Thursday, January 16, 2025
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डायल ‘112’ को ही मदद की जरूरत

  • 10 साल पुरानी डायल 112 हो चली खटारा, हांफने लगी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: संकट में फंसे लोगों की मदद के लिए लगायी गई पुलिस कंट्रोल रूम से अटैच डायल 112 का फिलहाल तो खुद मदद की दरकार हैं। दरअसल, सूबे की जनता के लिए यह सेवा डायल 100 के नाम से पूर्व में पूर्व सीएम अखिलेश यादव के कार्यकाल में शुरू की गयी थी। कुछ वक्त बाद जब सूबे का निजाम बदला तो डायल 100 का नाम बदलकर 112 कर दिया गया। संकट काल में फंसे लोगों की सेवा के लिए लगायी गयी हाइवे की यह पुलिस सेवा वैन का केवल नाम भर बदला गया, लेकिन नाम बदलने वाले इस पुलिस वैन सेवा को अपडेट करना शायद भूल गए। ये तमाम वैन सीधे लखनऊ कंट्रोल रूम से अटैच होती हैं।

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पुलिस कंट्रोल रूम यानि 112 पर जब भी कोई काल जाती है तो वह सीधे लखनऊ जाती है, वहां से संबंधित जिला के थाना क्षेत्र में तैनात डायल 112 को सूचना दी जाती है, यही कारण है कि सबसे पहले 112 किसी भी वारदात पर पहुंचती है, लेकिन करीब 10 साल पुरानी होने के चलते पुलिस की ऐसी ज्यादातर गाड़ियां अब खटारा हो चली हैं, जिसका जीता जागता प्रमाण फोटो में दर्शायी गयी पुलिस की 112 सेवा वैन है। जिसको दूसरी वैन खींचकर शायद पुलिस लाइन में बनाए गए डिपो में लेकर जा रही है। जानकारों की मानें तो तमाम ऐसी पुलिस वैन ओवर हालिंग मांग रही हैं।

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