगामी 2 सीजन वर्ष के लिए ईंट बिक्री को कर मुक्त घाषित करने की मांग की।