- बकाया गन्ना भुगतान को लेकर धरना देकर बैठे थे किसान
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: बकाया गन्ना भुगतान का मुद्दा सरकार के लिए परेशानी का सबब बन गया है। गुरुवार को किसानों ने मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल पर किसानों ने पांच घंटे धरना दिया तथा चीनी मिल के अधिकारियों को बंधक बनाकर विरोध प्रदर्शन किया। किसानों ने दो टूक ऐलान कर दिया कि प्राइवेट चीनी मिल तो बकाया दे नहीं रहे, उलटे सरकारी चीनी मिल भुगतान क्यों नहीं कर रहे हैं?
मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल सरकारी हैं, इनको तो चौदह दिन के भीतर गन्ने का भुगतान करना चाहिए था, लेकिन यहां भी पिछले गन्ना सत्र का भुगतान नहीं किया गया है। इसको लेकर किसानों में नाराजगी थी। बकाया गन्ना भुगतान पर सरकारी चीनी मिल से ब्याज की भी मांग की गई।
युवा रालोद नेता संजय चौधरी व भाकियू नेता विजय घोपला के नेतृत्व में मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल का घेराव कर धरना दिया गया। धरने का संचालन दीपक गुन ने किया। धरने में जनरल मैनेजर मोहिउद्दीनपुर मिल व अन्य उच्च अधिकारियों को धरना स्थल पर ही 5 घंटे तक बंधक बना कर रखा। धरने को संबोधित करते हुए युवा रालोद नेता संजय चौधरी ने कहा कि देश का अन्नदाता को अपना ही पैसेलेने के लिए आज धरने पर बैठना पड़ रहा है।
संजय चौधरी ने किसानों की समस्याएं उठाते हुए अधिकारीयो के सामने रखी, जिनमें प्रमुख मांगे चीनी मिल गेट पर भैंसा बुग्गी व ट्रैक्टर ट्राली की तोल अलग-अलग कांटों पर होनी चाहिए। टोकन घर के आसपास गंदगी रहती है, जिसे साफ कराया जाए। चीनी मिल के मुख्य द्वार की पुलिया का चौड़ीकरण किया जाए, जिससे किसानों को आसानी हो। पर्ची तौल की अवधि 72 घंटे से बढ़ाकर पांच दिनों की मांग की गई।
छोटे सट्टे के किसानों की पर्ची का आवंटन जल्द किया जाए। इसके अलावा किसानों का गन्ना भुगतान शीघ्र किराया जाए। धरने में एसडीएम संदीप श्रीवास्तव ने आकर उच्च अधिकारियों से बात करके अक्टूबर के पहले हफ्ते में 6 करोड़ रुपये और 15 अक्टूबर तक 15 करोड़ रुपये का भुगतान कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद ही किसानों ने धरना समाप्त किया। धरने पर मोनू तेवतिया, संटू गुन, छोटू गेझा, विक्रांत सांगवान, सतपाल सिंह, बिजेंद्र आदि मौजूद रहे।