जनवाणी ब्यूरो |
बिजनौर: डा. अनुभूति भटनागर बिजनौर के निवासी सेवानिवृत्त प्रोफेसर तथा प्रसिद्ध लेखक डा. गिरिराज शरण अग्रवाल व सेवानिवृत्त प्रोफेसर संगीत प्रभाकर मीना अग्रवाल की सुपुत्री हैं। समाज सेवा के गुण एवं संस्कार अपनी मां से सीखने केबाद उन्होेंने सामाजिक कार्यों में भाग लेना शुरू कर दिया।
उनके नाना काका हाथरसी किसी परिचय के मोहताज नहीं है। डा. अनुभूति बचपन को याद कर बताती हैं कि नाना उन्हें उड़न खटोला कहकर बुलाया करते थे और शायद वहीं से उनके सपनों को पंख लगे। विवाह के पश्चात जयपुर जाने पर अपने घर में काम करने वाली महिला की बात से प्रभावित होकर उन्होंने एनजीओ चलाने की ठानी।
उन्होेंने बताया कि उनके यहां काम करने वाली महिला ने उन्हें बताया कि उसकी बेटी का मन ही पढ़ने में नहीं लगता है। यह बात उनकेदिल को छू गई और बस यहीं से न्यू फ्यूजन क्रिएटिव फाउंडेशन की नींव पड़ी।