Thursday, June 26, 2025
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फलावदा व आसपास इलाके में डेंगू बुखार का कहर

  • सरकारी अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ी
  • लैब और प्राइवेट डॉक्टरों की दुकाने हाउसफुल

जनवाणी संवाददाता |

फलावदा: नगर व आसपास के गांवों में डेंगू बुखार का कहर चल रहा है। बुखार फैलने से झोलाछाप डॉक्टरों तथा लैब संचालकों की चांदी कट रही है।सरकारी अस्पताल में मरीजों की बाढ़ से आई हुई है। प्रतिदिन अस्पताल में काफी मरीज भर्ती हो रहे हैं।

कस्बे में आसपास के गांव में पिछले कई दिनों से डेंगू बुखार का कर चल रहा है। आलम यह है कि वर्तमान में कोई गली मोहल्ला बुखार पीड़ितों से बचा हुआ नहीं है। बुखार से पीड़ित अधिकांश मरीज झोलाछाप डॉक्टरों की शरण में पहुंच रहे हैं। बुखार का प्रभाव बढ़ने से प्राइवेट चिकित्सकों के पास पहुंचने वाले मरीजों के खून की जांच कराई जा रही है।

कस्बे में जगह-जगह खुले पैथोलॉजी लैब में नौसिखिए युवक बिना डॉक्टर ही जांच रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। अशिकांश रोगियों में डेंगू के तमाम लक्षण मिल रहे हैं फिर भी स्वास्थ्य विभाग डेंगू की पुष्टि करने से कतरा रहा है। हालांकि स्थानीय सरकारी अस्पताल में भी मरीज की संख्या में अप्रत्याशित रूप से इजाफा हुआ।

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फलावदा के सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीज।

सरकारी अस्पताल में प्रतिदिन बड़ी तादात में मरीज देखे जा रहे हैं, जिनमें काफी संख्या बुखार से पीड़ितों की ही है। बुखार पीड़ित पैरों व ​सिर दर्द के साथ उल्टी लगने की समस्या बता रहे हैं। अस्पताल में डेंगू बुखार जैसे लक्षण वाले मरीजों को भर्ती करने के लिए जगह का अभाव बन रहा है। हालत यह है कि अस्पताल में एक बेड पर दो-दो मरीजों का उपचार एक साथ किया जा रहा है।

चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नितिन शर्मा ने बताया कि किसी भी मरीज को डेंगू होने की पुष्टि नहीं हुई है। प्रतिदिन करीब 28 मरीज बुखार से पीड़ित अस्पताल में आ रहे हैं।

गुस्साए तीमारदार ने दी फार्मेसिस्ट को धमकी, बोला विधायक है मेरा भाई

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात फार्मासिस्ट द्वारा मरीज देखने में असमर्थता जताये जाने से क्षुब्ध होकर एक तीमारदार ने खुद को विधायक का भाई कहते हुए फार्मासिस्ट को मारने पीटने की धमकी दे दी। इस दौरान हुई गहमा गहमी काफी देर बाद शांत हुई। हुआ यूं कि गुरुवार को लगभग दो बजे एक व्यक्ति अपने बीमार भाई को लेकर अस्पताल पहुंचा तथा उसने मरीज का पर्चा बनवाकर सामने कक्ष में बैठे चीफ फार्मासिस्ट विपिन वार्ष्णेय से मरीज को देखने की बात कही। फार्मासिस्ट ने उसे डॉक्टर के पास जाने की सलाह दी तथा मरीज देखने में असमर्थता जताई। इस पर तीमारदार उग्र हो गया तथा वह फार्मासिस्ट को अपनी जाति बताते हुए ठोक डालने की धमकी देने लगा। साथ ही साथ वह खुद को विधायक का भाई बता रहा था। इस दौरान काफी गहमा हुई। लोगों के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ। स्टाफ ने उसे दवाई देकर रवाना कर दिया।

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