Wednesday, April 17, 2024
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दम तोड़ती जिंदगी, अव्यवस्थाओं की शैया पर ‘कराहता’ सिस्टम

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  • शहर से देहात तक पीक पर पहुंचा कोरोना संक्रमण किठौर क्षेत्र में भी बढ़ रही रोगियों की तादाद

गयूर अली |

किठौर: कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप ने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोलकर रख दी है। जनता को स्वास्थ्य बांटने का दावा करने वाला नाकाम सिस्टम महामारी फैलते ही अभाव और अव्यवस्था की शैया पर औंधे मुंह पड़ा ‘कराह’ रहा है। आलम यह है कि कहीं दवाओं का टोटा है तो कहीं बेड और नर्सिंग स्टाफ की कमी।

नतीजा तेजी से फैलता संक्रमण आए दिन न जाने कितने लोगों को असमय काल के गाल में धकेल रहा है और कितने लोग घरों व अस्पतालों में पड़े कोरोना से जिंदगी की जंग जारी रखे हुए हैं। बेचारे संक्रमित जंग भी न लड़े तो करें क्या? लचर सिस्टम के पास भी तो खानापूर्ति के अलावा कोई उपचार नही। इस अधूरी व्यवस्था में अगर कोई मरीज ठीक हो जाए तो वह सिकंदर ही कहलाएगा।

भयंकर महामारी कोरोना ने चहुंओर कहर बरपा रखा है। शहर, कस्बों से लेकर गांव देहात तक लोग इसके प्रकोप से मर रहे हैं। आलम यह है कि एक ही परिवार के कई-कई लोग इसकी चपेट में आकर जिंदगी की जंग हारे जा रहे हैं। पिछले वर्ष पूर्ण सुरक्षित रहे इलाके भी इस बार कोरोना की जद में आ गए हैं।

बात किठौर की करें तो इस बार कस्बे में दो दर्जन से अधिक लोग संदिग्ध बीमारी से दम तोड़ चुके हैं। शाहजहांपुर में अवनीश कंसल, सुनील गर्ग, बाबर अली, ननवा, रोहताश, मुकेश कुमार राधना में हाजी शफायत उर्फ मुन्ने, इंतजार खां, हकीम धोबी की भतीजी, मिस्त्री इकबाल, मिस्त्री जब्बार, हनीफ, नूर मुहम्मद, कलवा, हाजी अब्दुर्रउफ, राशिद अली, जामिन अली, असलम आदि ललियाना में मुस्तरी, शौकत, अफसर, वकीला, अहमद सईद आदि की संदिग्ध बुखार से मौत हो गई।

छुछाई में सौदान, प्रेमपाल, सुनील, बाला आदि की मौत हो चुकी है। कई लोग संक्रमित बताए गए हैं। महमूदपुर गढ़ी में मीना की मौत हो चुकी है और चार लोग संक्रमित संक्रमित बताए गए हैं। महलवाला में हशमत आढ़ती की पत्नी, कामेश जोगी और नफीस की मौत हो चुकी है कई लोग संक्रमित हैं। भड़ौली में बिशंबर, राजपाल, राजबीर की संदिग्ध बुखार से मौत हो चुकी है गांव में कई लोगों पर बुखार के कहर जारी है।

सादुल्लापुर में अर्जुन, रामरतन, ईश्वर सिंह, अतर कली, रकम सिंह, परसंदी, महासिंह, बसंती, फौजी अमरीक, कमलेश धीर सिंह आदि की संदिग्ध बुखार और कोरोना से मौत हो चुकी है। कई लो संक्रमित बताए गए हैं। असीलपुर में संगीता पत्नी बंटी की कोरोना से मौत हो चुकी है।

गेसूपुर शुमाली व जुनूबी में भी कई लोग संदिग्ध बुखार की चपेट में हैं। उधर, स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि माछरा ब्लाक के 42 गांवों में संक्रमण के लिहाज से प्रथम स्थान पर भटीपुरा, द्वितीय पर माछरा, तृतीय पर शाहजहांपुर और चतुर्थ पर किठौर है। कोई गांव ऐसा नही जिसमें कोरोना संक्रमित न हों।

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प्रशासन की लापरवाही से फैला कोरोना

लोगों का कहना है कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप में आम आदमी की तो घोर लापरवाही है, लेकिन प्रशासन भी कम जिम्मेदार नहीं। पिछली बार कोरोना की वेव शुरू होते ही प्रशासन से लेकर आम आदमी तक अलर्ट हो गया था, लेकिन इस बार पंचायत चुनाव में हुई रैलियों, बैठकों मतदान और मतगणना के दौरान प्रशासन की लापरवाही ने कोरोना को पैर पसारने का मौका दे दिया। अगर प्रशासन चुनाव में सख्ती अख्तियार कर लेता तो देहात में कोरोना शायद नहीं फैलता।

भय और वक्त पर इलाज नहीं मिलने से हो रहीं मौत

कोरोना संक्रमण भयंकर महामारी है। इसके बावजूद अगर रोगी को वक्त पर सही उपचार मिल जाए तो उसकी जान बच जाती है, लेकिन जब सिस्टम ही कभी दवा तो कभी बेड, कहीं नर्सिंग स्टाफ के अभाव और अव्यवस्था के दौर से गुजर रहा हो तो मरी हुई संवेदनाओं में जिंदगी की कल्पना कहां? ऐसे में अगर कोई कोरोना संक्रमण से उबर जाए तो उसे सिकंदर ही कहा जाएगा।

सरधना के गांवों में मौत का आंकड़ा एक नजर में

जुल्हैड़ा गांव के उमेश शर्मा बताते हैं कि पिछले एक पखवाड़े में करीब 13 लोगों की आकस्मिक मौत हो चुकी है। इसके अलावा दर्जनों लोग बुखार की चपेट में हैं। इलाज के नाम पर यहां चंद लोगों की कोरोना जांच हुई है। सरकारी रिकॉर्ड में चार लोगों की कोरोना से मौत हुई है।

ईकड़ी गांव के जिला पंचायत सदस्य अनिकेत भारद्वाज बताते हैं कि उनके गांव में एक पखवाड़े में करीब 25 लोगों की मौत हो चुकी है। दो दिन पूर्व एक ही दिन में तीन लोगों की मौत हुई है। उनका कहना है कि गांव में करीब 50 प्रतिशत लोग कोरोना की चपेट में हैं। यहां दो बार टेस्टिंग हुई है। उनमें मिले कोविड मरीजों को होम आइसोलेट करके दवाई किट दे दी गई। इसके बाद कोई झांकने वाला नहीं है।

छुर गांव में भी करीब 50 से अधिक लोगों की इसी तरह मौत हो चुकी है। ग्राम प्रधान सेंसरपाल सिंह के पिता की भी चार दिन पहले मौत हो गई। जगमोहन सिंह बताते हैं कि बेड और आॅक्सीजन के अभाव में लोगों की जान जा रही है।

खेड़ा गांव में करीब 35 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां भी ग्रामीणों का कहना है कि करीब दो दर्जन लोगों का आकस्मिक निधन हो चुका है, जिसके बाद ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है। इन चार गांवों में मौत का आंकड़ा सौ के पार जा चुका है। मगर अफसोस सरकारी रिकॉर्ड में उनका कोई हिसाब नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इन लोगों की मौत अन्य बीमारियों के कारण हुई है।

’ गांवों में कोरोना जांच कराई जा रही है। स्टाफ की कमी है, जिसके चलते एक दिन में सिर्फ एक ही गांव में टेस्टिंग हो पा रही है। गांवों में जो मौत हो रही है, उनकी मौत की वजह कोरोना से नहीं हुई है। इसकी जांच पड़ताल की जा रही है। पूरी कोशिश की जा रही है कि प्रत्येक मरीज तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचे।
                                                                            -डा. राजेश कुमार, सीएचसी प्रभारी सरधना


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हालात बिगड़े तब दौड़े अफसर
सीडीओ ने खेड़ा समेत कई गांवों का किया दौरा सैंपलिंग कराई
’ जनवाणी संवाददाता, सरधना
ग्रामीण क्षेत्र के हालात को देखते हुए अब अधिकारी गांवों का रुख कर रहे हैं। गुरुवार को सीडीओ व बीडीओ ने प्रशासनिक अमले के साथ खेड़ा समेत कई गांवों का दौरा किया। खेड़ा में ग्रामीणों की कोरोना जांच कराई गई। साथ ही कंटेनमेंट जोन का भौतिक सत्यापन किया। इसके अलावा प्रधान स्तर से गांव में सफाई कराने के साथ ही सैनिटाइजेशन और कीटनाशक दवाई का छिड़काव कराया गया। गुरुवार को सीडीओ शशांक चौधरी ने प्रशासनिक अमले के साथ खेड़ा गांव का दौरा किया। उन्होंने बीडीओ और ग्राम प्रधान कपिल सोम के साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व अन्य कर्मचारियों से बात की। ग्रामीणों से मुलाकात करते हुए हालात के बारे में जाना। साथ ही गांव में बड़े स्तर पर कोरोना की टेस्टिंग कराई गई, जिनमें दो मरीज कोरोना पॉजिटिव निकले। मरीजों को होम आइसोलेट किया गया। साथ ही कंटेनमेंट जोन बनाए गए। गांव में हालात का जायजा लेने के बाद अधिकारी वापस लौट गए। उधर, सकौती में बुखार व कोरोना के कहर से दर्जनभर मौत होने के बाद आखिर प्रशासनिक अधिकारियों की नींद गुरुवार को टूट ही गई। सीडीओ ने गांव पहुंचकर अस्थायी कोविड सेंटर का निरीक्षण कर व्यवस्था देखी। सकौती में पंचायत चुनाव के बाद बुखार व कोरोना संक्रमण तेजी से फैला, जिसके चलते सकौती में 20 से अधिक लोगों की कोरोना से जान चली गई। स्वास्थ्य विभाग ने कैंप लगाकर ग्रामीणों की जांच की। जांच में प्रधान समेत 25 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले,जिन्हें होम क्वारंटीन कर दिया गया। सीडीओ शशांक चौधरी ने अस्थायी कोविड सेंटर का निरीक्षण किया। उन्होंने बेड, आॅक्सीजन व दवा उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए। इसके अलावा ब्लॉक अधिकारियों से गांव में साफ सफाई व सैनिटाइजेशन कराने के आदेश दिए। निरीक्षण के दौरान बीडीओ सुनित भाटी, लेखपाल ललित कुमार, प्रधान पति शैलेंद्र कुमार, चौधरी शीवेंद्र आदि मौजूद रहे।


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