जनवाणी संवाददाता |
गंगोह: कुतबे आलम शेख अब्दुल कुददूस के 499वें उर्स की विदाई महफिल का आयोजन हुआ। जिसमें कव्वालों ने सलातो सलाम और विदाई कलाम पेश कर माहौल को गमगीन कर दिया।
आस्ताना-ए-कुददूसिया शाह कुरैश मियां पर आयोजित महफिल कुल शरीफ व फातिहा ख्वानी के साथ शुरू हुई। नसीर साबरी कव्वाल ने रिवायत के अनुसार सलाम ”अस्सलामे हज़रते मख्दूम साबिर अस्सलाम“ एवं ”शहे अम्बिया सद सलातो सलामी“ पेश किया।
कलियर से आए धम्मन साबरी, जाहिद अम्बेहटवी, शब्बू शादाब मुरादाबादी और नसीर अहमद साबरी और साथियों ने कव्वाली में अपना नज़राना-ए-अकीदत, हम्द, नात और मनकबत पेश किये। धम्मन कव्वाल ने विदाई कलाम ”कुत्बे आलम तौरा मेला बिछड़ा जाऐ“ और ”सितारे मुस्कुरा के रो रहे हैं, कत्बे आलम तेरे मेहमान रुख्सत हो रहे हैं“ कलाम पेश किया तो महफिल का माहौल गमगीन हो गया और रोने और हिचकियों की आवाजें आने लगी।
अंत में दुआ के साथ महफिल समाप्त हुई। कलियर के सज्जादा नशीं शाह अली ऐजाज़ कुददूसी साबरी, हिशाम कुददूसी, शाह शादाब जहां कुददूसी, सुहैल साबरी, काजी मशहूर, सैयद मरगूब, आसिफ कुददूसी, इशरत हुसैन, राशिद वकील, शाह बहजाद साबरी, सलीम फरीदी, नासिर साबरी, अजहर मियां, फरीद कुददूसी, सुहैल साबरी आदि रहे।