Friday, March 29, 2024
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दिव्यांग क्रिकेट टीम में मेरठ के भी चार खिलाड़ी शामिल

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  • टीम के सदस्यों को मिलेगी सभी सुविधाएं, जल्द बहुरेंगे खिलाड़ियों के दिन

जनवाणी  संवाददाता  |

मेरठ: जिन दिव्यांग खिलाड़ियों को कभी अपने खेल के सामान के लिए दूसरों के सामने हाथ फैलाने पड़ते थे, एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए पैसे की कमी का सामना करना पड़ता था। अब उस दिव्यांग क्रिकेट टीम के दिन बहुरने जा रहे हैं। बीसीसीआई ने देश की दिव्यांग क्रिकेट टीम को अपने अधीन कर लिया है, अब इस टीम के सभी सदस्यों को वह सारी सुविधाएं मिलेगी, जो नेशनल क्रिकेट टीम को मिलती है।

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देश की राष्ट्रीय दिव्यांग क्रिकेट टीम के लिए इससे बड़ी बात कोई और नहीं हो सकती जब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने इस टीम को गोद लेने की घोषणा की। यूपी क्रिकेट एसोसिएशन के सदस्य बने दिव्यांग अमित शर्मा ने बताया कि जैसे ही उन्हें यह जानकारी मिली तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इस समय देश की दिव्यांग क्रि केट टीम के सदस्य इस खबर को सुनकर खुश है।

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कमल सैनी नेशनल दिव्यांग क्रिकेट टीम के सदस्य है और मीठापुर किठौर मेरठ में रहते है और आॅल राउंडर है। जैसे ही उनको इस बात का पता चला तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े। कभी अपने खेल के जुनून को पूरा करने के लिए हर कदम उठाने को मजबूर कमल ने कहा कि अब वह भी सम्मान से खिलाड़ी कहलाएंगे। मेरठ के किदवाई नगर के रहने वाले मोहम्मद शावेज भी नेशनल टीम का हिस्सा है, वह ओपनिंग बेटिंग करते हैं।

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उनका मानना है कि एक समय था, जब वह स्टेडियम में खेलने के लिए पहुंचते थे तो कोई भी उनसे सीधी तरह से बात तक नहीं करता था। मुरादनगर के रहने वाले प्रमोद चौधरी नेशनल टीम में विकेट कीपर बल्लेबाज है। उनका मानना है कि हम दिव्यांग जरूर है, लेकिन हमारे दिल में भी स्पोर्ट्समैनशिप है, देश के लिए कप लाने का जज्बा है। अब हमें भी वह सारी सुविधाएं मिलेगी। जिनके हम हकदार है।

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किठौर मीठापुर के रहने वाले मोहम्मद जैद भी देश की नेशनल टीम के आॅलराउंडर है, उनका कहना है कि उनको क्रिकेट खेलने का बचपन से ही शौक रहा है, लेकिन दिव्यांगता के चलते यह सपना अधूरा-सा लगता था। जब कभी भी वह खेलने के लिए मैदान पर पहुंचते थे तो अधिकतर लोग उनका मजाक उड़ाते थे। अब ऐसा नहीं होगा। कानपुर के रहने वाले राहुल नेशनल टीम में बेट्समैन है, उनका मानना है कि देश के लिए खेलने की इच्छा हमेशा से रही जो पूरी भी हुई, लेकिन जो सुविधाएं सीनियर टीम को मिलती थी। उनसे हम हमेशा अछूते रहे।

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अब हमें भी अपनी किट पर लगाने के लिए लोगों मिलेगा, जो इस बात का प्रतीक है कि हम भी किसी से कम नहीं है। गाजियाबाद के रहने वाले राजा बाबू नेशनल टीम के सदस्य है और बेट्समैन है, उनका कहना है कि इससे बड़ी खुशी की काई और बात नहीं हो सकती है। जब हमें भी देश का प्रतिनिधित्व करने वाली विराट कोहली की टीम की तरह सभी सुविधाएं मिलेगी। हमें भी लोग टीवी पर विरोधियों के छक्के छुड़ाते देखेंगे। किठौर-मीठापुर के रहने वाले सुनील कुमार जोकि आॅलराउंडर है और देश की दिव्यांग क्रि केट टीम का हिस्सा है, का कहना है कि यह सुनते ही पूरे शरीर में सिहरन-सी दौड़ उठी।

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बचपन से ही खिलाड़ी बनने का सपना देखा था, लेकिन शरीर ने साथ नहीं दिया, मगर हिम्मत कभी नहीं हारी। अब उसका नतीजा सामने आया है। हम देश के लिए खेलते रहे हैं, लेकिन कभी अपनी पहचान नहीं बना सके। अब समय आ गया है कि जब हम दिखाएंगे कि हमारे मन और दिल में भी देश का गौरव बनने का जज्बा कूट-कूटकर भरा है।

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उत्तर प्रदेश क्रि केट एसोसिएशन के डायरेक्टर युद्धवीर सिंह का कहना है कि जो मुकाम देश की दिव्यांग क्रिकेट टीम को अब मिला है वह बहुत पहले मिल जाना चाहिए था, लेकिन अब यह बड़ी खुशी की बात है कि बीसीसीआई ने इस टीम को गोद ले लिया है। अब नेशनल दिव्यांग क्रिकेट टीम के सभी सदस्यों को वह सारी सुविधाएं मिलेगी, जो नेशनल टीम को मिलती है। मैच फीस से लेकर मेडिकल सुविधाएं, स्पांसरशिप, क्रिकेट के सभी उपकरण, आने-जाने के लिए सुविधाएं समेत किसी बात की कमी नहीं रहेगी।

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