Friday, April 19, 2024
- Advertisement -
HomeUttar Pradesh NewsMeerutसुबह 11 से 3 बजे तक किसानों का भारत बंद, प्रशासन अलर्ट

सुबह 11 से 3 बजे तक किसानों का भारत बंद, प्रशासन अलर्ट

- Advertisement -

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: केंद्र के हालिया कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संघों ने आज राष्ट्रव्यापी बंद बुलाया है। बंद सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक रहेगा। बंद के आह्वान को कुछ मजदूर संघों ने भी समर्थन देने का एलान किया है। हालांकि किसान नेताओं ने कहा है कि किसी को भी बंद में शामिल होने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।

लगभग सभी विपक्षी दलों द्वारा भारत बंद को समर्थन देने और कई संगठनों के किसानों के समर्थन में समानांतर प्रदर्शन करने की घोषणा के बाद केंद्र ने परामर्श जारी करते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सुरक्षा बढ़ाने और शांति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

इन सेवाओं पर रहेगी रोक

  • तीन राज्यों हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में सभी मंडियां बंद रहेंगी।
  • सुबह आठ बजे से लेकर शाम तीन बजे तक चक्का जाम रहेगा।
  • यातायात सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। बस और रेल से यात्रा करने वाले यात्रियों को परेशानी हो सकती है।
  • आवश्यक चीजों जैसे दूध, फल और सब्जी पर रोक रहेगी।

इन सेवाओं को मिलेगी बंद से छूट

  • एंबुलेंस और आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी
  • मेडिकल स्टोर खोले जा सकते हैं
  • अस्पताल सामान्य दिनों की तरह खुले रहेंगे
  • शादियों पर कोई पाबंदी नहीं

बंद को समर्थन देने वाले सियासी दल 

बंद को इन सियासी दलों ने समर्थन दिया है – कांग्रेस, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, द्रमुक और इसके घटक, टीआरएस, राजद, आम आदमी पार्टी, सपा, बसपा, वामदल, पीएजीडी।

किसान नेताओं ने की बंद में शामिल होने की अपील 

सभी से सांकेतिक बंद में शामिल होने की अपील करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि अपने प्रदर्शन के तहत सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक वे चक्का जाम प्रदर्शन करेंगे जिस दौरान प्रमुख सड़कों को जाम किया जाएगा। प्रदर्शन के तहत उत्तरी राज्यों खासकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के किसान सड़कों पर उतरे हैं।

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा बंद राजनीतिक दलों के बंद से अलग है। यह विचारधारा के कारण किया गया चार घंटे का सांकेतिक बंद है। हम चाहते हैं कि आम आदमी को कोई परेशानी न हो। हम उनसे इस अवधि के दौरान यात्रा न करने की अपील करते हैं।

उन्होंने कहा कि हम दुकानदारों से भी इस अवधि के दौरान अपनी दुकानें बंद रखने का अनुरोध करते हैं। भारतीय किसान एकता संगठन के अध्यक्ष जगजीत सिंह दल्लेवाला ने किसानों से शांति बनाकर रखने और बंद लागू करने के लिए किसी से नहीं झगड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि बंद के दौरान आपातकालीन सेवाओं को छूट रहेगी। नेताओं ने दावा किया कि बंद पूरे देश में प्रभावी होगा।

किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि मोदी सरकार को हमारी मांगों को स्वीकार करना होगा। हम नए कृषि कानूनों को वापस लेने से कम किसी चीज में नहीं मानेंगे। केंद्र और किसान संघ बंद के एक दिन बाद छठे दौर की वार्ता करेंगे क्योंकि पूर्व में हुई बातचीत में गतिरोध बरकरार रहा था।

भाजपा का विपक्ष पर निशाना 

विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए भाजपा ने उन पर शर्मनाक दोहरे मापदंड का आरोप लगाते हुए दावा किया कि उनमें से कई ने सत्ता में रहने के दौरान इन सुधारों का समर्थन किया था या संसद में उनका समर्थन किया था। भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अपना अस्तित्व बचाने के लिए भाजपा के विरोधी दल किसानों के प्रदर्शन में कूद पड़े हैं जबकि विभिन्न चुनावों में देश की जनता उन्हें बार-बार खारिज कर चुकी है।

प्रसाद ने आरोप लगाया कि किसानों का एक वर्ग निहित स्वार्थ वाले कुछ लोगों के चंगुल में है और सरकार सुधारों को लेकर उनके बीच फैलाए गए भ्रम को दूर करने पर काम कर रही है। भाजपा नेता ने राजनीतिक दलों को अपने प्रदर्शन से नहीं जुड़ने देने के लिए कृषक संघों की सराहना भी की। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी विपक्षी दलों पर निशाना साधा।

किसानों को कलाकारों-खिलाड़ियों का मिला समर्थन

प्रदर्शनकारी किसानों को हालांकि कलाकारों, खिलाड़ियों और मजदूर संगठनों समेत विभिन्न वर्गों के समर्थन भी मिल रहे हैं। करीब 95 लाख ट्रक मालिकों और अन्य का प्रतिनिधित्व करने वाली देश में ट्रांसपोर्टरों की शीर्ष संस्था ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने कहा कि बंद के समर्थन में वह पूरे देश में अपना संचालन बंद रखेगी। ऐसे में मंगलवार को होने वाली हड़ताल का वस्तुओं के परिवहन पर असर पड़ सकता है।

ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन ने भी किसानों का समर्थन किया है और कहा है कि उससे जुड़े लोग भोजनावकाश के दौरान धरने का आयोजन करेंगे। करीब नौ लाख सदस्यों वाले रेलवे संघ के समर्थन के साथ ही कई परिवहन संघों और मजदूर संघों के संयुक्त मंच जैसे इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी), हिंद मजदूर सभा (एचएमएस) और द सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) ने भी किसानों के बंद को समर्थन दिया है।

भारत बंद में शामिल नहीं होंगे बैंक कर्मचारी संगठन

बैंक कर्मचारी संगठनों ने मंगलवार को किसानों के भारत बंद में शामिल नहीं होने का ऐलान किया है। हालांकि, उन्होंने नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन किया है। पिछले एक सप्ताह से ज्यादा समय से दिल्ली की सीमा पर डटे किसानों ने मंगलवार को भारत बंद का आह्वान किया है।

अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (एआईबीओसी) के महासचिव सौम्य दत्ता ने कहा कि संगठन किसानों के आंदोलन का समर्थन करता है लेकिन वह उनके बंद में शामिल नहीं होगा। इसी तरह अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने कहा कि संगठन हड़ताल पर नहीं जाएगा लेकिन वह किसानों के विरोध का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि किसानों को समर्थन देने के लिए उसके सदस्य मंगलवार को काम पर कालपट्टी बांध कर जाएंगे। वहीं बैंकों में कामकाज शुरू होने से पहले और बाद में किसानों के समर्थन में तख्तियां लेकर प्रदर्शन भी करेंगे।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

Recent Comments