- सिसौली में देर रात चली किसानों की पंचायत में भाकियू राष्ट्रीय अध्यक्ष ने किया ऐलान
रामबोल तोमर |
मेरठ: गाजीपुर बॉर्डर पर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत को गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस के बाद अचानक माहौल गरमा गया। मुजफ्फरनगर के सिसौली कस्बे में दो पंचायत हुई। एक पंचायत तो शाम पांच बजे हुई तथा दूसरी पंचायत देर रात तक चली।
पहली पंचायत में चौधरी नरेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर का धरना खत्म करने का ऐलान कर दिया था, लेकिन दूसरी पंचायत में देर रात में हुई। इस पंचायत में भारी तादाद में लोग मौजूद रहे, जिसमें भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत के तेवर बेहद तल्ख रहे। उन्होंने पंचायत में ऐलान कर दिया कि गॉजीपुर में धरने पर बैठे किसानों के साथ छेड़छाड़ की तो लाश बिछ जाएंगी, जिसका सरकार को अंदाजा नहीं होगा।
भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि हमारी इंसानियत को प्रशासन उनकी कमजोरी नहीं समझे। हम कानून हाथ में नहीं लेते। युवा पीढ़ी है, बहुत गरम है। जो आरोप किसानों पर लगा है, उससे किसानों में मातम सा छाया हुआ है। भाजपा सरकार ने मिलीभगत करके लालकिले का अपमान करा ये घिनौनी हरकत है, ऐसा हमारे किसान कतई नहीं कर सकते।
इस परिवार का इतिहास रहा है, कभी इस तरह की घिनौनी हरकत नहीं की, जिसने भी यह अपमान किया। इसकी जांच होनी चाहिए। जिस आदमी ने भी खंभे पर चढ़कर झंडा फहरा भी गया और फिर वह चला भी गया। यह प्रश्न चिन्ह लग रहा है। भाजपा सरकार पर अंगूली उठ रही है। इसमें राजनीति करने की बात नहीं। यदि माहौल खराब होता है तो केन्द्र व यूपी सरकार जिम्मेदारी होगी। क्योंकि हमारे हाथ से बात निकल जाएगी।
ठीक है, इस बात को तरोड मरोडकर पेश किया जाएगा, लेकिन पहले जांच होगी, फिर गिरफ्तारी होगी। इसमें किसी का सुलह मशवरा नहीं लिया जाएगा। मुजफ्फरनगर के जीआईसी कॉलेज के मैदान में महापंचायत होगी, जिसमें व्यवस्था बिगड़तो या फिर सुधरों, उसके लिए जिम्मेदारी पुलिस-प्रशासन व यूपी सरकार की होगी। किसानों की इसमें जिम्मेदारी नहीं होगी।
प्रदेश में क्या हालात होंगे? इसकी हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी? इसकी जिम्मेदारी लखनऊ शासन की होगी। भाकियू अध्यक्ष ने भाजपा की तरफ इशारा करते हुए कहा कि शक्ति प्रदर्शन का इन्हें पता चल जाएगा। कैसा शक्ति प्रदर्शन होता है। किसानों के साथ छेड़ा-छाड़ी करने का भी पता चल जाएगा।
यदि गाजीपुर बॉर्डर पर कोई हरकत पुलिस-प्रशासन धरने पर बैठे किसानों के साथ करता है तो पता नहीं, फिर कितनी लाश बिछ जाएंगी, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता।
भाजपा विधायकों के जाने से बिगड़े हालात
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के धरना स्थल पर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत गिरफ्तारी देने के लिए तैयार हो गए थे, लेकिन जब लोनी के भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर अपने समर्थकों के साथ पहुंचकर किसानों के साथ अभद्रता कर दी। इसके बाद भाकियू नेता राकेश टिकैत भड़क गए तथा उन्होंने गिरफ्तारी देने से मना कर दिया।
कहा कि भाजपा नेताओं के कहने पर गिरफ्तारी नहीं देंगे। इसके बाद आंदोलन जारी रखने का ऐलान कर दिया। इस तरह से हालात बिगड़ गये। भाजपा विधायक किसके कहने पर आंदोलनकारियों के बीच पहुंचे और किसानों से अभद्रता क्यों की? इसको लेकर किसानों का आक्रोश बढ़ गया।
भाजपा विधायक के इस रवैये का मामला सिसौली में देर रात में चली पंचायत में भी नाराजगी जतायी गयी। यही नहीं, पंचायत में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत पहली बार आक्रामक नजर आये। उन्होंने दो टूक ऐलान भी कर दिया कि गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को कोई नुकसान पहुंचाया जाता है तो पूरे प्रदेश में अराजकता पैदा होती है तो इसके लिए पुलिस-प्रशासन जिम्मेदार होगा।
इसके लिए भाकियू की कोई जवाबदेही नहीं होगी। क्योंकि इसके बाद हालात उनके हाथ से निकल जाएंगे। किसानों को संभाल पाना मुश्किल हो जाएगा। भाकियू मुजफ्फरनगर के जीआईजी कॉलेज के मैदान में शुक्रवार को महापंचायत करने का ऐलान कर चुका हैं। इस दौरान हालात बिगड़ते है तो फिर हिंसा बढ़ जाएगी। ऐसा हालात वेस्ट यूपी में बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं, मगर पुलिस-प्रशासन की तरफ से इसे रोकने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है।
भाकियू की महापंचायत के लिये मेरठ से पुलिस गई
कृषि बिल के खिलाफ चल रहे आंदोलन के बदले घटनाक्रम को लेकर मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कालेज में होने जा रही भाकियू की महापंचायत को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। इसके लिये मुजफ्फरनगर के अलावा मेरठ और अन्य जनपदों से पुलिस भेजी जा रही है।
भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने महापंचायत का ऐलान किया है। गाजीपुर बॉर्डर पर बदले घटनाक्रम और राकेश टिकैत के गिरफ्तारी की आशंकाओं को देखते हुए बुलाई गई महापंचायत के बाद टकराव की संभावनाओं को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। मेरठ से भी पुलिस फोर्स मुजफ्फरनगर भेजी जा रही है।
राकेश टिकैत की हालत बिगड़ी
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत का देर रात में गाजीपुर बॉर्डर पर हालत बिगड़ गई। जिस तरह का किसानों व पुलिस के बीच टकराव चला, उसके बाद भाकियू नेता का बीपी डाउन हो गया। रात में ही डॉक्टरों को वहां पर बुलाया गया, जिसके बाद चेकअप किया गया। राकेश टिकैत के स्वास्थ्य में अचानक गिरावट आ गई। उनको प्राथमिक उपचार धरना स्थल पर डॉक्टरों ने दिया है।
किसानों में आक्रोश, बन सकते हैं टकराव के हालात
गाजीपुर बॉर्डर पर देर रात में किसानों को धरने से उठाने को लेकर जिस तरह से प्रयास हुआ, पुलिस के उस रवैये से किसानों में आक्रोश फैल गया। किसान रात में ही दिल्ली के लिए कूच कर गए। किसानों की गांव-गांव पंचायत और मंदिरों से एलाउंसमेंट कराया गया। क्योंकि, बुधवार की देर रात में बागपत के बड़ौत कस्बे में चल रहे किसानों के धरने पर भी पुलिस ने वृद्ध किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया था।
इसको लेकर भी किसानों में आक्रोश पैदा हो गया। रालोद के कार्यालय पर भी पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध हुआ। किसान नेताओं ने भी पुलिस की दमनकारी नीति का विरोध किया तथा दिल्ली के लिए रात में लोग कूच कर गए। ऐसी सूचनाएं भी मिली है।
मेरठ में भी किसानों को रोकने के लिए रात में पुलिस लगाई गई, लेकिन किसान ट्रैक्टरों की बजाय कारों व अन्य वाहनों से दिल्ली के लिए कूच कर गए। रात भर पुलिस-प्रशासन नेताओं के घरों पर गतिविधियों को देखने में लगा रहा। इसकी पल-पल की खबर लखनऊ को दी गई।
वेस्ट यूपी में किस तरह का माहौल है। कहीं कोई टकराव के हालात तो नहीं बनेंगे? इसको लेकर लखनऊ से फीड बैक ली जाती रही। हालांकि भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने शुक्रवार को मुजफ्फरनगर के जीआईसी कॉलेज के मैदान में महापंचायत बुलाई हैं।
महापंचायत के ऐलान से टकराव के आसार प्रबल हो गए हैं। क्योंकि वेस्ट यूपी किसान बाहुल्य क्षेत्र है, जिसमें किसानों के आगे के रुख पर बहुत कुछ निर्भर करने वाला है।
सपाइयों ने टिकैत को दिया समर्थन
गुरुवार को सपा नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल भाकियू नेता राकेश टिकैत से गाजीपुर बॉर्डर पर मिला। किसानों के इस आंदोलन में सपा का पूर्ण समर्थन है और किसान के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेंगे। भारी पुलिस बल की तैनाती और सरकार का किसानों को हटाने का भारी दबाव बिजली पानी की व्यवस्था सब काट दी गई हैं।
ऐसे हालातों में किसान अब भी जमकर डटा हुआ है। उनका हौसला बरकरार है। किसानों का कहना है कि किसी भी सूरत में हम यहां से नहीं हटेंगे। जब तक यह काले कानून सरकार द्वारा वापस नहीं होते हैं। किसान अपनी गिरफ्तारी देने के लिए तैयार है, लेकिन हटने के लिए तैयार नहीं। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष व पूर्व राज्य मंत्री चौधरी राजपाल सिंह ने भरोसा दिलाया के हर सूरत में समाजवादी पार्टी किसानों के साथ खड़ी है। साथ में विपिन मनोठिया, संजीव यादव, गौरव आदि मौजूद रहे।
किसान भाजपा की साजिश का जवाब देगा: जाखड़![]() |
सरकार की किसानों पर दमनकारी नीति: यशवीर![]() |