- लिसाड़ी गेट पुलिस की गोकश से मुठभेड़, 16 किलो गोमांस बरामद
- एक बाइक, तमंचा कारतूस और तीन छुरे बरामद, दांयी टांग में लगी गोली
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: लिसाड़ी गेट पुलिस की शनिवार दिन निकलते ही बजौट रोड शौकीन गार्डन के पास बाइक पर सवार एक गोकश से मुठभेड़ हो गई। गोकश ने पुलिस को देख तमंचे से फायर कर दिया। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। फायरिंग के दौरान गोकश दांयी टांग में गोली लगने पर घायल हो गया। पुलिस ने गोकश को मौके से गिरफ्तार किया है।
एसएसपी रोहित सिंह सजवाण के निर्देशन में गोकशों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान के अंतर्गत लिसाड़ी गेट पुलिस को शनिवार मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि एक गोकश काले रंग की स्पलेंडर प्लस बाइक पर बजौट रोड शौकीन गार्डन के पास आने वाला है। लिसाड़ी गेट थाना प्रभारी जितेन्द्र सिंह व एसआई पंकज शर्मा सहित पुलिस टीम के साथ शनिवार सुबह बजौट रोड के पास मुस्तैदी से चेकिंग में जुट गए।
उसी दौरान एक युवक काले रंग की बिना नंबर की बाइक पर आता दिखाई दिया। पुलिस टीम ने उसे रुकने का ईशारा किया। लेकिन वह पुलिस को सामने आता देख तंमचे से फायर कर भागने लगा। पुलिस टीम ने पीछा करते हुए उसकी घेराबंदी कर जवाबी फायरिंग की। पुलिस की जवाबी फायरिंग में युवक सीधे टांग में गोली लगने पर घायल हो गया। पुलिस ने घायल युवक को घेराबंदी कर मौके से दबोच लिया। पुलिस ने मौके से काले रंग की बाइक और एक बोरे में 16 किलो गोमांस बरामद किया है।
गोकश के पास से तीन छुरे और एक तमंचा और कारतूस भी पुलिस ने बरामद किये हैं। पुलिस ने घायल गोकश को जिला अस्पताल भिजवाया। थाना लिसाड़ी गेट इंस्पेक्टर जितेन्द्र सिंह ने जानकारी दी कि घायल गोकश का नाम शादाब उर्फ चपड़ी पुत्र इकबाल नौशाद निवासी हर्रा सरुरपुर है। वह वर्तमान में श्यामनगर रोड मेववाली गली मजीद नगर मे रह रहा था। उस पर कई थानो में 11 अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। जिनमें गोकशी के अलावा कई अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं।
रिश्वत लेते हुए पकड़े गए आगरा फर्म्स एन्ड सोसाइटी के बाबू को भेजा जेल
मेरठ: स्कूल संचालित करने के लिए मान्यता प्रदान करने की एवज में दो लाख रुपये मांगने के फर्म्स समिति एवं चिट्स आगरा के बाबू को रंगे हाथों रिश्वत लेने के आरोप में एंटी करप्शन अदालत मेरठ में पेश किया गया। जहां उसे न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेल भेजने के आदेश दिए। विशेष अभियोजक ने बताया कि अभियोजन के अनुसार मथुरा के रहने वाले भवानी शंकर ने उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान में शिकायती पत्र दिया था कि श्री कृष्णा इंटर कॉलेज गोकुल जनपद मथुरा का संचालन एक समिति से होता है।
जिसका उप निबंधक फॉर्म समिति एवं चिट्स आगरा में पंजीकरण है। इस संस्था के प्रबंधक व कुछ अन्य लोगों ने मिलकर शिकायतकर्ता सहित 20 सदस्यों को बिना किसी कारण बिना नोटिस दिए संस्था से निकाल दिया था। इस मामले में शिकायतकर्ता द्वारा सोसाइटी रजिस्ट्रेशन आॅफिस में आपत्ति भी प्रस्तुत की गई थी जिसमें क्लर्क अजय कुमार ने शिकायतकर्ता भवानी शंकर से कहा कि तुम 2 लाख रुपये दो तो तुम्हारी सदस्यता बहाल कर देंगे नहीं तो यूं ही कार्यालय के चक्कर लगाते रह जाओगे।
भवानी शंकर ने 1 लाख रुपये उसको दे भी दिया तो उसने 1 लाख और मांगे, जिस पर शिकायतकर्ता ने उसको रंगे हाथों सतर्कता टीम से रिश्वत लेते हुए पकड़वा दिया। आरोपी लिपिक को गिरफ्तार कर एंटी करप्शन कोर्ट मेरठ में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया।
एनएएस कॉलेज प्रकरण: अल्पसंख्यक आयोग सख्त, रिपोर्ट तलब
मेरठ: एनएएस कॉलेज की एक छात्रा के साथ टोपी लगाकर फीस जमा कराने कॉलेज पहुंचे उसके भाई के साथ कुछ छात्रों द्वारा की गई पिटाई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस पूरे मामले में संज्ञान लेते हुए अल्पसंख्यक आयोग ने स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि वो पूरे मामले में सभी रिकॉर्ड लेकर 4 अक्टूबर को आयोग के समक्ष पेश हों। इस संबध में उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के अधिनियम 1994 की धारा 3 के अंतर्गत समन भी जारी किए गए हैं।
एसएसपी को भेजे गए आयोग के पत्र में कहा गया है कि उन्होंने इस पूरे मामले का संज्ञान लिया है लिहाजा इस मामले में संबधित सीओ तमाम साक्ष्य लेकर 4 अक्टूबर को आयोग के समक्ष पेश हों। अल्पसंख्यक आयोग के सचिव शकील अहमद सिद्दीकी के अनुसार इस पूरे प्रकरण में एनएएस कॉलेज के प्राचार्य के बयान को भी जांच में शामिल करने के लिए कहा गया है। आयोग ने घटना की विस्तृत रिपोर्ट तलब कर ली है।
जो रिपोर्ट तलब की गई है उसमें यह भी ब्योरा मांगा गया है कि बताया जाए कि इस घटना में संबधित अधिकारियों द्वारा अभी तक क्या कार्रवाई की गई है। आयोग के समक्ष अधिकारियों की पेशी 4 अक्टूबर को सुबह 11 बजे होगी। अल्पसंख्यक आयोग द्वारा भेजे गए पत्र में यह तथ्य भी उजागर कर दिए गए हैं कि आयोग अधिनियम 1994 की धारा 15 के अन्तर्गत आयोग के किसी भी आदेश की अवहेलना करना भारतीय दण्ड संहिता 1860 की के अधिनियम 45 की विभिन्न धाराओं के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध है।