- 28 अगस्त के मुख्य समारोह में मौजूद रहेंगे मुख्यमंत्री एवं इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ
- भारतीय सेना, स्वतंत्रता संग्राम, योग-आयुर्वेद जैसे विषयों पर होगा नामचीन विद्वानों का व्याख्यान
जनवाणी ब्यूरो |
लखनऊ/गोरखपुर: महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम बालापार गोरखपुर के प्रथम स्थापना दिवस (28 अगस्त) के उपलक्ष्य में 22 अगस्त से युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज स्मृति सप्तदिवसीय व्याख्यानमाला का आयोजन किया जा रहा है। 22 अगस्त को समारोह का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा (महाराष्ट्र) के कुलपति प्रो रजनीश शुक्ल करेंगे जबकि 28 अगस्त को साप्ताहिक कार्यक्रमों की श्रृंखला के समापन व विश्वविद्यालय की स्थापना दिवस के मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। सीएम योगी इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का राष्ट्रार्पण 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था।
यह जानकारी देते हुए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ प्रदीप कुमार राव ने बताया कि व्याख्यानमाला का उद्घाटन समारोह 22 अगस्त को अपराह्न 3 बजे से होगा। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो उदय प्रताप सिंह के सानिध्य में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ अतुल वाजपेयी करेंगे। 28 अगस्त को पूर्वाह्न 11 बजे से आयोजित विश्वविद्यालय के प्रथम स्थापना दिवस के मुख्य समारोह में आशीर्वचन देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं मौजूद रहेंगे। उन्होंने बताया कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज के लोक कल्याण व राष्ट्रीयता के आदर्शों के अनुसरण स्वरूप की गई है। सात दिवसीय व्याख्यानमाला इन्हीं दो महापुरुषों के विचारों व पुण्य स्मरण को समर्पित रहेगी।
व्याख्यानमाला के अंतर्गत 23 अगस्त को ‘भारतीय सेना का अग्निपथ’ विषय पर सेवानिवृत्त मेजर जनरल अजय कुमार चतुर्वेदी तथा महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ अतुल वाजपेयी विचार व्यक्त करेंगे। 24 अगस्त को ‘आजाद भारत मे आयुर्वेद: 2014 के पूर्व’ विषय पर केंद्रीय आयुष मंत्रालय के सचिव एवं पद्मश्री वैद्य डॉ राजेश कोटेजा का तथा केजीएमयू लखनऊ के पूर्व कुलपति प्रो एम.एल.बी. भट्ट का व्याख्यान होगा। 25 अगस्त को ‘स्वतंत्रता संग्राम में सन्यासी’ विषय पर गोरखपुर विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो हिमांशु चतुर्वेदी व महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ प्रदीप कुमार राव विचार रखेंगे। 26 अगस्त को व्याख्यान का विषय होगा ‘ भारतीय सेना में नारी।’ विशेषज्ञ वक्ता के रूप में एनसीसी के कमांडर ब्रिगेडियर दीपेंद्र रावत व भारतीय वायुसेना की सेवानिवृत्त स्क्वाड्रन लीडर श्रीमती राखी अग्रवाल की उपस्थिति रहेगी। 27 अगस्त को ‘योग एवं आयुर्वेद की प्रगति में गोरक्षपीठ का योगदान’ विषय पर महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो उदय प्रताप सिंह तथा वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डॉ दिनेश सिंह का व्याख्यान होगा। सभी व्याख्यान अपराह्न 3 बजे से होंगे।
एक साल में ही विश्वविद्यालय के खाते में कई उपलब्धियां
स्थापना के एक साल में ही महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के खाते में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल हो चुकी हैं। विश्वविद्यालय में जहां बीएएमएस प्रथम बैच का सफलतापूर्वक संचालन हो रहा है वहीं दर्जनभर से अधिक रोजगारपरक पाठ्यक्रम शुरू हुए हैं। विश्वविद्यालय ने चिकिसा के क्षेत्र में शोध-अनुसंधान, आयुर्वेद, रोजगार, ग्राम्य विकास, उद्यमिता आदि को लेकर एम्स, केजीएमयू, आरएमआरसी, बीआरडी मेडिकल कॉलेज, वैद्यनाथ आयुर्वेद, महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान, इंडो यूरोपियन चैंबर ऑफ स्माल एण्ड मीडियम एंटरप्राइजेज के साथ एमओयू का आदान प्रदान किया है। गत दिनों विश्वविद्यालय द्वारा बुखार को लेकर किए गए केस स्टडी के विश्लेषण और इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए नई बीमारी की पहचान करने की सराहना एम्स, केजीएमयू के विशेषज्ञों ने की। विश्वविद्यालय में नर्सिंग, पैरामेडिकल, एग्रीकल्चर, एलॉयड हेल्थ साइंसेज और आयुर्वेद फार्मेसी से संबंधित पाठ्यक्रमों में डिप्लोमा से लेकर मास्टर तक की डिग्री शामिल है। मसलन दो वर्षीय एएनएम, तीन वर्षीय जीएनएम, चार वर्षीय बीएससी नर्सिंग, दो वर्षीय पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग, दो वर्षीय एमएससी नर्सिंग, डिप्लोमा इन डायलिसिस, डिप्लोमा इन आप्टिमेट्री, डिप्लोमा इन इमरजेंसी एंड ट्रामा केयर, डिप्लोमा इन एनेस्थिसिया एंड क्रिटिकल केयर, डिप्लोमा इन आर्थोपेडिक एंड प्लास्टर टेक्निशियन, डिप्लोमा इन लैब टेक्निशियन (सभी दो वर्षीय), चार वर्षीय बीएससी एग्रीकल्चर, बीएससी ऑनर्स बॉयोटेक्नालोजी, बीएससी आनर्स बॉयोकेमिस्ट्री, बीएससी आनर्स माइक्रोबॉयोलोजी (सभी तीन वर्षीय), दो वर्षीय एमएससी बॉयोटेक्नालोजी, तीन वर्षीय एमएससी मेडिकल बॉयोकेमिस्ट्री, तीन वर्षीय एमएससी मेडिकल माइक्रोबॉयोलोजी, दो वर्षीय एमएससी एनवायरमेंटल साइंस, चार वर्षीय बी फार्मा व दो वर्षीय डी फार्मा। वर्तमान दौर में ये सभी पाठ्यक्रम रोजगारपरक हैं और उनकी बहुत मांग है।