- गंगनहर पटरी पर छोटे-बड़े वाहनों पर लगाई रोक
जनवाणी संवाददाता |
सरधना: आस्था का मेला यानी कांवड़ यात्रा अपने पूरे रस पर आ चुकी है। गंगनहर पटरी पूरी तरह शिवमय हो गई है। गंगनहर पटरी बम-बम भोले के जयकारों से गूंज रही है। शुक्रवार को भी कांवड़ मार्ग गंगनहर पटरी से बड़ी संख्या में कांवड़ियों के जत्थे गुजरे।
जिनमें युवाओं से लेकर महिला, बच्चें, बुजुर्ग और दिव्यांग भी शामिल हैं। कांवड़ियों का जोश देखते ही बन रहा है। वहीं, सेवादार भी कांवड़ियों की सेवा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। गंगनहर पटरी पर कांवड़ियों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने छोटे वाहनों के आवागमन पर भी रोक लगा दी है।
कांवड़ मार्ग गंगनहर पटरी पर आस्था के मेले में अजब-गजब नजारे देखने को मिल रहे हैं। शिवभक्त तमाम मन्नतें मन में लेकर कांवड़ लिए चले जा रहे हैं। कांवड़ियों का जोश देखते ही बन रहा है। हजारों की संख्या में पटरी से कांवड़िये गुजर रहे हैं। जिससे पटरी पूरी तरह केसरिया हो गई है।
कांवड़ लाने वालों में युवाओं की सबसे अधिक संख्या देखने को मिल रही है। इसके अलावा महिला, बुजुर्ग, बच्चे और दिव्यांग भी कांवड़ लागे से पीछे नहीं हैं। कांवड़िये जयकारे लगाते हुए एक दूसरे का जोश बनाकर आगे बढ़ रहे हैं। पटरी बम-बम भोले के जयकारों से गूंज रही है। जिससे पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है। शुक्रवार को भी गंगनहर पटरी से बड़ी संख्या में कांवड़ियों के जत्थे गुजरे। वहीं, सेवादार भी कांवड़ियों की सेवा करने से पीछे नहीं हट रहे हैं।
भोजन कराने के साथ ही उनके पैर दबाकर धर्म लाभ उठा रहे हैं। फिलहाल राजस्थान हरियाणा आदि के कांवड़िये पटरी से गुजर रहे हैं। जो कांवड़िये सेवा शिविरों में नहीं रुक रहे हैं, सेवादार उन्हें रास्ते में ही फल, खीर आदि का प्रसाद ग्रहण करा रहे हैं। वहीं, सुरक्षा की दृष्टि से पटरी पर भारी पुलिस फोर्स तैनात है। इसी के साथ अधिकारी भी लगातार पटरी पर गश्त करके व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं।
शिवमय हुआ सिटी रेलवे स्टेशन
सिटी एवं कैंट रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन ट्रेन द्वारा सैकड़ों की संख्या में कांवड़िये हरिद्वार जा रहे हैं। शिवभोले के गीतों एवं जयकारों से स्टेशन व आसपास का क्षेत्र गुंजायमान हो जाता है। सिटी स्टेशन पर कई दिनों से लगातार कांवड़ लाने के लिये हरिद्वार जाने वाले यात्रियों की संख्या कहीं न कहीं बढ़ती जा रही है। इस दौरान जीआरपी व आरपीएफ के साथ रेलवे पुलिस प्रशासन भी अलर्ट है,
ताकि किसी कांवड़ियों के साथ कोई अप्रिय घटना न हो जाये। उधर, जहां एक तरफ श्रावण माह में कांवड़ यात्रा को लेकर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। वहीं, दूसरी ओर सिटी रेलवे स्टेशन के आसपास के क्षेत्र में गंदगी के ढेर सड़क किनारे पडेÞ देखे जा सकते हैं। स्टेशन के समीप ही सड़क किनारे काफी संख्या में कूड़े के ढेर लगे दिखाई देते हैं, लेकिन इस तरफ रेलवे प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
मां को कंधे पर लेकर निकला भरतपुर का ‘श्रवण’
आज के इस कलयुग में रिश्तों को लेकर भले ही कितनी निराशाजनक खबरे सामने आती हों। मगर माता-पिता के लिए श्रवण की भी कमी नहीं है। कांवड़ मार्ग गंगनहर पटरी पर आस्था का अनोखा संगम देखने को मिल रहा है। गुरुवार रात गंगनहर पटरी पर एक अनोखा दृश्य देखने को मिला।
नौजवान कंधे पर लिए कांवड़ में एक तरफ मां तो दूसरी तरफ गंगाजल लेकर निकला। वह जैसे ही सरधना के सेवा शिविर में रुका तो देखने वालों की भीड़ जमा हो गई। सेवादारों ने कांवड़िया की खूब सेवा की। उसने लोगों को अपने मां को कंधे पर लेकर चलने की पूरी कहानी भी बताई।
राजस्थान के भरतपुर निवासी जयशंकर ने इस बार मन बनाया था कि वह कांवड़ लेने जाएगा। मगर कांवड़ कोई साधारण नहीं, बल्कि कांवड़ की एक टोकरी में मां को और दूसरी में गंगाजल लेकर चलेगा। फिर क्या था, युवक निकला और हरिद्वार से मां प्रजापति के वजन जितना गंगाजल कलश में भरा। एक तरफ मां और दूसरी तरफ कलश रखे। इसके बाद अपने गंतव्य के लिए निकल पड़ा। करीब 90 किलो वजन लेकर जब यह श्रवण पटरी से निकला तो देखने वालों का तांता लग गया।
जहां से भी युवक गुजरा, लोगों की भीड़ जमा हो गई। गुरुवार रात सरधना क्षेत्र में पहुंचा और आराम करने के लिए रुका। शिवभक्त की कांवड़ देखकर सभी हैरान हो गए। लोगों की भीड़ जमा हो गई। लोगों ने इस तरह की कांवड़ लाने के बारे में जानने की कोशिश की। जिस पर भोले ने पूरी कहानी सुनाई। सेवादारों ने भी भोले की खूब सेवा की। बताया कि वह दिन में करीब 10-12 किलोमीटर का सफर तय करता है। कुछ देर रुकने के बाद कांवड़िया आगे निकल गया।